मधुबन बापूधाम में शिफ्ट होगा जीडीए का प्रशासनिक कार्यालय जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की इस योजना से प्राधिकरण को होगा दोहरा लाभ

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का प्रशासनिक कार्यालय मधुबन बापूधाम में शिफ्ट होगा। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इसकी योजना तैयार कर ली है। जल्द ही इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनवाई जाएगी। मधुबन बापूधाम में कार्यालय शिफ्ट होने से वहां की संपत्तियों की बिक्री में तेजी आएगी और योजना सफल हो जाएगी वहीं, नवयुग मार्केट स्थित कार्यालय के व्यवसायिक उपयोग से करोड़ों रुपये की मासिक आमदनी होगी। यानी उपाध्यक्ष की यह योजना जीडीए के लिए आम के आम और गुठलियों के दाम जैसा है। कभी प्रदेश के अति संपन्न और विकासोन्मुख प्राधिकरण में शुमार रहे जीडीए की वर्तमान गिनती कर्ज के बोझ तले दबे आर्थिक रूप से कंगाल विकास प्राधिकरण के रूप में होती है। जीडीए की वर्तमान आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि पुराने कर्ज निपटाने में ही विभाग जूझ रहा है। शहर में यह चर्चाएं आम रही है कि पिछले कई वर्षों से जीडीए में तैनात रहे अधिकारियों ने सिर्फ टाइमपास किया और किसी नई योजना पर काम करने की जहमत तक नहीं उठाई। जीडीए अधिकारियों की कार्यप्रणाली और प्राधिकरण की छवि इतनी खराब हो गई कि शासन स्तर पर भी इसकी साख पर बट्टा लग चुका है। पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों की कार्यप्रणाली को इसी से समझा जा सकता है कि वह ठीक ढ़ंग से मास्टर प्लान तक नहीं तैयार कर पाये थे। अतुल वत्स को जीडीए उपाध्यक्ष का चार्ज संभाले एक महीना ही हुआ है लेकिन जीडीए में बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। शहर में  चर्चाएं होने लगी है कि अब विकास कार्यों पर फोकस होगा और आम लोगों की समस्याओं के निस्तारण और सुविधाओं के लिए प्रभावी प्रयास होंगे। अतुल वत्स ने अलीगढ़ विकास प्राधिकरण को मजबूत और संपन्न विकास प्राधिकरण बनाने के साथ-साथ अलीगढ़ शहर का कायाकल्प किया है। अलीगढ़ में उनके द्वारा किये गये कार्यों की चर्चा खूब होती है और शहर में जाने पर बदलाव की अनुभूति भी होती है। यही वजह है कि गाजियाबाद के लोगों को भी जीडीए उपाध्यक्ष के रूप में अतुल वत्स से काफी उम्मीदें हैं।

विजय मिश्रा (उदय भूमि)
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का प्रशासनिक कार्यालय मधुबन बापूधाम में शिफ्ट होगा। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इसकी योजना तैयार कर ली है। जल्द ही इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनवाई जाएगी। वर्तमान में जीडीए का प्रशासनिक कार्यालय नवयुग मार्केट में पुराना बस अड्डा के पीछे है। जीडीए कार्यालय की स्थिति अच्छी नहीं है, यहां पार्किंग से लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों के बैठने तक की समस्या है। जीडीए उपाध्यक्ष की योजना है कि मुख्य प्रशासनिक कार्यालय मधुबन बापूधाम में शिफ्ट करने के बाद नवयुग मार्केट स्थित कार्यालय का व्यवसायिक उपयोग किया जाएगा। अतुल वत्स की यह योजना जीडीए के लिए दोहरे लाभ वाला है। मधुबन बापूधाम में कार्यालय शिफ्ट होने से वहां की संपत्तियों की बिक्री में तेजी आएगी और योजना सफल हो जाएगी वहीं, नवयुग मार्केट स्थित कार्यालय के व्यवसायिक उपयोग से करोड़ों रुपये की मासिक आमदनी होगी। यानी उपाध्यक्ष की यह योजना जीडीए के लिए आम के आम और गुठलियों के दाम जैसा है।


