गाजियाबाद को जाम से मिलेगी निजात म्यूनिसिपल सर्विसेज होंगी स्मार्ट जानिये नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ का क्या है खास प्लान …

 

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने और नगर निगम द्वारा दी जाने वाली जन सेवाओं को भी बेहतर करने के लिए खास प्लान तैयार किया है। नगर निगम के इस खास प्लान की निगरानी नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ स्वयं कर रहे हैं। नगर आयुक्त की योजना है कि गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश का सबसे स्मार्ट और हाईटेक शहर बनाया जाये। नगर निगम द्वारा दी जाने वाली म्युनिसिपल सर्विसेज बेहतर हो और सभी कामों की बेहतर निगरानी की जा सके। नगर निगम द्वारा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत विस्तृत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। जल्द ही डीपीआर शासन को भेजा जाएगा और शासन की अनुमति के बाद इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। जाम की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने और नगर निगम द्वारा दी जाने वाली जन सेवाओं को भी बेहतर करने के लिए खास प्लान तैयार किया है। नगर निगम के इस खास प्लान की निगरानी नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ स्वयं कर रहे हैं। नगर आयुक्त की योजना है कि गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश का सबसे स्मार्ट और हाईटेक शहर बनाया जाये। नगर निगम द्वारा दी जाने वाली म्युनिसिपल सर्विसेज बेहतर हो और सभी कामों की बेहतर निगरानी की जा सके। नगर निगम द्वारा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत विस्तृत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। जल्द ही डीपीआर शासन को भेजा जाएगा और शासन की अनुमति के बाद इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

गाजियाबाद शहर की व्यवस्थाओं को हाईटेक बनाने की योजना के क्रियान्वयन को लेकर कवायद तेज हो गई है। आईटीएमएस योजना के तहत पूर्व में सिर्फ ट्रैफिक कंट्रोल पर फोकस किया जा रहा था लेकिन अब इसमें म्यूनिसिपल सर्विसेज को भी जोड़ दिया गया है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था स्मूद करने के साथ नगर निगम के स्ट्रीट लाइट मैनेजमेंट, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, रोड स्वीपिंग, व्हीकल मूवमेंट सिस्टम, रोड क्लीनिंग, सीवरेज एवं सफाई से संबंधित कई अन्य सेवाओं को आईटीएमएम के तहत बेहतर बनाया जाएगा। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ को गाजियाबाद को स्वच्छ शहरों की सूची में नंबर-1 बनाने के साथ शहर के पब्लिक ग्रिवांस एड्रेसल सिस्टम को भी पूरी तरह से हाईटेक बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

आईटीएम के तहत तीन पार्ट पर काम किया जा रहा है। पार्ट-1 में ट्रैफिक मैनजमेंट, पार्ट-2 ट्रैफिक सर्विलांस और पार्ट-3 स्मार्ट म्यूनिसिपल सर्विसेज है। अभी तक आईटीएमएस में सिर्फ ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर योजना बन रही थी लेकिन अब इसका विस्तार कर दिया गया है। आईटीएमएस में म्यूनिसिपल सर्विसेज को जोड़ने से यह फायदा होगा कि कहीं भी यदि नगर निगम से संबंधित कोई समस्या है तो तत्काल उसका निस्तारण कराया जाएगा। आईटीएमएस परियोजना पर लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।

नगर निगम आईटीएमएस का नोडल विभाग है। ऐसे में नगर निगम द्वारा पुलिस, ट्रैफिक सहित अन्य विभागों से जानकारी लेकर आईटीएमएस की डीपीआर तैयार की गई है। आईटीएमएस में शहर के 58 चौहारों पर हाई रिज्यूलॉसन वाले कैमरे लगाये जाएंगे। सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आईटीएमएस के तहत एक सेंट्रलाइज कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा। आईटीएमएस के डीपीआर में नए ट्रैफिक इंफोर्समेंट सिस्टम, रेड-लाइट, ट्रिपल राइडिंग डिटेक्शन सिस्टम, ट्रिपल राइडिंग डिटेक्शन सिस्टम, ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, नो-हेलमेट डिटेक्शन सिस्टम और उल्लंघन डिटेक्शन सिस्टम लगाने का भी प्रावधान हैं।

आईटीएमएस प्रोजेक्ट में शहर के 15 प्रमुख चौराहों व तिराहों पर रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन जंक्शन बनाया जाएगा। व्यावसायिक, ट्रक, चार पहिया और दो पहिया वाहनों पर नजर रखने को 110 हाई रिज्यॉल्यूशन ट्रैफिक सर्विलांस और 300 व्हीकल डिटेक्शन सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे। वहीं, 111 स्थानों, तिराहों व चौराहों पर हाई क्षमता के 265 सीसीटीवी लगाए जाएंगे। नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की गाड़ियों की मूवमेंट कहां पर है इसकी भी निगरानी कमांड सेंटर से होगी। स्ट्रीट लाइट बंद हैं कि नहीं, डस्टबिन कूड़े से कहीं भर तो नहीं गया, सड़क किनारे कहीं गंदगी तो नहीं है, वाटर पाइप लाइन में लीकेज के कारण कहीं सड़कों पर पानी तो नहीं फैल रहा है इस तरह की समस्याओें का भी तुरंत पता चल जाएगा और उसे तत्काल दुरूस्त कराया जाएगा।