तुलसी निकेतन कॉलोनी में बने 2249 फ्लैट का हो सकेगा जीर्णोद्धार

-डूडा विभाग ने जीडीए से मांगी कॉलोनी की भौगोलिक जानकारी

गाजियाबाद। जीडीए की भोपुरा एवं लोनी के नजदीक तुलसी निकेतन कॉलोनी में बने फ्लैटों का जीर्णोद्धार कराने के लिए कवायद तेज होने लगी है। उत्तर प्रदेश स्व स्थानीय मलिन बस्ती पुर्न विकास नीति-2021 के तहत कॉलोनी का जीर्णोद्धार कराने के लिए जिला विकास नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) विभाग द्वारा जीडीए से कॉलोनी की भौगोलिक जानकारी मांगी गई हैं। जीडीए के प्रभारी चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जीडीए की तुलसी निकेतन कॉलोनी करीब 23000 वर्ग मीटर में विकसित हैं। इस कॉलोनी में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस तीन मंजिला 2249 फ्लैट बने हुए हैं। जबकि 60 दुकानें है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश स्व स्थानीय मलिन बस्ती पुर्न विकास नीति के तहत इन फ्लैटों का जीर्णोद्धार कराने के लिए डूडा विभाग द्वारा प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए डूडा विभाग द्वारा मांगी गई कॉलोनी की डिटेल भेज दी गई हैं। सर्वे के आधार पर कॉलोनी में विकास कार्य कराए जा सकेंगे।

इसमें करीब 20 प्रतिशत ही मूल आवंटी फ्लैट में निवास कर रहे है। ऐसे में जीडीए की ओर से मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सर्वे के आधार पर कॉलोनी में विकास कार्य कराए जा सकेंगे। वहीं,डूडा के परियोजना अधिकारी संजय पथरिया का कहना है कि जीडीए से तुलसी निकेतन कॉलोनी की डिटेल मांगी गई है। उत्तर प्रदेश स्व स्थानीय मलिन बस्ती पुर्न विकास नीति-2021 के तहत फ्लैटों का जीर्णोद्धार कराने के लिए प्लानिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि तुलसी निकेतन कॉलोनी में रहने वाले फ्लैट स्वामियों को जीडीए ने जिस प्रकार से आवंटन किया है।उसके आधार पर ही इनमें विकास कार्य कराने की प्लानिंग की जाएगी। उनके अपने अधिकार है। शासन को फिलहाल मार्ग दर्शन के लिए पत्र भेजा जा रहा है। शासन से प्राप्त दिशा-निर्देश के बाद ही तुलसी निकेतन कॉलोनी में विकास कार्य कराए जा सकेंगे। इसमें बिल्डर द्वारा कार्य कराए जाएंगे। इस पर शासन स्तर से निर्णय होने के बाद ही आगे की प्लानिंग की जाएगी।