मलबे को सी एंड डी वेस्ट प्लांट में भेजना जरूरी, उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना

-नगर आयुक्त ने शहरवासियों से की खुले में सीएनडी वेस्ट न डालने की अपील

गाजियाबाद। किसी भी तरह के निर्माण कार्य के दौरान निकले मलबे को निपटाने की जिम्मेदारी भवन के मालिक या बिल्डर की होगी। जिसके लिए नगर निगम ने सख्ती दिखाना शुरु कर दिया है। निगम ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत मलबे को अगर इधर-उधर कहीं भी फेंका तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल निपटारे के संबंध नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ ने सख्त निर्देश दिए है कि सी एंड डी मलबे सहित प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों को कम करने की तत्काल आवश्यकता है। भवनों का निर्माण तथा पुनर्निर्माण करने वाले सभी मालिक एवं बिल्डर इस दौरान उत्पन्न होने वाले मलबे का या तो खुद निपटान करें या फिर नंदग्राम रेत मंडी में स्थापित सी एण्ड डी प्लांट का पर संपर्क करें। ताकि नियम अनुसार सी एण्ड डी वेस्ट का निस्तारण किया जा सकें और शहर वासियों को लाभ प्राप्त हो सकें।

मुख्य अभियंता निर्माण एनके चौधरी ने बताया कि नगर निगम सीमा अंतर्गत खुले में इधर-उधर निर्माण कार्यों से उत्सर्जित मलबे को नहीं डाला जाएगा। अगर उक्त मलबे का नियमानुसार निस्तारण नहीं किया जाता है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई जाएगी। सी एण्ड डी वेस्ट के उत्सर्जनकर्ताओं के विरुद्ध निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 8 (2) के अनुपालन में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जुर्माना व कठोर कार्यवाही की जाएगी।

नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ ने बताया कि खुले में इधर-उधर सीएनडी वेस्ट डालने से वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही शहर की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है। जिस कारण शहर वासियों को काफी स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो रही है। नगर आयुक्त ने समस्त शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि वह निर्माण कार्यों से उत्सर्जित होने वाले मलबे के नियमानुसार निस्तारण के लिए सिटी जोन के नंदग्राम रेत मंडी मे स्थापित सी एण्ड डी प्लांट का पर संपर्क करें। ताकि इस प्रकार कार्य करने से न केवल शहर की सुंदरता बनी रहेगी। बल्कि शहर वासियों के स्वास्थ्य का भी प्रभावित नहीं होगा। शहरवासियों के विशेष सहयोग से नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अभियान में सहयोग प्राप्त हो रहा है।

संबंधित शहर वासी 18002585598 पर संपर्क करते हुए अपने सी एण्ड डी वेस्ट का निस्तारण करा सकते हैं।
नगर निगम के निर्माण विभाग द्वारा सी एंड डी के नियमानुसार निस्तारण न करने तथा इधर-उधर डालने पर जुर्माने की कार्यवाही लगातार तेजी से की जा रही है। निर्माण कार्यों से उत्सर्जित सी एण्ड डी वेस्ट के निस्तारण के लिए ट्रांसपोर्ट फीस 509 प्रति एमटी, निस्तारण के लिए प्रोसेस फीस 516 प्रति एमटी निर्धारित की गई है। उक्त शुल्क में 18 प्रतिशत जीएसटी की राशि पृथक से देनी होगी। दोनों सड़कों में प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी। नगर निगम अधिकारियों द्वारा यहां यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि उत्सर्जन करता द्वारा स्वयं संसाधनों से सी एंड डी वेस्ट को प्लांट तक पहुंचाया जाता है। तो संबंधित द्वारा वेस्ट का प्रोसेसिंग शुल्क 516 प्रति एमटी की दर से 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान संबंधित फर्म के खाते में करना होगा।