किसानों ने रोका मधुबन-बापूधाम के प्रोजेक्ट का काम

-धरनास्थल पर पहुंची जीडीए ओएसडी, समझाने का किया प्रयास

गाजियाबाद। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में जीडीए के कई प्रोजेक्ट पर चल रहे निर्माण कार्यों को सोमवार को आंदोलनरत किसानों ने काम रोक दिया। किसान योजना के लिए अधिगृहीत की गई जमीनों का एक समान मुआवजे की मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन कर रहे है। सोमवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरूष किसानों ने मधुबन-बापूधाम योजना में चल रहे जीडीए के निर्माण कार्यों को रूकवा दिया। धरनास्थल पर एकत्र होकर किसान और ग्रामीण महिलाएं निर्माणाधीन बुनकर मार्ट पर पहुंचे। वहां पहुंचकर किसानों ने जीडीए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।

किसानों द्वारा निर्माण कार्य रोक दिए जाने की सूचना मिलने पर जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह मौके पर पहुंची। उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया। दरअसल, जीडीए मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना 1234 एकड़ जमीन पर विकसित कर रहा है। यह आवासीय व व्यवसायिक भूखंड समेत कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इसमें मुख्य रुप से बुनकर मार्ट, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 856 ईडब्ल्यूएस भवन, दिल्ली मेरठ हाइवे को जोडऩे वाले आरओबी का निर्माण, कॉमर्शियल कांप्लेक्स, जीडीए कार्यालय आदि के निर्माण चल रहे हैं। इसमें से 800 एकड़ जमीन से प्रभावित किसानों ने सोमवार की सुबह सदरपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में पहले पंचायत की।

इस दौरान किसान महेंद्र मुखिया, बॉस चौधरी, भूपेंद्र चौधरी,गौरीशंकर आदि किसानों ने महिलाओं के साथ बुनकर मार्ट का चल रहा निर्माण कार्य को रुकवा दिया। साथ ही किसानों ने बुनकर मार्ट के बाहर विरोध-प्रदर्शन भी किया। विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल रहीं। आंदोलन समिति के अध्यक्ष और किसान नेता सुरदीप शर्मा ने कहा कि किसानों की जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी,तब तक वह निर्माण कार्य नहीं होने देंगे। किसानों और महिलाओं ने करीब तीन घंटे तक निर्माण कार्य बंद रखा। इसके बाद मौके पर पहुंची जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह ने किसानों से बातचीत की। किसानों ने ओएसडी को अपनी मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा। किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक योजना में कोई निर्माण कार्य नहीं करने देंगे। इसके बाद ओएसडी ने उन्हें आज यानि कि मंगलवार को जीडीए में किसानों और अधिकारियों के साथ बैठक कराने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद किसान विरोध प्रदर्शन खत्म कर वापस लौट गए।