महामेधा बैंक का 100 करोड़ का घोटाला: पूर्व चेयरमैन समेत 24 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

गाजियाबाद। नई बस्ती स्थित बंद हो चुके महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के 100 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले मामले में कई साल बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए घंटाघर कोतवाली में पूर्व चेयरमैन समेत 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोतवाली में शुक्रवार की देर रात बैंक से जुड़े पूर्व अधिकारियों और कार्यकारिणी से जुड़े 24 लोगों पर मामला दर्ज कराया गया। माना जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद गड़बड़ी,गबन और घोटाले में शामिल लोगों से क्षतिपूर्ति का काम अब जल्द शुरू हो सकता है। सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक देवेंद्र सिंह द्वारा दी गई तहरीर के बाद एफआईआर दर्ज की गई। सहायक आयुक्त एवं  सहायक निबंधक देवेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि बैंक बंद है,इस पूरे मामले में स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है। कोतवाली में दर्ज कराई एफआईआर मेंं स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में बैंक में कुल 99 करोड़ 85 लाख 12 हजार 347 रुपए का यह घोटाला हुआ हैं। आरोप है कि महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने आपसी मिलीभगत कर कई सालों के दौरान बैंक में जिन हजारों की संख्या में खाताधारकों ने खाते खुलवाए। उनके 100 करोड़ रुपए से ज्यादा हड़प लिए। महामेधा बैंक के गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्धनगर और हापुड़ जिले में कुल 37,588 खाताधारक थे। इसका पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बैंक के खाताधारकों में 36,176 खाता धारक एक लाख से कम जमा वाले थे। इनके करीब 100 करोड़ से ज्यादा बैंक की शाखा में रुपए जमा थे। भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई)द्वारा कुछ महीने पहले ही जारी किए गए निर्देश के मुताबिक, इन सारे खाताधारकों को अब केवल 1-1 लाख रुपए बतौर बीमा राशि ही मिलेंगे। इनकी बाकी धनराशि डूब गई है। बता दें कि आरबीआई ने वर्ष-2001 में महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को गाजियाबाद,हापुड़ और गौतमबुद्ध नगर में बैंक शाखा को मंजूरी दी थी। यह बैंक शुरू से ही कई तरह की अनियमितताओं के चलते चर्चा में रहा था। इस नाम से एक अखबार भी प्रकाशित किया जाता था,जिसे कुछ साल बाद बंद कर दिया गया। इसमें भी गड़बडी की बात सामने आई थी। गड़बड़ी की कई शिकायतें मिलने के चलते 11 अगस्त 2017 को आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। एक साल बाद ही 27 जून 2018 को स्पेशल ऑडिट का आदेश जारी हुआ था। उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा -68 के तहत 28 जनवरी 2019 में ये कहा गया था कि  बैंक के हिस्सेदारों के खिलाफ  एफआईआर कराने के साथ वसूली भी की जाएगी। इस मामले में सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक देवेंद्र सिंह ने 24 लोगोंं के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें बैंक के चेयरमैन रहे स्वर्गीय पप्पू भाटी,इनके भाई राजसिंह भाटी,ईएस ल्यूक, अशोक कुमार चौहान,अशोक कुमार चावला,पंकज गुप्ता,तारा चंद शर्मा, अभिषेक कुमार पांडेय,ब्रजवीर सिंह,चंद्र प्रकाश सिंह,सुनीता भाटी,अरविंद कुमार सिंह,सौरभ जौहरी,विकास सिंघल,सोनवीर सिंह,विनय गोयल,सुशांत शर्मा,कपिल मल्होत्रा,सुरेश चंद शर्मा,सुनील भाटी,शिव कुमार शर्मा,लहरू शर्मा शामिल है।कोतवाली प्रभारी संदीप सिंह का कहना है कि सहायक निबंधक की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले पूरी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।