कभी प्रदेश के अति संपन्न और विकासोन्मुख प्राधिकरण में शुमार रहे जीडीए की वर्तमान गिनती कर्ज के बोझ तले दबे आर्थिक रूप से कंगाल विकास प्राधिकरण के रूप में होती है।जीडीए की वर्तमान आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि पुराने कर्ज निपटाने में ही विभाग जूझ रहा है। शहर में यह चर्चाएं आम रही है कि पिछले कई वर्षों से जीडीए में तैनात रहे अधिकारियों ने सिर्फ टाइमपास किया और किसी नई योजना पर काम करने की जहमत तक नहीं उठाई। जीडीए अधिकारियों की कार्यप्रणाली और प्राधिकरण की छवि इतनी खराब हो गई कि शासन स्तर पर भी इसकी साख पर बट्टा लग चुका है। पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों की कार्यप्रणाली को इसी से समझा जा सकता है कि वह ठीक ढ़ंग से मास्टर प्लान तक नहीं तैयार कर पाये। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों को मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ी और हेराफेरी के लिए कई दफा जमकर फटकार लगाई गई और कड़ी चेतावनी दी गई। मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगे। जीडीए की इस बदहाली के लिए अतिरिक्त चार्ज परंपरा को भी जिम्मेदार माना गया। जीडीए की गिनती पहले उत्तर प्रदेश के बड़े एवं महत्वपूर्ण विकास प्राधिकरण में होती थी। लेकिन पिछले कई वर्षों से जीडीए को अतिरिक्त चार्ज के रूप में देने की परंपरा सी बन गई थी। इसका नुकसान गाजियाबाद शहर और शहरवासियों को हुआ है। बहरहाल अब चार्ज परंपरा पर विराम लग चुका है और लंबे अर्से बाद अतुल वत्स के रूप में जीडीए को पूर्णकालिक उपाध्यक्ष मिला है। अतुल वत्स को जीडीए उपाध्यक्ष का चार्ज संभाले एक महीना ही हुआ है लेकिन जीडीए में बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। शहर में भी चर्चाएं होने लगी है कि अब विकास कार्यों पर फोकस होगा और आम लोगों की समस्याओं के निस्तारण और सुविधाओं के लिए प्रभावी प्रयास होंगे। अतुल वत्स ने अलीगढ़ विकास प्राधिकरण को मजबूत और संपन्न विकास प्राधिकरण बनाने के साथ-साथ अलीगढ़ शहर का कायाकल्प किया है। अलीगढ़ में उनके द्वारा किये गये कार्यों की चर्चा खूब होती है और शहर में जाने पर बदलाव की अनुभूति भी होती है। यही वजह है कि गाजियाबाद के लोगों को भी जीडीए उपाध्यक्ष के रूप में अतुल वत्स से काफी उम्मीदें हैं।

जीडीए  को आर्थिक संकट से उबारने और विकास योजनाओं को गति देने के लिए नव नियुक्त उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मधुबन-बापूधाम योजना को सफल बनाने की ठानी है। इसको लेकर उन्होंने योजना भी तैयार कर ली है। मधुबन-बापूधाम हाईस्पीड रैपिड नमो भारत ट्रेन के दुहाई स्टेशन से मात्र 500 मीटर की दूरी पर और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के नजदीक है। मधुबन बापूधाम में जीडीए की काफी जमीन है। संपत्तियों की बिक्री से जीडीए को 6 से 7 हजार करोड़ रुपये तक की आमदनी होगी। यानी सिर्फ मधुबन बापूधाम को सफल बना लिया जाये तो जीडीए कर्ज की देनदारियों से मुक्त होकर आर्थिक रूप से संपन्न प्राधिकरण बन जाएगा। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना जीडीए का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। वर्ष 2004 में स्कीम के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना 1234 एकड़ जमीन पर विकसित होनी हैं। यहां पर संपत्तियां बिक नहीं रही है। इसके अलावा यहां कई तरह के विवाद भी हैं। इससे निपटने के लिए जीडीए उपाध्यक्ष ने खास प्लानिंग के साथ काम शुरू कर दिया है। जीडीए उपाध्यक्ष की प्लानिंग है कि मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना को पूर्ण रूप से विकसित कराने के साथ ही यहां पर जीडीए कार्यालय को भी शिफ्ट किया जाए। यहां पर जीडीए का कार्यालय बनने से विकास कार्यों में तेजी आएगी। योजना में रिक्त संपत्तियों की बिक्री भी आसानी से हो सकेगी। जितनी जल्दी जीडीए का ऑफिस मधुबन बापूधाम में शिफ्ट होगा उतनी तेजी से इस योजना के विकसित होने की संभावना है। इससे योजना में प्रस्तावित ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल भूखंडों की बिक्री में तेजी आएगी। जीडीए का वर्तमान में नवयुग मार्केट में पुराना ऑफिस हैं। पुराने ऑफिस को किराए पर देकर या फिर बिक्री करके जीडीए की आमदनी भी बढ़ाई जा सकती है। मधुबन बापूधाम में बनने वाला जीडीए का नया ऑफिस ग्रीन बिल्डिंग होगा। यहां प्राकृतिक रूप से रोशनी का पूरा इंतजाम होगा। इससे बिजली की खपत कम होगी। जीडीए के नये कार्यालय में वाईफाई की सुविधा होगी। यहां पर आने वाले लोगों और आवंटियों के बैठने का भी पूरा इंतजाम होगा।