गाजियाबाद के लोगों के लिए अच्छी खबर: मोबाइल पर मिलेगी कूड़े की गाड़ी आने की सूचना

– कूड़े का निस्तारण एवं सोर्स सेग्रीगेशन को लेकर नगर निगम ने बनाया प्लान
– ओला-ऊबर कैब की तरह पूर्व निधारित रूट पर चलेंगी कूड़े की गाड़ियां
– शहरवासी को डाउनलोड करना होगा नगर निगम का मोबाइल एप, मिलेगी जानकारी
– गीले और सूखे कोरे को अलग-अलग करके देने पर मिलेगा हाउस टैक्स में छूट

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। हॉट सिटी गाजियाबाद स्मार्ट सिटी बनने की राह पर कदम बढ़ा रहा है। यदि सब कुछ योजनानुसार रहा तो आने वाले दो तीन सालों में स्वच्छता के मामले में गाजियाबाद इंदौर को टक्कर देता हुआ नजर आएगा। शहर की सबसे बड़ी समस्या कूड़े के निस्तारण को लेकर ऐसा फुलप्रूफ प्लान बनाया जा रहा है जो आने वाले समय में काफी कारगर साबित होगा। योजना के तहत ना सिर्फ कूड़े की समस्या का निस्तारण होगा बल्कि, आम शहरवासी भी कूड़े के निस्तारण में नगर निगम का सहयोग करते हुए दिखेंगे। इस प्लान में शहरवासियों के अलावा कूड़ा कलेक्शन करने वालों के हितों पर भी जोर दिया गया है। यही बात इस योजना की सबसे बड़ी यूएसपी है और योजना की सफलता में कारगर साबित होगा। कूड़ा कलेक्शन में टेक्नोलॉजी की भी मदद ली जा रही है। नगर निगम द्वारा एक ऐसा मोबाइल ऐप डेवलप किया जा रहा है जिससे लोगों को मोबाइल फोन पर कूड़े की गाड़ी आने की सूचना मिलेगी। गीला एवं सूखा कूड़ा अलग-अलग देने पर उन्हें रिवार्ड प्वाइंट मिलेंगे। इन रिवार्ड प्वाइंट के आधार पर  लोगों  को हाउस टैक्स में छूट मिलेगी। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विशेषज्ञों से रिपोर्ट मांगी गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है और अब इसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराया जा रहा है। डीपीआर आने के बाद योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अधिकारियों की मानें तो 2021 की शुरूआत में इस पर काम शुरू हो जाएगा।
गाजियाबाद में कूड़े के निस्तारण की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। समस्या के समाधान को लेकर तात्कालिक उपाय तो किये जाते रहे हैं लेकिन यह अभी तक पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हुुआ है। इसी को देखते हुए गाजियाबाद नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर ने लॉग टर्म प्लान तैयार किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्लान में आम शहरवासियों के साथ-साथ लोगों के घरों से कूड़ा कलेक्ट करने वाले वाहन चालकों एवं सुपरवाइजरों को भी जोड़ा गया है। इन सभी को आर्थिक लाभ मिलेगा। निगम की योजना है कि कूड़े के निस्तारण में सबसे मददगार एट सोर्स सेग्रीगेशन को इस तरीके से अमल में लाया जाए कि वह महज कागजी ना रहकर धरातल पर सफल रहे। एट सोर्स एग्रीगेशन को धरातल पर कारगर बनाने के लिए नगर निगम द्वारा जो प्लान तैयार किया गया है उसमें आम शहरवासी को गीला-सूखा कूड़ा लग-अलग देने पर हाउस टैक्स में छूट दी जाएगी वही, सोर्स एग्रीगेशन में लगे वाहन चालक, उसके हेल्पर से लेकर सैनेट्री इंस्पेक्टर और सुपरवाइजर तक को इंसेंटिव दिया जाएगा। कूड़े की गाड़ी का एक रूट चार्ट भी तैयार किया जाएगा। ड्राइवर मनमाने ढंग से गाड़ी नहीं चलाएगा, बल्कि वह ओला और ऊबर कैब की तर्ज पर निर्धारित रूट पर चलेगा। नगर निगम द्वारा एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है  जो जिसे गाड़ी की लोकेशन बताएगा। गाड़ी कंट्रोल रूम से भी कनेक्ट रहेगा। मोबाइल ऐप डाउनलोड करने वालों के मोबाइल पर कूड़े की गाड़ी आने की पूर्व सूचना मिलेगी। मोबाइल पर अलार्म बजेगा और आवाज आएगी कि कूड़े की गाड़ी आ रही है, कूड़े की गाड़ी आ रही है।

नगर निगम को होगा लाभ
यह नगर निगम की बेहद कारगर योजना है। इस पर यदि ठीक ढंग से अमल हो गया तो ना सिर्फ कूड़े की समस्या का बेहतर निदान होगा बल्कि स्वच्छता सर्वेक्षण में भी शहर को काफी लाभ मिलेगा। इस योजना के क्रियान्वयन से गाजियाबाद नगर निगम को आर्थिक लाभ भी होगा। नगर निगम को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग मिलेगा। इससे सैग्रीगेशन पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। इतना ही नहीं ईपीआर तहत भी लाभ मिलेगा। लोहा एवं मेटल सहित अन्य कचरे का अलग से नीलामी करके भी नगर निगम की आमदनी बढ़ेगी।

आईटी प्रोफेशनल की ली जा रही है मदद
नगर निगम कामकाज के पुराने स्थापित परंपराओं से हटकर नए ट्रेंड पर काम कर रहा है। इसमें टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है और प्रोफेशनल की मदद से सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप डेवलपर करने की योजना पर काम चल रहा है। योजना सिर्फ हवा हवाई एवं कागजी ना रहे इसलिए योजनाबद्ध तरीके से इस पर काम चल रहा है।

कंट्रोल रूम से भी रखी जाएगी नजर
नगर निगम में अलग से कंट्रोल रूम होगा जहां से गाड़ियों पर नजर रखी जाएगी। कूड़े की गाड़ियों में चिप लगाया जाएगा और इस चिप को कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से कनेक्ट किया जाएगा। गाड़ियों में ड्राइवर के बगल में एक स्क्रीन लगा होगा जिस पर आॅटो गाइडेड रूट डिस्प्ले होगा और ड्राइवर उसी रूट पर गाड़ी लेकर जाएगा।

योजना अभी प्रारंभिक अवस्था में है। इसलिए में अभी इसको लेकर बहुत ज्यादा दावा नहीं करूंगा। लेकिन इस योजना का उद्देश्य सोर्स सेग्रीगेशन को धरातल पर उतारना है। लोग स्वच्छता अभियान से जुड़े और स्वयं कूड़े को अलग-अलग करे। इसके लिए उन्हें रिवार्ड प्वाइंट मिलेगा और टैक्स में छूट मिलेगी। इसमें टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी। मोबाइल ऐप के जरिये लोग सीधे नगर निगम से जुड़े रहेंगे। योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा।
महेंद्र सिंह तवर
म्युनिसिपल कमिश्नर
गाजियाबाद