बॉलीवुड को लुभा रहा है सीएम योगी का फिल्म सिटी प्रोजेक्ट मशहुर फिल्म निर्माता और निर्देशक केसी बोकाड़िया ने यमुना प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर जताई निवेश की इच्छा

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी फिल्म सिटी परियोजना को लेकर बॉलीवुड की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। फिल्म सिटी परियोजना को जल्द धरातल पर उतारने के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह बेहतर प्लानिंग के साथ तेजी से काम कर रहे हैं। शुरूआत में योजना बनाई गई थी कि किसी एक बड़ी कंपनी को ही फिल्म सिटी प्रोजेक्ट डेवलप करने की जिम्मेदारी सौंप दी जाये। इसको लेकर ग्लोबल टेंडर भी जारी किये गये हैं। टेंडर की आखिरी तारीख 31 मार्च है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने एक और प्लान तैयार किया है। प्लानिंग के मुताबिक यदि फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को लेकर यदि कोई एक कंपनी शर्तों को पूरा नहीं करती है या फिर कुछ अधिक निगोशिएशन करती है तो फिर प्राधिकरण प्लान बी के तहत फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। प्लान बी के मुताबिक फिल्म सिटी को चार पॉकेट में बांटकर विकसित किया जाएगा।

इसमें फिल्म क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली एजेंसी/कंपनी को सीधे जमीन आवंटित की जाएगी। शासन स्तर पर इस योजना को हरी झंडी मिल चुकी है। उधर, बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े दिग्गज लोग लगातार यमुना प्राधिकरण से संपर्क कर परियोजना में निवेश करने को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बुधवार को बॉलीवुड के मशहूर निमार्ता निर्देशक केसी बोकाड़िया यमुना प्राधिकरण पहुंचे और प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से मुलाकात की। उन्होंने सीईओ के साथ प्रस्तावित फिल्म सिटी परियोजना पर चर्चा की। सीईओ ने उन्हें योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें यह योजना बहुत पंसद आई। बोकाड़िया ने फिल्मसिटी में स्टूडियो स्थापित करने और यहां पर फिल्में बनाने को लेकर इच्छा व्यक्त की है। बॉलीवुड के कई और दिग्गज निर्माता निर्देशक और स्टार जेवर में बनने वाले फिल्म सिटी में निवेश करने को इच्छुक हैं।

यमुना सिटी में प्रस्तावित फिल्म सिटी अत्याधुनिक और हाईटक होगा और यह हॉलीवुड की टक्कर का होगा। मेगा इनवेस्टमेंट प्रोजेक्ट के तहत फिल्म सिटी परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। फिल्म सिटी में फिल्म से जुड़ी हर गतिविधि को मंजूरी दी गई है। यहां पर फिल्म की शूटिंग से लेकर रिलीज करने तक की सुविधा मिलेगी। यानी इंटरटेनमेंट, ओटीटी, ब्रॉडकास्टिंग, वी इफेक्ट, प्रोडक्शन हाउस, अपलिंकिंग, डाउनलिंकिंग सहित फिल्म और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी समस्त गतिविधियां यहां चल सकेंगी। फिल्म सिटी का प्रपोजल तैयार करने में फिक्की, सीआईआई, बांबे फिल्म इंडस्ट्री सहित कई अन्य देशों के फिल्म इंडस्ट्री और उद्योग से जुड़े लोगों के सुझाव को सम्मिलित किया गया है। फिल्म सिटी की परियोजना में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

यमुना प्राधिकरण सेक्टर-21 में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। विकासकर्ता कंपनी का चयन करने के लिए दूसरी बार ग्लोबल टेंडर निकाले गए हैं। इसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। अब इसकी तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी। अगर इसमें टेंडर नहीं आते हैं तो प्राधिकरण ने एक नया प्लान तैयार किया है। इस प्लान पर शासन भी सहमत है। जानकारी के मुताबिक प्लान बी के तहत फिल्म सिटी को चार पॉकेट में बांटकर विकसित किया जाएगा। पहला पॉकेट फिल्म स्टूडियो और इंस्टीट्यूट का होगा। दूसरे पॉकेट एम्यूजमेंट पार्क, तीसरे पॉकेट हॉस्पिटैलिटी और चौथे पॉकेट में व्यावसायिक गतिविधियां होंगी। इसके लिए नियम व शर्तें तय की जा रही है। योजना में रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स एंड विला, होटल, बजट होटल, कन्वेंशन सेंटर, फिल्म इंस्टीट्यूट, फिल्म स्टूडियो एंड वर्कशॉप, थीम पार्क, रिसॉर्ट, लैंडस्केप गार्डन, प्रोडक्शन हाउस एंड ऑफिसेज, एरिना, म्यूजियम, फिल्म सेट (स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल आदि), आउटडोर शूट लोकेशन, बिल्डिंग फुटप्रिंट, रेस्टोरेंट, एम्यूजमेंट पार्क, मेन पार्किंग एरिया आदि रहेगा।

योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है फिल्म सिटी
आपको बता दें कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में विकसित होने वाली फिल्म सिटी 1,000 एकड़ जमीन पर बसाई जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि यमुना फिल्म सिटी एक मुकम्मल फिल्म उद्योग का स्वरूप हासिल करे। कोई कहानीकार, निर्देशक या निर्माता केवल कहानी लेकर आए और फिल्म लेकर वापस जाए। शूटिंग, रिकॉर्डिंग, डबिंग, निर्माण, एडिटिंग, वीएफएक्स, ग्राफिक और कलर करेक्शन से लेकर मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन तक यमुना फिल्म सिटी से होना चाहिए। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह फिल्म सिटी उत्तर प्रदेश के टूरिज्म, कल्चर और इतिहास को नया रूप देगी। इससे ना केवल निवेश और नौकरियां मिलेंगी बल्कि उत्तर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को भी विश्व पटल पर रखने के अवसर मिलेंगे।