गाजियाबाद का गिरा भू-गर्भ जल का स्तर, रेड जोन में शामिल

-होटल-फॉर्म हाउस और 6 हजार फैक्ट्रियों में बंद होंगी बोरिंग

गाजियाबाद। जिले में भू-गर्भ जल का स्तर लगातार नीचे की गिरने की वजह से गाजियाबाद जिला रेड जोन में शामिल हो चुका हैं। ऐसे में अवैध रूप से जल दोहन करने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने ऐसी लगभग 6 हजार फैक्ट्रियों को चिन्हित कर जिला भूगर्भ परिषद जल प्रबंधन समिति को इनकी सूची सौंपी है। समिति ने इन फैक्ट्रियों का सर्वे कर बोरवेल बंद कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरिओम का कहना है कि जिले में बगैर एनओसी के लोग भूगर्भ जल का दोहन कर रहे हैं। 6 हजार औद्योगिक इकाइयों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे करने के लिए यह सूची यूपीसीडा से ली गई है। इसके बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अंधाधुंध भूगर्भ जल दोहन से जिले में जलस्तर प्रति वर्ष करीब ढाई से तीन मीटर नीचे जा रहा है। बिना अनुमति के औद्योगिक इकाइयां, छोटे-बड़े करीब एक हजार होटल, रेस्टोरेंट, फॉर्म हाउस आदि में बोरवेल से भूजल दोहन हो रहा है। इसकी वजह से भूजल का स्तर रेड जोन में पहुंच चुका है। गिरता भूजल स्तर पूरे जिले के लोगों के लिए चिंता का विषय है। जिले में लगभग 27 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत हैं। इनमें से छह हजार इकाइयों की सूची यूपीसीडा ने जल प्रबंधन समिति को सौंपी है।

समिति ने अब इन इकाइयों में लगे बोरवेल का सर्वे कर रही है। इन इकाइयों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी बोरवेल चलते हैं तो उन्हें सील करने के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यह वे इकाइयां हैं, जहां सर्वाधिक जल दोहन हो रहा है। 15 दिसंबर तक सर्वे पूरा होने की उम्मीद हैं। जिले में कुल 27 हजार औद्योगिक इकाइयां है, 5200 छोटी औद्योगिक इकाइयां है। इनमें 149 मध्यम औद्योगिक इकाईयां, 45 बड़ी औद्योगिक इकाइयों, 21 हजार से अधिक सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं।