नगर निगम की अंतिम बोर्ड बैठक में पार्षदों ने किया खूब हंगामा बिना चर्चा के बजट प्रस्ताव हुआ पास

हंगामे पर बोले नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ दवाब बनाने की ना करें कोशिश नियम से होंगे काम। नगर निगम की आर्थिक हालत को देखते हुए काम कराये जाएंगे। फंड उपलब्ध नहीं होने के बावजूद काम कराने की परंपरा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि जब उन्होंने चार्ज लिया तब 350 करोड़ रुपए की नगर निगम पर बकाएदारी थी। इसमें से अब 230 करोड़ रुपए बकाया रह गया है। जिन कार्यों के वर्क आर्डर जारी हो चुके हैं उन पर विकास कार्य तेजी के साथ कराने की कोशिश है।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। नगर निगम बोर्ड की शनिवार को हुई अंतिम बैठक हंगामेदार रही। 23 जनवरी 2022 को नगर निगम के वर्तमान मेयर और पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ऐसे में उम्मीद थी कि अंतिम बोर्ड बैठक खुशनुमा माहौल में होगा। बजट प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सभी खुशनुमा पल साझा करते हुए एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देंगे उसके बाद पार्षदों का फेयरवेल होगा। लेकिन बैठक शुरू होते ही माहौल बदल गया। पूर्व की बैठकों की ही तरह पार्षदों ने इस बार भी जमकर हंगामा किया। अधिकतर उन मुद्दों पर ज्यादा शोर मचा जिस पर ज्यादा चर्चा की भी जरूरत नहीं थी। बहरहाल बोर्ड बैठक का अंत खुशनुमा रहा और बजट प्रस्ताव की स्वीकृति के साथ इसका समापान हुआ। नगर निगम बोर्ड ने हाउस टैक्स बढ़ोत्तरी को सशर्त मंजूरी दी। बोर्ड बैठक में शामिल पार्षदों ने कहा कि नगर निगम 1 अप्रैल से टैक्स में 10 फीसद की बढ़ोत्तरी कर सकता है। जबकि पूर्व में नगर निगम द्वारा डीएम सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स बढ़ाये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। दरअसल नगर निगम की वर्तमान खस्ताहाल हालत की वजह आमदनी अठ्न्नी और खर्चा रुपैया की नीति रही है। नगर निगम की आमदनी किस प्रकार बढ़े इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। अलबत्ता निगम की आय बढ़ाने के जो उपाय तलाशे जाते हैं उनमें अड़चने पैदा की जाती है। इसके विपरीत वार्डों में विकास कार्यों पर दिलखोल कर खर्चा की चाहत पार्षद रखते हैं। बोर्ड बैठक के दौरान नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने स्पष्ट कर दिया कि नगर निगम की आर्थिक हालत को देखते हुए काम कराये जाएंगे। फंड उपलब्ध नहीं होने के बावजूद काम कराने की परंपरा गलत है और इस परंपरा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। नगर निगम द्वारा हर जरूरी कार्यों को तत्काल कराया जाएगा लेकिन कोटा सिस्टम के तहत विकास कार्य के नाम पर वार्डों में अंधाधुंध पैसे नहीं खर्च किये जाएंगे। नगर आयुक्त ने कहा पार्षद सम्मानित हैं उनका पहले भी सम्मान था और आगे भी सम्मान रहेगा लेकिन अनवाश्यक दवाब बनाना गलत है।

शनिवार को नगर निगम सभागार में सुबह 11 बजे मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता एवं नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ की मौजूदगी में वंदेमातरम गान कर बोर्ड बैठक की शुरूआत हुई। नगर निगम बोर्ड बैठक सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक चली। नगर निगम बोर्ड बैठक में 1401 करोड़ के पूरक प्रस्तावित बजट पर मुहर लग गई। नगर निगम के सहायक लेखाधिकारी जेपी सिंह ने सदन में पूरक प्रस्तावित बजट पेश किया। बजट में प्रारंभिक अवशेष 452 करोड़ 97 लाख रुपए होना दशार्या बताया गया जबकि 948 करोड़ 48 लाख रुपए आय एवं 1344.47 करोड़ रुपए का व्यय का बजट पास किया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रिजर्व रुपए 569 करोड़, 88 लाख रुपए का अनुमान लगाया गया है। इससे पहले पूरक बजट को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में नवंबर में पेश किया गया था। कुछ संशोधनों के साथ कार्यकारिणी ने इस पूरक बजट को पास कर दिया था। उसके हिसाब से राजस्व से आय 285 करोड़, लाइसंस से 13 करोड़, 30 करोड, 60 लाख, किराया से 119 करोड़ आदि मद में कुल 948 करोड, 48 लाख रुपए की आय दिखाई गई है। इसी तरह से व्यय सार भी सदन में पेश किया गया। सार्वजनिक निर्माण पर 163 करोड़ 73 लाख, वॉटर सप्लाई और सीवर निस्तारण पर 84 करोड़ 55 लाख, प्रकाश व्यवस्था पर 19 करोड़ 70 लाख, सॉलिड वेस्ट आदि पर 189 करोड़ रुपए का व्यय दिखाया गया। इस तरह से कुल आय 1344 करोड, 47 लाख रुपए आय दिखाई गई है। बैठक के दौरान पार्षदों ने उद्यान और निर्माण विभाग का बजट बढ़ाने की मांग की। बोर्ड बैठक में सदन सचिव अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा, उद्यान प्रभारी डॉ.अनुज सिंह, सहायक लेखाधिकारी जेपी सिंह, मुख्य नगर लेखा परीक्षक विवेक सिंह, जीएम जलकल आनंद त्रिपाठी, नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश, लाइट प्रभारी योगेंद्र यादव, एग्जयूकेटिव इंजीनियर जैदी, एग्जयूकेटिव इंजीनियर देशराज सिंह, कविनगर जोनल प्रभारी सुनील राय, संपत्ति प्रभारी भोलानाथ आदि मौजूद रहे।

मेयर के भाई पार्षद अनिल स्वामी और नगर आयुक्त के बीच हुई बहस

बोर्ड बैठक शुरू होने के बाद कुछ देर बाद ही मेयर के बड़े भाई पार्षद अनिल स्वामी एवं नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के बीच काफी गहमा-गहमी बहस हुई। अनिल स्वामी ने नगर निगम की एक महिला कर्मचारी का नाम लेकर सिस्टम जमा कराने पर काम होने की बात कही। इस पर नगर आयुक्त ने उस महिला कर्मचारी को सदन में बुलाया। नगर आयुक्त ने अनिल स्वामी से कहा कि आपने एक कर्मचारी की अनुपस्थिति में उस पर गंभीर आरोप लगाये हैं इसलिए इस महिला कर्मचारी को बुलाया गया है। पार्षद अनिल स्वामी ने जल निगम द्वारा किए गए कार्यों को लेकर कहा कि नगर निगम के जलकल विभाग का ठेकेदार जो काम 18 लाख रुपए में करता है वही काम जल निगम 35 लाख रुपए में कर रहा है। उन्होंने कहा है कि कई ठेकेदार ऐसे हैं जिनका भुगतान तक नहीं हो पा रहा है। कई और मुद्दो को लेकर अनिल स्वामी और नगर आयुक्त में बहस हुई। नगर आयुक्त ने अनिल स्वामी से कहा कि आप मुझ पर अनावश्यक दबाव बना रहे थे कि राष्ट्र देव पत्रिका में 30 हजार रुपये का विज्ञापन निकलवाओ, लेकिन मैं विज्ञापन निकलवाने से मना कर दिया। मुझ पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश ना करें। पार्षद मनोज चौधरी सहित कई अन्य पार्षद नगर आयुक्त के पक्ष में आ गये और उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त जी आप किसी के भी दबाव में ना आयें। मनोज चौधरी ने कहा कि नगर आयुक्त पर दबाव बनाना गलत है। नगर आयुक्त किसी भी पार्षद के दबाव में आकर कोई कार्य न करें। जो पार्षद बेवजह का दबाव बनाने का कार्य कर रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं। हंगामे के बीच पार्षद अनिल स्वामी सदन से बाहर जाने लगे तो उन्हें कुछ पार्षदों एवं मेयर ने वापिस सदन में बैठने के लिए बुलाया।

पुलिस कमिश्नरेट के लिए नगर निगम नहीं देगा जमीन

नगर निगम बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष का बजट पास करने के अलावा पुलिस कमिश्नरेट के लिए नूरनगर में 23,149 वर्ग मीटर जमीन को देने संबंधी मामले में निगम बोर्ड बैठक व कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास के बगैर नहीं दी जाएगी। इस पर रोक लगा दी गई। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि बजट के अनुसार कार्य कराए जाएंगे। सिद्वार्थ विहार में एफओबी की 10 साल बाद फाइल आने पर इसे निरस्त किया गया। 24-7 विज्ञापन एजेंसी का सर्वे कराने एवं शर्तों का उल्लंघन करने पर इसे नोटिस जारी किया जाएगा। नगर निगम जमीन नहीं देगा। नगर निगम के पार्षदों ने बजट और वार्डों में विकास कार्य न कराए जाने को लेकर जमकर हंगामा किया। बोर्ड बैठक में हंगामा तब शुरू हुआ जब कांग्रेसी पार्षद मनोज चौधरी ने कहा कि जब सदन में बोर्ड पास कर चुका है कि प्रत्येक वार्ड में 60 लाख रुपए के विकास कार्य होंगे तो यह कार्य क्यों नहीं कराए गए।

