उदय भूमि ब्यूरो
लखनऊ। अभी 2020 है लेकिन यूपी में 2022 की चर्चा के साथ चुनावी तैयारियां भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ाने में जुट गई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रविवार को अपने सभी कार्यकतार्ओं के लिए ‘ 2022 में साइकिल’ का संदेश दिया। अखिलेश ने अपने 12 पन्ने के संदेश में कहा है कि 1942 की अगस्त क्रांति की अवधारणा के आधार पर ही वर्ष 2022 में सपा की सरकार बनने के लिए संघर्ष करते हुए लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर मानवता को पूंजीवादी हिंसा से मुक्ति दिलानी है तो समाजवाद का सपना देखना होगा। वर्ष-2022 में हमें अपनी तैयारियों को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना है। उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति के शहीदों का सपना देश में किसान, मजदूर और युवाओं का राज स्थापित करना था। इस सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है। समाजवादियों ने अगस्त क्रांति और जेपी आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। आज फिर से समाजवादियों को आगे आना होगा। समाजवादी विचारधारा के लोगों को एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए काम करना होगा।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को सिर्फ एक बात मन में रखना है बाइस में बाइसिकल। कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान सत्ता के दुरुपयोग का दौर शुरू हुआ लेकिन लोकतंत्र विरोधी आपतकाल के निर्णय के खिलाफ जनता ने अपने को दिखा दिया था। लेकिन भाजपा ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विनाशकारी रास्ता अपना लिया है और लोकतंत्र की आवाज को सुनकर भी अनसुना कर रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने केंद्र और राज्यों में सरकारें चलाई हैं और दोनों ही पार्टियों ने संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आजम खां का किया जिक्र
अखिलेश ने सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खां का नाम लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार सपा नेताओं को अपमानित करके उन्हें झूठे मुकदमा में फंसा रही है। भाजपा समझती है कि इससे सपा का मनोबल तोड़ा जा सकता हैए लेकिन ऐसे करने में वह सफल नहीं होगी।
डिजिटल माध्यम से भेजा संदेश
कोरोना महामारी के मद्देनजर सपा अध्यक्ष ने यह संदेश पार्टी राज्यसभा सदस्य जया बच्चन और रामगोपाल यादव को डिजिटल माध्यम से भेजा। इसे प्रदेश में सपा के सभी विधायकों, सांसदों, जिला इकाइयों और जमीनी स्तर पर काम कर रहे बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं तक भेजा जाएगा और इसमें सभी डिजिटल माध्यमों का सहारा लिया जाएगा।