आईआईए के 40वें गौरवशाली वर्ष पर गाजियाबाद चैप्टर ने मनाया जश्न

-51वीं मंथन बैठक में एमएसएमई के भविष्य, चुनौतियों और अवसरों पर गहन विचार-विमर्श, केक काटकर ऐतिहासिक यात्रा का किया स्मरण

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने अपने 40वें गौरवशाली वर्ष के उपलक्ष्य में गाजियाबाद चैप्टर के तत्वावधान में ऐतिहासिक और भव्य आयोजन किया। संजय नगर स्थित होटल फॉर्च्यून इन में शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में 51वीं मंथन बैठक (नाश्ता बैठक) और केक कटिंग समारोह आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में उद्यमी, पदाधिकारी और अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि विवेकानंद शुक्ला, संयुक्त आयुक्त (कार्पोरेट सेल), एसजीएसटी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत आईआईए गाजियाबाद चैप्टर के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने स्वागत भाषण से की और बैठक का संचालन भी किया। बैठक का मुख्य आकर्षण स्वेटार्क बिजनेस हेल्थ रिपोर्ट सिस्टम की प्रस्तुति रही। अहमदाबाद स्थित आईएफसी, गुजरात की टीम ने सीए हरिकांत कोटेचा के नेतृत्व में उद्यमियों को आधुनिक वित्तीय प्रबंधन और व्यावसायिक सुधारों से अवगत कराया। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार फंड मैनेजमेंट टीम, स्क्रीनिंग टीम, प्रगति टीम और ब्रेनस्टॉर्मिंग टीम मिलकर छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रतिस्पर्धी युग में आगे बढऩे में मदद कर सकते हैं।

विशेष रूप से, एमएसएमई 4.0 की अवधारणा पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटलीकरण, तकनीकी नवाचार और वित्तीय अनुशासन को आने वाले समय की सबसे बड़ी ज़रूरत बताया गया। आईआईए के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संगठन की 40 वर्षों की लंबी यात्रा का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि 1985 में 22 युवा उद्योगपतियों के साथ शुरू हुई यह यात्रा आज 15,000 से अधिक सदस्यों के विशाल परिवार तक पहुँच चुकी है। यह दिखाता है कि अगर हम मिलकर और निरंतर प्रयास करें तो किसी भी चुनौती को अवसर में बदल सकते हैं। मैं आने वाली पीढिय़ों से यही कहूंगा कि वे भी इस प्रेरणा को अपनाएँ और अपने उद्योग को मजबूती प्रदान करें। आईआईए हमेशा आपके साथ है और हम प्रत्येक सदस्य की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विवेकानंद शुक्ला ने संगठन की 40वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए कहा कि आईआईए ने जिस तरह से उद्योग जगत को मजबूत आधार दिया है, वह सराहनीय है। सरकार भी एमएसएमई क्षेत्र की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है और आईआईए के सुझावों व समस्याओं पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उद्यमियों को नीतिगत बदलावों की जानकारी दी और आश्वासन दिया कि सरकार उद्योग जगत की अपेक्षाओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेगी। राष्ट्रीय सचिव प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि आईआईए ने बीते 40 वर्षों में जिस तरह छोटे और मध्यम उद्योगों को संगठित कर उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाया है, वह अनुकरणीय है। आज आईआईए केवल एक संगठन नहीं, बल्कि उद्यमियों का एक ऐसा परिवार है जो एक-दूसरे की ताकत बनकर आगे बढ़ रहा है।

आने वाले वर्षों में आईआईए का उद्देश्य उद्योगों को नई तकनीक, बेहतर विपणन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हम सभी मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में अहम भूमिका निभाएँगे। डिवीजनल चेयरमैन राकेश अनेजा ने कहा कि गाजियाबाद औद्योगिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण पहचान रखता है। आईआईए ने यहां के उद्योगों को हमेशा नई दिशा और ऊर्जा दी है। आज जब हम 40 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी कर रहे हैं, तो यह समय केवल उत्सव का नहीं बल्कि भविष्य की तैयारी का भी है। हमें उद्योगों को डिजिटलीकरण, स्वच्छ ऊर्जा और निर्यात क्षमता के क्षेत्र में और अधिक मज़बूत करना होगा। आईआईए गाजियाबाद चैप्टर इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा।

आईआईए ने दो महत्वपूर्ण चरणों में किया काम
• 1985 से 2006 (आईआईए 1.0): संगठन की नींव मजबूत करना, नियम-कायदे बनाना और उद्योगों की बुनियादी समस्याओं को सुलझाना।
• 2005 से 2025 (आईआईए 2.0): राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना, उद्योगों की नीतियों पर प्रभाव डालना और एमएसएमई क्षेत्र को आधुनिकता की ओर ले जाना। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल संख्याओं का इजाफा नहीं, बल्कि हजारों गुमनाम नायकों के अथक परिश्रम, संघर्ष और समर्पण का परिणाम है।

कॉफी टेबल बुक आईआईए का विकास का अनावरण
• आईआईए की 40 वर्षीय यात्रा को सहेजते हुए एक कॉफी टेबल बुक- आईआईए का विकास तैयार की गई है।
• इस पुस्तक में संगठन की उपलब्धियाँ, संघर्ष, महत्वपूर्ण मील के पत्थर और प्रेरक कहानियाँ दर्ज की गई हैं।
-इसे भविष्य की पीढिय़ों के लिए प्रेरणा स्रोत और संगठन की धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया गया।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि आने वाले दशक में एमएसएमई क्षेत्र को कई नई चुनौतियों का सामना करना होगा। वैश्विक प्रतिस्पर्धा, तकनीकी बदलाव, पूंजी प्रबंधन, बाजार विस्तार और पर्यावरणीय मानकों का पालन करना होगा। आईआईए ने आश्वस्त किया कि वह इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा मंच की तरह कार्य करेगा। संगठन का उद्देश्य एमएसएमई को आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना में रीढ़ की हड्डी की तरह स्थापित करना है।

उत्सव का माहौल: केक कटिंग और राष्ट्रगान
कार्यक्रम के उपरांत मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि और पदाधिकारियों ने मिलकर केक काटकर जश्न मनाया। पूरे वातावरण में उत्साह और गर्व का माहौल व्याप्त था। अंत में कोषाध्यक्ष श्री संजय गर्ग ने सभी का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ बैठक का समापन हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव प्रदीप कुमार गुप्ता, डिविजनल चेयरमैन राकेश अनेजा, डिविजनल सचिव अमित नागलिया, वरिष्ठ उद्यमी संजय बंसल, यश जुनेजा (राजू), मेश अग्रवाल, अमित बंसल, रमन मिगलानी, सृष्टि मित्तल, दिनेश गर्ग, अजय पटेल, पीयूष गोयल, रोहित जैन, कुलदीप अत्री, संदीप गुप्ता, सुशील कुमार गोयल, अमरीक सिंह, नीरज गर्ग, सुभाष गुप्ता और विनीत माहेश्वरी सहित अनेक उद्यमी उपस्थित रहे।