पार्षद सुनील यादव ने कहा कि उनके वार्ड में पानी की सप्लाई के लिए पाइप डाले जा रहे हैं। सड़क को कौन ठीक कराएगा। बसपा पार्षद आनंद चौधरी ने नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ पर आरोप लगाया कि वह कैंप ऑफिस पर पार्षदों से नहीं मिलते हैं। पार्षद अर्चना शर्मा ने लाइट की लचर व्यवस्था का मुद्दा उठाया। इन सब का जवाब नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने चार्ज लिया तब 350 करोड़ रुपए की नगर निगम पर बकाएदारी थी। इसमें से अब 230 करोड़ रुपए बकाया रह गया है। जिन कार्यों के वर्क आर्डर जारी हो चुके हैं उन पर विकास कार्य तेजी के साथ कराने की कोशिश है। वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने सहमति से बजट पास करने की ताकीद की। वहीं, कोई जमीन नहीं देने एवं 23 जनवरी को कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। ऐसे में बजट की मिनिट्स साइन की गई। इमरजेंसी के कार्य धारा-107-6बी में 15 दिन में सूचना देनी होगी। वार्डों में विकास कार्यों के प्रस्ताव पास किए गए। अवस्थापना निधि का पैसा नहीं मिलने एवं 15वें वित्त आयोग के फंड से कटौती का मुद्दा भी इन्होंने उठाया। टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। 190 वॉट की लाइट लगेंगी। 2500 लाइट खरीदी गई है। 1.70 करोड़ रुपए में लाइट लगाई जाएगीं।

स्ट्रेचर पर बोर्ड बैठक में पहुंचे भाजपा पार्षद

नगर निगम की बोर्ड बैठक के शुरू होने के कुछ देर बाद ही भाजपा के वार्ड-94 के पार्षद एसके माहेश्वरी स्ट्रेचर पर बीमारी की हालत में सदन में पहुंचे।इसे देखकर महापौर,नगर आयुक्त समेत पार्षद भी चौक गए। सदन में पहुंचते ही पार्षद एसके माहेश्वरी ने स्ट्रेचर पर लेटे हुए ही कहा कि मेरे वार्ड में कोई विकास कायज् नहीं हो रहा है।इसीलिए अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद इस स्थिति में मुझे सदन में आना पड़ा है। उन्होंने यहां तक कहा कि मैं नहीं आता तो क्या मैं आत्महत्या कर लूं। यह सुनकर सभी सदस्य चौक गए।महापौर एवं नगर आयुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके रुके हुए विकास कार्यों को जल्द पूरा कराया जाएगा। इसके बाद वह स्ट्रेचर पर लेटे हुए ही सदन से वापिस अपने घर लौट गए।

सवा 6 लाख लोगों पर बढ़ेगा टैक्स का भार

नगर निगम क्षेत्र की संपत्तियों के कर में अप्रैल 2023 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। जिसका असर 6.28 लाख करदाताओं की जेब पर पर पड़ेगा। शनिवार को नगर निगम सभागार में आयोजित बोर्ड बैठक में यह तय किया गया कि जब तब डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने के संबंध में शासन से अंतिम निर्णय न हो जाए, तब तक यह नियम के तहत अप्रैल माह से संपत्ति कर पर 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाए, जिससे निगम की आय में बढ़ोत्तरी हो सकें। दरअसल, शासन ने डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने के संबंध में पत्र जारी किया था, जिसका पार्षदों ने पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में विरोध किया था। पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है जिन शहरों में पहले संपत्ति कर डीएम सर्किल रेट के आधार पर लागू किया गया, वहां पर नतीजे ठीक नहीं आए हैं। जिस कारण नगर निगम में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर न बढ़ाया जाए। यह रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जा चुकी है, अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। 23 जनवरी को नगर निगम का मौजूदा सत्र खत्म हो रहा है, इसके बाद नगर निगम के कार्यों की देखरेख के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। यह समिति कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेगी। इस वजह से ही बोर्ड बैठक में पार्षदों ने यह स्पष्ट किया कि पहले से तय नियम के तहत अप्रैल में संपत्ति कर बढ़ाया जाए।

प्रत्येक वार्ड में लगेगी 50 स्ट्रीट लाइट

शहर को अंधेरे से दूर रखने के लिए प्रत्येक वार्ड में 50 स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगे। नगर निगम के सौ वार्ड हैं, इसके लिए 5,500 स्ट्रीट लाइट खरीदी जाएगी। मुख्य मार्गों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य जारी है, अब तक 1,300 स्ट्रीट लाइट लगाई जा चुकी हैं।