सावधान! महुआ रानी की कच्ची शराब कभी भी पहुंचा सकती है यमलोक

-चुनाव आते ही देहात क्षेत्र में सुलगने लगी महुआ कच्ची शराब की भट्टी
-आबकारी विभाग की टीम ने दबिश देकर बरामद की 10 लीटर कच्ची शराब

लखनऊ। जिले में महुआ से निर्मित अवैध शराब को नशेडिय़ों ने महुआ रानी का नाम दिया हुआ है। गांव-गांव तैयार होने वाली इस शराब की न तो तीव्रता का कोई पैमाना है और न ही निर्माण के समय खतरे का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में यह जहर ग्रामीण अंचलों के अलावा कतिपय कस्बों में इसका कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। इच्छाशक्ति का अभाव व आंकड़ों की बाजीगरी इसे बढ़ावा देने वाली है। यह शराब तब जहर बन जाती है, जब इसमें घातक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है अथवा निर्माण के समय चूक हो जाती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए भी एक कमाई का साधन बन गया है। भले ही वह आज इस चीज से अंजाम हो कि वह अपने लाभ के लिए लोगों को मौत बाट रहे है। वहीं दुसरा महुआ की शराब में लागत कम और मुनाफा ज्यादा भी है। जिसके निर्माण के लिए उन्हें कहीं दूर भी जाना नहीं पड़ता है। बस पेड़ के नीचे महुआ एकत्रित कर उसमें गुड का इस्तेमाल कर घर के अंदर ही चूल्हा बनाकर निर्माण करने लगते है। उसमें अगर अधिक नशा करना हो तो नशे की गोलियां आदि मिला देते है।

मगर इस तरह से तैयार की शराब की गुणवत्ता के साथ-साथ नशे का भी कोई मानक नहीं होता है। शराब कितनी जहरीली है यह तो पीने के बाद ही पता चलता है। इसलिए आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई के बीच बीच में लोगों के बीच जाकर जागरुकता अभियान चलाता रहता है। जिससे लोगों को इस अवैध शराब के सेवन से बचाकर उनका जीवन सुरक्षित कर सकें। मगर उसके बाद भी कुछ लोग अपनी कमाई के चक्कर में इस धंधे को चमकाने का काम कर रहे है। अवैध कच्ची शराब के धंधे में पहले जहां पुरुष आगे रहते थे तो वहीं आज महिलाएं भी आगे बढ़कर इस धंधे में पूरी तरह से उतर चुकी है। जिस महुआ का इस्तेमाल लोग खाने में इस्तेमाल करते थे आज उसी महुआ का इस्तेमाल अवैध शराब के निर्माण में किया जा रहा है। टीम जब छापामार कार्रवाई करती भी है तो तस्करों को पहले से ही पता चल जाता है जिससे वह घर की महिलाओं को छोड़कर भाग जाते हैं जिससे पकड़ी गई महिलाओं को तुरंत जमानत पर छोड़ दिया जाता है। अवैध कच्ची शराब का कारोबार ऐसे ही नहीं परवान चढ़ा है।

इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। साझा अभियान के वक्त अन्य विभाग के विभाग के विभीषण सूचना लीक कर देते है। इसलिए जब संबंधित थाना एवं चौकी को सूचना दिए बगैर आबकारी विभाग कार्रवाई करता है। अवैध शराब की बिक्री से जहां गांवों का माहौल खराब हो रहा है, वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की आदी होती जा रही है। ऐसा भी नहीं है कि अवैध शराब के कारोबार की जानकारी आबकारी विभाग के साथ पुलिस प्रशासन को न हो, लेकिन जानकारी के बावजूद गांवो के आसपास की चौकी एवं थाना पुलिस अपनी आंखे मूंदकर बैठी हुई है। अवैध रूप से गांव-गांव में संचालित हो रही अवैध शराब की दुकानों ने गांवों का माहौल दूषित कर दिया है। एक बार फिर से आबकारी विभाग की टीम ने चुनाव से पहले अवैध शराब की भट्टी को ध्वस्त कर दिया। जिसमें कच्ची शराब को बरामद किया गया। मगर आबकारी विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही तस्कर फरार हो गए।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया मंगलवार को आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-4 अभिषेक सिंह की टीम द्वारा थाना माल अंतर्गत ग्राम भभूतीखेड़ा, नारूखेड़ा, वीरपुर में संदिग्ध घरों, खेतों, बगीचों एवं तालाबों के किनारे के संदिग्ध स्थानों पर दबिश और छापेमारी की गई। दौरान दबिश मौके से लगभग 10 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद किया गया। आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में 1 अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियान चलाकर अवैध कच्ची शराब के कारोबार को नष्ट किया जा रहा है। जिलेभर में व्यापक अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार कर कार्रवाई की जा रही है। सभी आबकारी निरीक्षकों को लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा ग्रामीणों क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाकर लोगों को अवैध शराब के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। जिससे लोग अवैध शराब के सेवन से बच सकें और उनके आसपास होने वाली अवैध शराब के कारोबार की सूचना आबकारी विभाग को दें सकें। लोगों की जागरूकता से ही अवैध शराब का धंधा खत्म होगा, जिसमें आबकारी विभाग को भी काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। जिस ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है, वहां अब कच्ची शराब का कारोबार समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। नहीं मानने वाले तस्करों को सबक सिखाने के लिए उन पर कार्रवाई भी की जा रही है।

शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया लोकसभा चुनाव को लेकर जनपदीय टीमों द्वारा लगातार शराब की दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है। टीम ने दस्तावेज देखने के साथ ही स्टाक भी चेक किया। साथ ही दुकानों पर गुप्त टेस्ट परचेजिंग भी कराई गई। आबकारी निरीक्षकों ने स्टाक रजिस्टर से दुकानों में रखे स्टाक को मिलाया। वहीं मोबाइल ऐप के जरिए बारकोड से शराब की गुणवत्ता भी जांची। जिसके बाद अंग्रेजी शराब व बीयर की दुकानों की भी जांच पड़ताल कर मौजूद कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के समय कोई गंभीर अनियमितता नहीं पायी गयी। शराब दुकानों के अनुज्ञापियों को दुकानों का संचालन नियमानुसार करने के निर्देश दिए गए। शराब की दुकान पर हुए औचक निरीक्षण से विक्रेताओं में हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान टीम ने देशी शराब दुकान की कैंटीनों में साफ-सफाई की व्यवस्था का निरीक्षण किया। गूगल पे, पेटीएम, फोन पे जैसे डिजिटल भुगतान की सुविधा रखने के सख्त निर्देश दिए।