जम्मू-कश्मीर में मजबूत होंगे भूमि अधिकार, नए कानून पर विचार

विधेयक को संसद से दिलाई जाएगी मंजूरी

उदय भूमि ब्यूरो

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए राहत की खबर है। उनके भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए नया कानून बनाने की तैयारी चल रही है। इससे नागरिकों की चिंताओं को भी दूर किया जा सकेगा। फिलहाल विधेयक के मसौदे पर विचार हो रहा है। बाद में विधेयक को संसद के समक्ष रखा जाएगा।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद वहां के नागरिकों के मन में अनेक आशंकाएं पैदा हो गई हैं। इसके मद्देनजर इस केंद्र शासित राज्य के वाशिंदों के भूमि अधिकारों के लिए नया कानून बनाने पर काम शुरू किया गया है, जिससे नागरिकों की सभी चिंताएं दूर हो सकेंगी। संसद में इस बावत विधेयक पारित होने के बाद जम्मू-कश्मीर में भूमि पर अधिकार खोने का वहां के नागरिकों का डर दूर हो जाएगा। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के 2 हिस्सों में विभाजित होने के बाद से कोई चुनाव नहीं होने के कारण अभी कोई विधान मंडल नहीं है, इसलिए इस संबंधी विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने विगत 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, जिससे भूमि या अचल संपत्ति और नौकरियों पर स्थानीय नागरिकों के विशेषाधिकार समाप्त हो गए थे। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के नागरिकों में केंद्रशासित प्रदेश में बाहरी नागरिकों के आकर बसने की आशंका उत्पन्न हो गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के लिए नए अधिवास नियम पर अपने सर्कुलर को घाटी में विरोध को ध्यान में रखकर संशोधन के सप्ताहभर के भीतर पलट दिया था। संशोधित आदेशानुसार अधिवास प्रमाण पत्र रखने वाले नागरिकों को ही वहां नौकरियों में भर्ती के लिए आवेदन की अनुमति होगी।