फैक्ट्री में चोरी और फर्जी बिल बनाने का सुपरवाइजर निकला मास्टर माइंड

-फैक्ट्री से लोहे शीट चोरी कर सुपरवाइजर बनाता फर्जी बिल, सुपरवाइजर समेत पांच गिरफ्तार
-चोरी के 35 टन वजन की लोहे की शीट और 91 हजार रुपए बरामद

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट कविनगर थाना पुलिस ने फैक्ट्री से ट्रक में लोहे की शीट चोरी कर स्क्रैप में बेचकर कमाई करने वाले गिराहे के सुपरवाइजर समेत पांच लुटेरों को गिरफ्तार किया है।
सेल टैक्स ने माल से लोड़ ट्रक को फर्जी बिल के साथ पकडऩे पर चोरी का राज खुला था। पुलिस ने इनके कब्जे से 35 टन वजन की लोहे की शीट और 91 हजार रुपए बरामद किए हैं। फैक्ट्री का सुपरवाइजर अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर माल भरे ट्रक फर्जी बिल के जरिए काटा कराने के नाम पर फैक्ट्री से बाहर निकालकर बेचकर कमाई करता था। सेल टैक्स ने ट्रक पकड़ा तो इस चोरी का फैक्ट्री संचालक को पता चला। फिर सुपरवाइजर के खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

कविनगर थाना प्रभारी अमित कुमार काकरान ने बताया कि बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में पीएस इंटरप्राइजेज नाम की फैक्ट्री संचालित है। इस फैक्ट्री में सुपरवाइजर मनीष श्रीवास्तव सुपरवाइजर का काम करता था। फैक्ट्री के संचालक दीपक गर्ग ने तीन दिसंबर को कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि सेल टैक्स विभाग ने फर्जी बिल के साथ एक माल से लोड गाड़ी पकड़ी है। पूछताछ में गाड़ी के ड्राइवर ने बताया कि यह गाड़ी का माल उनकी फैक्ट्री से सुपरवाइजर मनीष श्रीवास्तव ने चोरी किया है। पीडि़त ने सुपरवाइजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस टीम इनकी तलाश में जुट गई।

पुलिस ने शुक्रवार देर रात में आरोपी सुपरवाइजर मनीष श्रीवास्तव, सचिन त्यागी, मोनिस, सलमान, कासिम को गिरफ्तार कर माल के साथ अमृत स्टील कम्पाउंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मनीष श्रीवास्तव फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करता था। जबकि सचिव त्यागी भी वहीं नौकरी करता है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि यह पैसा कराने के लालच में लोहे की असली शीटों से लॉड गाडी को स्क्रैप में बेच देते थे। इस माल को बेचने के लिए उन्होंने हिंडन विहार के रहने वाले सलमान और कैलाभट्टा निवासी बिट्टू से संपर्क किया। इन्होंने यह माल इन्हें बेचते थे। यह दोनों यह माल मोनिस को बेचते थे। इन्होंने कुछ माल कासिम को भी बेचा है।

मेरठ से बनता था फर्जी इलेक्ट्रिक बिल:
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी के माल की गाड़ी रास्ते में पकड़े जाने पर उसको छुड़ाने के लिए फर्जी बिल की भी व्यवस्था की गई। इन लोगों ने मेरठ के रहने वाले असलम से संपर्क कर जीएसटी के फर्जी बिल बनवाए। यहीं इन्हें फर्जी बिल बनाकर देता था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 35 टन वजन की लोहे की शीट बरामद की है। साथ ही 91,600 रुपए नगद बरामद किए। इसके अलावा धर्मकांटे की चालान बुक, एक पैड व एक सीरियल नंबर अंकित करने वाली मोहर भी बरामद की हैं।