सीईओ रवि कुमार एनजी की सख्त चेतावनी सुधर जाओ नहीं तो सुधार दूंगा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में शातिर अधिकारियों कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों के नापाक गठजोड़ पर चलेगा हंटर

बुधवार को प्राधिकरण कार्यालय के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय की स्थिति देखकर सीईओ रवि कुमार एनजी गुस्से से लाल हो गये। अधिकारी के कार्यालय में कई बाहरी लोग बैठे हुए थे। सीईओ ने कहा ऐसी हड़कतें आगे से बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। सीईओ की सख्ती से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बदनाम, लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में गहराई तक जड़ें जमा चुके शातिर अधिकारियों, कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों के नापाक गठजोड़ पर अब कार्रवाई का हंटर चलेगा। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार एनजी ने सख्त चेतावनी देते हुए इन सभी को सुधर जाने की नसीहत दी है। यदि अधिकारियों और कर्मचारियों का ढ़र्रा नहीं बदला तो उन पर कार्रवाई का जोरदार हंटर चलेगा। बुधवार को प्राधिकरण कार्यालय के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय की स्थिति देखकर सीईओ गुस्से से लाल हो गये। अधिकारी के कार्यालय में कई बाहरी लोग बैठे हुए थे। सीईओ ने कहा कि कार्यप्रणाली और आचरण को लेकर अधिकारी संजीदा रहे। ऐसी हड़कतें आगे से बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

आईएएस रवि कुमार एनजी को व्यवहार से नरम और काम के प्रति बेहद सख्त रूख रखने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ का चार्ज संभालने के बाद रवि कुमार एनजी ने अधिनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को पीड़ित और जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने का स्पष्ट निर्देश दिया था। दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की छवि बेहद खराब रही है। प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों पर काम नहीं करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली के बारें में यह धारणा रही है यहां कार्यालय के अंदर बाहरी और तिकड़मी लोगों का चक्रव्यूह है जिसमें आम शहरी और सीधे-साधे किसान पिस जाते हैं। रवि कुमार एनजी के सीईओ बनने से पहले तक आम लोगों का कार्यालय परिसर में पहुंच पाना भी काफी कठिन रहता था। रवि कुमार ने प्राधिकरण की कार्यपद्धति और संस्कृति को बदलने के साथ ही प्राधिकरण की बदनाम छवि को भी बदलने का बीड़ा उठाया है।

सीईओ के पास बुधवार को एक किसान पहुंचा और शिकायत की कि छह प्रतिशत आबादी विभाग में बाहरी लोग बैठे हैं और उनका काम नहीं हो पा रहा है। दरअसल बाहरी लोगों का अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ गठजोड़ है जिस कारण सीधे तरीके से लोगों का काम नहीं हो पाता है। शिकायत मिलने के बाद सीईओ ने करीब एक बजे विभाग का औचक निरीक्षण किया। यहां पर चार बाहरी लोग बैठे मिले। वह प्राधिकरण की फाइलों को देख रहे थे। सीईओ ने उन्हें फटकार लगाई। उन्हें चेतावनी दी कि अगर दोबारा इस तरह बैठे मिले तो कार्रवाई की जाएगी। चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया। सीईओ ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि ऐसे लोग यहां पर ना बैठे। अगर दोबारा ऐसा हुआ तो फिर आप भी नहीं बच पाएंगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीईओ की कार्रवाई से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बदनाम, लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।