पालघर में साधुओं की हत्या की सीबीआई जांच महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार को नामंजूर

– महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की मौजूदगी में भगवा वस्त्र पहने साधुओं की पीट-पीट कर कर दी गई थी हत्या
– सुप्रीम कोर्ट को बताया, डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की

उदय भूमि ब्यूरो
मुंबई। चर्चित पालघर मॉब लिंचिंग केस में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच की जरूरत से साफ इंकार कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है। सरकार का दावा है कि विभागीय जांच के बाद डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। बता दें कि संतों ने पालघर मॉब लिंचिंग केस की जांच सीबीआई से कराने की पुरजोर मांग की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस केस की तथ्यात्मक जांच नहीं की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना था कि आवश्यकता पडऩे पर सीबीआई जांच के लिए अदालत का रूख किया जाएगा। उधर, देश की शीर्ष अदालत ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस से इस बावत स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने लिचिंग केस में दोषी पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। इसके जबाव में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना रूख स्पष्ट किया है। सरकार का कहना है कि इस केस की सीबीआई जांच कराए जाने की जरूरत नहीं है। विभागीय जांच के उपरांत डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। सनद रहे कि विगत 16 अप्रैल की रात 2 साधु कार में सवार होकर मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में अंतिम संस्कार प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे थे। कार पर चालक भी था। इस बीच गडचिनचाइल गांव में एकत्र भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में उन पर जानलेवा हमला कर दिया था। भीड़ ने पीट-पीटकर कल्पवृक्ष गिरि महाराज और सुशील गिरि महाराज के अलावा कार चालक नीलेश यालगडे की हत्या कर दी थी। लॉक डाउन के दरम्यान यह हिंसक घटना सामने आने के बाद देशभर में काफी गुस्सा देखने को मिला था। संतों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।