चुनाव जीतते ही पार्षद ने बदले रंग, वोट के बाद दुकानों पर चलवा रहे बुलडोजर

-अतिक्रमण हटाने के नाम पर भाजपा कार्यालय के आगे चलाया बुलडोजर

गाजियाबाद। नगर निकाय चुनाव खत्म क्या हुआ, नेता जी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। चुनाव के समय जो नेता हाथ जोड़कर वोट मांगते नजर आते थे, वहीं नेता आज जीतने के बाद आंखे दिखाने से नहीं गुरेज कर रहे है। विकास कराने वाले पार्षद आज खुद विकास के नाम पर लोगों का शोषण करते नजर आ रहे हैं।
वैश्य अग्रवाल परिवार के संयोजक एवं व्यापारी एकता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का शुक्र चौक के पास गुप्ता एसोसिएटस के नाम से कार्यालय है। नगर निकाय चुनाव 2023 के दौरान प्रदीप गुप्ता ने मानवता के तौर पर अपने कार्यालय का कुछ हिस्सा भाजपा प्रत्याशी सिद्धि प्रधान को दिया हुआ था। वहीं सिद्धि प्रधान के सामने निर्दलीय प्रत्याशी अनुज त्यागी खड़े थे।

चुनाव के दौरान अनुज त्यागी ने भाजपा प्रत्याशी को तो हरा दिया। मगर अब जीतने के बाद भाजपा के समर्थकों को चिन्हित कर उनसे चुनावी रंजिश निकाल रहे है। चुनाव के दौरान जिन हाथों को जोड़कर वोट करने की अपील कर रहे थे, तो वहीं अब उन्हीं हाथों से बुलडोजर चला रहे है। पार्षद का कहना है कि यह अवैध अतिक्रमण है, जिसे हटाया जा रहा है। अतिक्रमण के नाम पर अब भाजपा समर्थकों के कार्यालय पर ही बुलडोजर चलाने पर आमादा है। पार्षद अनुज त्यागी की इस कार्रवाई से वैश्य अग्रवाल परिवार एवं व्यापारियों में रोष है। व्यापारियों का कहना है कि पार्षद ने चुनावी रंजिशन यह बुलडोजर चलाया है। अगर अतिक्रमण ही हटाना था तो अन्य व्यापारियों के कार्यालयों पर क्यों नहीं बुलडोजर चलवाया गया। अतिक्रमण के नाम पर पार्षद व्यापारियों का शोषण कर रहे है। जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वैश्य अग्रवाल परिवार के अध्यक्ष अनिल जैन का कहना है कि नगर निकाय चुनाव में प्रदीप गुप्ता ने अपने कार्यालय का कुछ हिस्सा चुनाव कार्यालय के लिए भाजपा प्रत्याशी सिद्धि प्रधान को दिया था।

मगर वह हार गई और निर्दलीय प्रत्याशी अनुज त्यागी जीत गए। यह सब रंजिशन किया जा रहा है। बुधवार को पार्षद ने सिर्फ गुप्ता एसोसिएटस एवं उसके पास वाली दुकान के आगे अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलवाया है। जिससे प्रदीप गुप्ता के साथ भाजपा समर्थको को परेशान किया जा सकें। इनकी इस मानसिकता से क्षेत्र में गलत असर पड़ रहा है। पार्षद का कार्य होता है क्षेत्र का विकास करना और जनता की समस्या का निस्तारण करना ना कि जीतने के बाद जनता को ही परेशान करना। पार्षद के खिलाफ वैश्य समाज और व्यापारियों में रोष है। अगर यह कार्रवाई नहीं रोकी गई तो पार्षद के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। पार्षद की मनमानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अतिक्रमण के खिलाफ अगर कार्रवाई ही करनी है तो पूरी मार्किट में बुलडोजर चलवाएं, ना कि सिर्फ भाजपा समर्थको के कार्यालय पर।