झटका : भाजपा को धार्मिक यात्रा की इजाजत नहीं

तमिलनाडु सरकार ने कोरोना का हवाला दिया

चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने धार्मिक यात्रा वेत्री वेल निकालने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में मद्रास हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इससे भाजपा को झटका लगा है। भाजपा ने यह यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। यह धार्मिक यात्रा 6 नवंबर यानि कल से 6 दिसंबर के बीच आयोजित की जानी है। तमिलाडु सरकार ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) का हवाला देकर यात्रा की मंजूरी देने से इंकार किया है। सरकार का तर्क है कि यात्रा निकाले जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सरकार आधिकारिक तौर पर भाजपा की राज्य इकाई को इस निर्णय से अवगत कराने की तैयारी में है। दरअसल भाजपा की राज्य इकाई भगवान मुरुगन को समर्पित यह धार्मिक यात्रा निकालना चाहती है। समझा जाता है कि भाजपा यह यात्रा अगले साल प्रस्तावित विधान सभा चुनाव से पहले हिंदू मतदाताओं को ध्यान में रखकर करना चाहती है। यात्रा का कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। यात्रा 6 नवंबर को थिरुत्तानी से आरंभ होकर 6 दिसंबर को थिरुचेंदूर में समाप्त की जानी है। रथयात्रा के स्वरूप वाली इस यात्रा में भगवान मुरुगन के 6 मंदिरों की तस्वीरों का प्रयोग किया जा रहा है। इनमें राज्य में स्थित पलानी, स्वामीमलाई और पझालमुदिरचोलाई के मंदिर सम्मिलित हैं। हाईकोर्ट ने इस यात्रा के संबंध में उन 2 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। याचिका कर्ताओं का कहना था कि यात्रा के कारण से राज्य में कोरोना महामारी का असर बढऩे का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। याचिका कर्ताओं का यह भी तर्क था कि यह यात्रा 6 दिसंबर को समाप्त हो रही है। 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की वर्षगांठ है। ऐसी स्थिति में राज्य में सांप्रदायिक तनाव की हालत भी उत्पन्न होने का डर है।