नगर निगम के इस खास प्लान से औद्योगिक क्षेत्रों का होगा कायाकल्प, जानिये क्या है नगर निगम की योजना

नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर के निर्देशन में चीफ इंजीनियर एनके चौधरी स्वयं औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर सर्वे कर रहें हैं। सभी जोन के एग्जयूकेटिव इंजीनियर को अपने क्षेत्र में आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों को लेकर डीपीआर बनाने को कहा गया है। एग्जयूकेटिव इंजीनियर द्वारा डीपीआर तैयार कर लिया गया है। चीफ इंजीनियर डीपीआर और साइट की वास्तविक स्थिति का मिलान कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जिससे कि यदि कोई कमी रहे तो उसे दूर किया जा सके। नगर निगम की योजना है कि औद्योगिक क्षेत्र में जहां पर वाहनों का अधिक लोड है वहां आरसीसी की सड़कें बनवाई जाये।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। औद्योगिक सिटी गाजियाबाद में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति बेहाल है। औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और उद्यमियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य कराने की मांग की जा रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य कराने को लेकर यूपीएसआईडीसी ने पल्ला ­झाड़ रखा है। ऐसे में नगर निगम ने क्षेत्र की स्थिति सुधारने को लेकर धांसू प्लान बनाया है। नगर निगम की योजना है कि औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह से काम कराया जाये जिससे कि पैसे की बर्बादी ना हो और रिजल्ट बेहतर दिखाई दे। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर के निर्देशन में चीफ इंजीनियर एनके चौधरी स्वयं औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर सर्वे कर रहें हैं। सभी जोन के एग्जयूकेटिव इंजीनियर को अपने क्षेत्र में आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों को लेकर डीपीआर बनाने को कहा गया है। एग्जयूकेटिव इंजीनियर द्वारा डीपीआर तैयार कर लिया गया है। चीफ इंजीनियर डीपीआर और साइट की वास्तविक स्थिति का मिलान कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जिससे कि यदि कोई कमी रहे तो उसे दूर किया जा सके। नगर निगम की योजना है कि औद्योगिक क्षेत्र में जहां पर वाहनों का अधिक लोड है वहां आरसीसी की सड़कें बनवाई जाये। नगर निगम के समक्ष सबसे बड़ी समस्या फंड की कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए विशेष प्रस्ताव तैयार किया गया है। नगर आयुक्त द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्रों की दशा सुधारने के लिए शासन से फंड मिल जाये।
पिछले कुछ वर्षों में नगर निगम की कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले बिना किसी योजना के क्षेत्र में काम करवाया जाता था। लेकिन अब योजनाबद्ध तरीके से काम कराया जा रहा है। उद्यमियों द्वारा लगातार मांग की जाती रही है कि औद्योगिक क्षेत्र में वहां होने वाले टैक्स वसूली का 60 फीसद खर्च हो। वास्तविकता यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में 60 फीसद से कहीं अधिक रकम खर्च किया जाता है। नगर निगम को पूरे शहर में टैक्स वसूली से लगभग 150 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। शासन द्वारा गाजियाबाद नगर निगम को मिलने वाले फंड में अमृत योजना के तहत बकाया लगभग 42 करोड़ रुपये की एक साथ कटौती कर दी गई। बांड के मद में भी नगर निगम को काफी भुगतान करना पड़ा है। ऐसे में नगर निगम की माली स्थिति अच्छी नहीं है। इन परिस्थितियों में नगर निगम के फंड से औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य कराया जाना संभव नहीं है।

औद्योगिक क्षेत्र सड़क सुधार योजना के तहत होंगे कार्य
नगर निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों का ड्रोन से सर्वे कराया गया है। इससे क्षेत्र की एक-एक सड़क की स्थिति का पता लगाया गया है। नगर निगम की योजना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क सुधार को लेकर बनाये गये प्रस्तावों के लिए शासन से अलग से फंड की मांग की जाये। औद्योगिक क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपये के काम कराये जाएंगे। योजना के तहत साउथ साइड आफ जीटी रोड, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, गुलधर रोड औद्योगिक क्षेत्र, कविनगर औद्योगिक क्षेत्र सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क सुधार कार्य कराया जाएगा।

नगरायुक्त के निर्देशानुसार औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों से संबंधित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। एग्जयूकेटिव इंजीनियर जैदी को कविनगर, सिटी जोन, विजय नगर, देशराज सिंह को मोहन नगर और वसुंधरा जोन स्थित औद्योगिक क्षेत्रों से संबधित डीपीआर बनाने का कहा गया है। ड्रोन से सर्वे कर डीपीआर को अप-टू-डेट किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में भारी और बड़े वाहनों का लोड रहता है। ऐसे में बिटुमिन्स और तारकोल की सड़कें जल्दी टूट जाती है। ऐसे में योजना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आरसीसी की सड़कें बनाई जाये। डीपीआर को जल्द अंतिम रूप देकर उसे नगरायुक्त को सौंप दिया जाएगा।
एनके चौधरी
चीफ इंजीनियर
गाजियाबाद नगर निगम