उद्यमियों की पहल: प्रदूषण रोकने के लिए 60 फैक्ट्रियों को स्वेच्छा से किया बंद

औद्योगिक क्षेत्र में 60 फैक्ट्रियों को स्वेच्छा से किया बंद

गाजियाबाद। जनपद में वायु प्रदूषण की स्थिति निरंतर चिंता का कारण बनी है। आवोहवा साफ न होने से जन-स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उधर, जिला प्रशासन की अपील पर उद्यमी भी सहयोग करते दिखाई दे रहे हैं। जिलाधिकारी की अपील का असर उद्यमियों पर इस कदर हुआ कि लोनी के रूप नगर औद्योगिक क्षेत्र में 60 फैक्ट्रियों को स्वेच्छा से बंद कर दिया गया। वहां कार्यरत कर्मचारियों को निरंतर वेतन दिया जा रहा है। यंग रूरल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय से कैंप कार्यालय में मुलाकात की। उद्यमियों ने जिलाधिकारी को बताया कि वायु प्रदूषण को देखते हुए औद्योगिक क्षेत्र मेंं अपनी-अपनी फैक्ट्री के आसपास रोजाना पानी का छिड़काव कराते रहेंगे। ताकि वेस्ट इकाई व आसपास नहीं जलाएंगे। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने डीएम को बताया कि लोनी के रूप नगर औद्योगिक क्षेत्र में साठ फैक्ट्रियों का संचालन बंद कर दिया गया है। इन फैक्ट्रियों में कार्यरत 600 श्रमिकों को वेतन दिया जा रहा है। संबंधित इकाइयों में एलपीजी बॉयलर लगाने की कार्ययोजना बन रही है ताकि भविष्य में न वायु प्रदूषण फैले और ना उद्योगों का संचालन रोकने पड़े। उद्यमियों ने बताया कि सभी इकाइयों के आस-पास प्रतिदिन पानी का छिडक़ाव कराया जा रहा है। किसी भी इकाई के पास कूड़ा नहीं जलाया जाएगा। उद्यमियों ने वायु प्रदूषण से निपटने में प्रशासन का हरसंभव सहयोग करने की बात कही है। जिलाधिकारी ने कहा कि यंग रूरल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के इस सराहनीय कार्य की जिला प्रशासन प्रशंसा करता है। वायु प्रदूषण नियंत्रण की ओर से बढ़ाए गए कदम से जनपद के अन्य औद्योगिक इकाईयों को भी संदेश भेजा जाएगा। डीएम डॉ. पांडेय का कहना है कि दिल्ली से सटे लोनी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति ज्यादा खराब है। इसके मद्देनजर वहां सख्ती बरती जा रही है। उन्होंने उद्यमियों द्वारा सहयोग करने की प्रशंसा की है।