सावधान! शराब पीयो, जहर नहीं, अवैध शराब मचा सकती है बड़ी तबाही

-शराब के शौकिनों की जिंदगी बचाने के लिए आबकारी विभाग ने चलाया जागरुकता अभियान
-अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चस्पा किए पम्मलेट

गाजियाबाद। त्योहारी सीजन में अवैध शराब की बिक्री और निर्माण के खिलाफ आबकारी विभाग लगातार कार्रवाई कर शराब माफियाओं की कमर तोडऩेे के लिए लगातार अभियान चला रहा हैं। जिससे लोगों को अवैध शराब के सेवन से बचाया जा सकें। कच्ची और अवैध शराब लोगों की जिंदगी में तबाही मचा सकती हैं। जहरीली शराब से प्रदेश में कई घटनाएं घट चुकी हैं। जिस पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग और पुलिस अपना काम कर रहीं हैं, लेकिन जरुरत है लोगों को भी जागरुक होने की। बिना जागरुकता के अवैध शराब के कारोबार पर पूर्ण रुप से अकुंश नही लगाया जा सकता हैं। लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से आबकारी विभाग लगातार अवैध शराब के खिलाफ जागरुकता अभियान भी चलाता है। जिससे लोग भी अवैध शराब के सेवन से बचे और इसके खिलाफ जागरुक हो सकें। समय-समय पर पुलिस-आबकारी विभाग संयुक्त अभियान चलाकर अवैध शराब के अड्डों में तोडफोड़ कर शराब नष्ट करने के साथ ही धंधे से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका हैं। जानकारी के अभाव एवं कम पैसों से मिलने वाली शराब का लोग अक्सर सेवन कर लेते हैं। जिसका परिणाम यह होता हैं कि अवैध शराब के सेवन से वह गंभीर बिमारी का शिकार हो जाता हैं या फिर उसकी मौत हो जाती हैं।

जनपद में आबकारी विभाग ने अब अवैध शराब के घातक नतीजों के विषय में जन-साधारण को जागरूक करने के लिए पोस्टर चस्पा कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में शराब माफिया अपने मुनाफे के लिए अवैध रूप से शराब का निर्माण करते है। लेकिन विगत एक वर्ष से उनके कारोबार को समय रहते आबकारी विभाग ध्वस्त करने में हर बार कामयाब रहा है। होली पर्व बेहद नजदीक है। इसके मद्देनजर आबकारी विभाग सक्रिय हो गया है। जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहा हैं।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, आशीष पाण्डेय, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अभय दीप सिंह, त्रिभुवन सिंह हयांकी, राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा की टीम द्वारा जिले में अवैध मदिरा/विषाक्त मदिरा से सचेत करने के लिए संदेश लिखे पोस्टर जगह-जगह चस्पा किए जा रहे हैं। शौकीन हो तो शराब पियो, जहर नही, अवैध शराब का शौक है, तो उसे छोड़ दें। इसमें मिथाइल अल्कोहल की मिलावट हो सकती है। ऐसी शराब के प्रयोग से अंधेपन के साथ-साथ जान जाने का भी खतरा भी बना रहता है। अवैध शराब के दुष्परिणाम के बारे में जन साधारण को अवगत कराने के लिए लाउडस्पीकर से संदेश भी प्रसारित कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री को रोकने के लिए विभागीय स्तर पर निरंतर कार्रवाई चल रही है। शराब माफिया को मनमानी करने की बिल्कुल भी छूट नही दी जाएगी। अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ जन जागरूकता का भी सहारा लिया जा रहा है। इस अभियान में सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। सिर्फ कार्रवाई से लोग जागरूक नहीं हो सकते हैं, अवैध रूप से शराब बनाकर बेचने वाले लोगों को उसके नुकसान के बारे में बताया जा रहा है, जिससे लोग जागरूक हो सकें। क्योंकि अवैध शराब की बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी है। बिना जागरूकता के अवैध शराब की बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाना संभव नही है। जिले के सभी आबकारी इंस्पेक्टरों को अपने-अपने क्षेत्र में लोगों से तालमेल बनाने के निर्देश दिए गये है। टीम द्वारा लगातार तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है। आबकारी अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है।

स्वास्थ्य व जीवन के साथ न करें खिलवाड़

राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ जन जागरूकता का कार्यक्रम भी किया जा रहा है। इस अभियान में सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ कार्रवाई से ही लोग जागरूक नहीं हो सकते हैं, अवैध रूप से शराब बनाकर बेचने वाले लोगों को उसके नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। समाजसेवियों, अभिभावकों व अध्यापकों को, युवाओं को जागरूक होने की जरूरत है। अवैध शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जनता सस्ती व मिलावटी शराब पीने से परहेज करे। इच्छुक व्यक्ति केवल सरकारी दुकान से ही शराब खरीदें। सस्ती शराब के चक्कर में नुकसान उठाना पड़ सकता है। मिलावटी शराब पीकर खुद के स्वास्थ्य व जीवन के साथ खिलवाड़ न करें। सरकारी दुकान पर शराब लेते समय सील बंद, क्यू आर कोड देखकर ही शराब खरीदें। अवैध शराब बिक्री की सूचना क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक को दें, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सकेंं और सूचना देने वाले का नाम विभाग गोपनीय रखता है।