गाजियाबाद में कोरोना की रफ्तार आउट ऑफ कंट्रोल, कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 12306

गाजियाबाद। जनपद में कोविड-19 (कोरोना वायरस) का प्रकोप रूक नहीं पाया है। जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद संक्रमण की रफ्तार तेज है। अनलॉक-4.0 में नागरिकों द्वारा सावधानी न बरते जाने से हालात निरंतर बिगड़ रहे हैं। अनलॉक-4.0 में मिली छूट के चक्कर में नागरिक अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिलेभर में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 13 हजार से अधिक हो चुकी है। घर के बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग न करने व दो गज की दूरी के नियम का पालन न होने से कोरोना नागरिकों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। रविवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में 153 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए 122 लोगों को होम आइसोलेशन से मुक्त एवं अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में कुल 1964 मरीजों का अस्पताल में उपचार जारी है। जबकि अब तक कुल 10268 मरीज होम आइसोलेशन से मुक्त एवं अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके है। अब तक जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 12306 पहुंच गई है। 74 की संक्रमण के चपेट में आने से मौत हो चुकी है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि कोविड-19 को लेकर प्रशासन ने जो अलग से विंग बनाई है व नियमित रूप से काम कर रही है। कोरोना पॉजिटिव लोगों को किसी कोविड अस्पताल के लिए रेफर किया गया। जिन लोगों को टेस्ट नहीं हुआ है, उनके स्वास्थ्य विभाग की टीम लगाकर टेस्ट कराए जाएंगे और पॉजिटिव पाने पर उन्हें कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा।

शिक्षा विभाग कोरोना के प्रति अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश
कोविड-19 (कोरोना वायरस) के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन के बाहर पर्शिएल रिओपनिंग ऑफ स्कूल पर भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पाण्डेय ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अभिभावकों से स्वैच्छिक आधार पर मार्गदर्शन हेतु छात्रों को स्कूल भेजने के लिए जागरूकता फैलाने तथा अभिभावकों से लिखित अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। कंटेनमेंट जोन के बाहर के विद्यालयों को आंशिक रूप से खोलने की दशा में, संपूर्ण स्वच्छता बनाए रखने तथा संक्रमण से बचाव के लिए क्या-क्या कार्रवाई होनी है तथा क्या सतत सतर्कता विद्यालयों के प्रबंधन द्वारा बरतनी है के विषय में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों के विद्यालय आने की अनुमति की तिथि बाद में घोषित की जाएगी। वर्तमान में अभिभावकों में केवल जागरूकता फैलाने का कार्य होगा। स्वैच्छिक आधार पर शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने हेतु छात्रों को स्कूल भेजने की लिखित अनुमति छात्रों के अभिभावकों से लेने का कार्य किया जाएगा तथा विद्यालयों के प्रबंधन द्वारा स्वच्छता बनाए रखने एवं संक्रमण से सतत बचाव की तैयारी की जाएगी। बता दें कि सरकार ने 21 सितम्बर से स्कूल-कॉलेज खोलने का निर्देश दिया था, मगर कोरोना संक्रमण को देखकर इस पर विचार बदलना पड़ा है।