मीडिया 24/7 के खिलाफ विज्ञापन माफियाओं की साजिश नगर निगम को होगा करोड़ों का नुकसान

– विज्ञापन से नगर निगम को पहले मिलते थे डेढ़ से दो करोड़ अब हो रही है सालाना 16 करोड़ की आमदनी
– मैसर्स मीडिया 24/7 एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड को बदनाम करने के साथ कानूनी दांव पेंच में फंसाने की कोशिश

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। विज्ञापन माफिया काफी ताकतवर हैं। विज्ञापन के करोड़ों रुपये के खेल पर अपना सिक्का जमाये रखने के लिए हर तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। विज्ञापन माफिया द्वारा शहर में अवैध रूप से होर्डिंग्स यूनिपोल लगाकर मैसर्स मीडिया 24/7 एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। मैसर्स मीडिया 24/7 एडवरटाइजिंग ने नगर निगम को पत्र भेजकर शहर में लगे अवैध विज्ञापनों को हटाकर साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मीडिया 24/7 के साथ करार करने के बाद नगर निगम को विज्ञापन मद में होने वाली आमदनी काफी बढ़ गई है। पूर्व में जहां विज्ञापन मद में नगर निगम को महज डेढ़ से दो करोड़ रुपये मिलते थे वहीं, अब निगम को सालाना 16 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। विज्ञापन माफियाओं को यह बात पच नहीं रही है, वह किसी तरह मीडिया 24/7 को बाहर का रास्ता दिखाकर फिर से लूट खसोट करना चाहते हैं।

गाजियाबाद नगर निगम में विज्ञापन विभाग में खूब खेला होता रहा है। पूरे शहर में अवैध होर्डिंग्स का जाल विछाकर विज्ञापन माफिया करोड़ों की कमाई करने के साथ-साथ लोगों की जान के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। शहर में कई बार होर्डिंग्स गिरने से लोगों की जानें भी जा चुकी है। बिना अनुमति के या फिर चुनिंदा स्थानों की अनुमति लेकर पूरे शहर को होर्डिंग्स और यूनिपोल से पाट देने वाले विज्ञापन माफिया की कमर तोड़ने के लिए नगर निगम ने नई नीति के आधार पर टेंडर कराया है। टेंडर कराये जाने से नगर निगम को काफी लाभ हुआ। नये टेंडर के मुताबिक नगर निगम को विज्ञापन मद में न्यूनतम 14 करोड़ 53 लाख 53 हजार रुपये मिलेंगे। इतना ही नहीं नन रिफंडेबल 2 करोड़ रुपये का प्रीमियम भी मिलेगा। इतना ही नहीं यदि विज्ञापन कंपनी अधिक का विज्ञापन करती है तो उसे निगम को और अधिक राजस्व देना होगा। यानी मैसर्स मीडिया 24/7 एडवरटाइजिंग के साथ विज्ञापन करार के बाद नगर निगम के दोनों हाथ में लड्डू है। विज्ञापन मद से नगर निगम की आमदनी पहले के मुकाबले 6 से 7 गुणा तक बढ़ा गई है। मीडिया 24/7 एडवरटाइजिंग द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स, साइनेज आकर्षक और सुंदर होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हैं। माफियाओं द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स कमजोर और असुरक्षित होते हैं इससे दुर्घटना होने की भी संभावना बनी रहती है।

एफओबी और मूर्ति के रखरखाव के लिए बांटे गए होर्डिंग्स-यूनिपोल
गाजियाबाद नगर निगम में विज्ञापन के गोरखधंधे का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं एफओबी के नाम पर तो कहीं सिर्फ मूर्तियों के रखरखाव के नाम पर थोक के भाव में शहर में होर्डिंग्स यूनिपोल लगाने का ठेका दे दिया गया। शौचालय के नाम पर भी काफी संख्या में होर्डिंग्स यूनिपोल बांटे गये हैं। यह सभी कॉट्रैक्ट इस तरह से बनाये गये कि नगर निगम को लाभ के बजाय हमेशा नुकसान ही पहुंचता रहेगा। यही वजह रही है कि विज्ञापन से नगर निगम की कमाई पिछले कई सालों से बढ़ ही नहीं रही थी। नगरायुक्त डॉ. नितिन गौड़ की पारदर्शी कार्यप्रणाली और निगम हित को सर्वोपरि रखने की नीति का असर है कि विज्ञापन मद में नगर निगम की आमदनी बढ़ गई है।

जीडीए और सिंचाई विभाग भी दे रहा अवैध विज्ञापन की अनुमति
नगर निगम सीमा क्षेत्र में विज्ञापन करने का अधिकार सिर्फ नगर निगम के पास ही होता है। नगर निगम ही किसी कंपनी को शर्तों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दे सकती है। लेकिन गाजियाबाद में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद और सिंचाई विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा भी विज्ञापन के लिए अनुमति दे दी जा रही है। इस कारण से शहर में अवैध विज्ञापनों का मकड़जाल बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम को किसी अन्य विभाग द्वारा विज्ञापन कराये जाने के मामले में कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिये।