यमुना प्राधिकरण बना विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में एक और कीर्तिमान हुआ प्राधिकरण के नाम दर्ज

यमुना प्राधिकरण विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बन गया है। यमुना सिटी के कुल एरिया की लंबाई और चौराई की बात करें तो यह लगभग 185 किलोमीटर लंबी और 12 किलोमीटर चौड़ी पट्टी है। यह क्षेत्रफल विश्व के किसी भी औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रकबे से अधिक है। अभी तक साउदी अरब के जुबैल इंडस्ट्रीयल सिटी को सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है। सबसे बड़े औद्योगिक सिटी की लिस्ट में दूसरे नंबर पर कनाडा के अल्बर्ट इंडस्ट्रीयल हर्टलैंड और तीसरे नंबर पर अमेरिका के तेहो रेनो इंडस्ट्रियल सेंटर का नाम आता है। साउदी अरब के जुबैल इंडस्ट्रीयल सिटी का क्षेत्रफल लगभग 920 स्क्वायर किलोमीटर है। लगभग 3000 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण विश्व का सबसे बड़ा प्राधिकरण बन गया है।

उदय भूमि ब्यूरो।
ग्रेटर नोएडा। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ” दुष्यंत कुमार का यह शेर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के उत्थान और प्राधिकरण की कायाकल्प करने वाले आईएएस अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह की कहानी में हकीकत में नजर आता है। कभी सिर से पैर तक कर्ज में डूबे यमुना प्राधिकरण की स्थिति ऐसी हो गई थी कि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही थी लेकिन आज यमुना प्राधिकरण की गिनती देश के सबसे अधिक विकासशील औद्योगिक विकास प्राधिकरण में हो रही है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा बुलंदशहर जिले के 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण में शामिल करने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही यमुना प्राधिकरण विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बन गया है।
अभी तक यमुना प्राधिकरण के दायरे में 1,187 गांव थे। लेकिन 55 नये गांवों के शामिल होने के बाद अब इन गांवों की संख्या बढ़कर 1,242 हो गई है। यमुना प्राधिकरण का वर्तमान रकबा (क्षेत्रफल) 2,68,862 हेक्टयर यानी लगभग 2688 स्क्वायर किलोमीटर है। यमुना सिटी के कुल एरिया की लंबाई और चौराई की बात करें तो यह लगभग 185 किलोमीटर लंबी और 12 किलोमीटर चौड़ी पट्टी है। यह क्षेत्रफल विश्व के किसी भी औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रकबे से अधिक है। अभी तक साउदी अरब के जुबैल इंडस्ट्रीयल सिटी को सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है। सबसे बड़े औद्योगिक सिटी की लिस्ट में दूसरे नंबर पर कनाडा के अल्बर्ट इंडस्ट्रीयल हर्टलैंड और तीसरे नंबर पर अमेरिका के तेहो रेनो इंडस्ट्रियल सेंटर का नाम आता है। साउदी अरब के जुबैल इंडस्ट्रीयल सिटी का क्षेत्रफल लगभग 920 स्क्वायर किलोमीटर है। यानी कि लगभग 3000 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण विश्व का सबसे बड़ा प्राधिकरण बन गया है।
एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है। यमुना सिटी में हॉलीवुड को टक्कर देने वाले विश्वस्तरीय फिल्म सिटी परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। यमुना प्राधिकरण की मेडिकल डिवाइस पार्क योजना भारत को मेडिकल उपकरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उपकरणों के निर्यात देशों की श्रेणी में स्थापित करेगा। यमुना सिटी को लेकर जिस तरह से योजनाएं बनाई जा रही है और यहां औद्योगिक निवेश हो रहे हैं। ऐसे में भविष्य में यमुना सिटी देश में इंडस्ट्रियल कैप्टिल के रूप में स्थापित होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 अप्रैल 2001 को यूपी इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट एक्ट-1976 के तहत यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया। अभी तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के दायरे में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और हाथरस जिलों के 1,187 गांव आते थे। बुलंदशहर जिले की सिकंदराबाद और खुर्जा तहसील के 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण में शामिल किये जाने के बाद गांवों की संख्या बढ़कर 1242 हो गई है। यानी गांवों की संख्या के लिहाज से भी यमुना प्राधिकरण विश्व का सबसे बड़ा प्राधिकरण बन गया है। बुलंदशहर के 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण में शामिल किये जाने का सबसे बड़ा फायदा इन गांवों के किसानों को होगा।

राज्यपाल की मुहर और गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब यमुना प्राधिकरण द्वारा इन गांवों में विकास को लेकर योजना बनाई जाएगी। इन गांवों के आने से यमुना प्राधिकरण के लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग और कार्गो हब का दायरा बढ़ जाएगा। साथ ही लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग हब को रेलमार्ग से भी जोड़ा जा सकेगा। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के पूर्व की ओर से गुजर रहा है। इसका समीपवर्ती बिंदु चोला रेलवे स्टेशन है। जेवर एयरपोर्ट में कार्गो और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर बन रहा है। इससे प्राधिकरण के पूर्वी क्षेत्र में लाजिस्टिक तथा वेयरहाउसिंग क्षेत्र में प्रबल संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर से सीधे जुड़ा हुआ है।

यमुना प्राधिकरण में ये गांव हुए शामिल 

शेखपुर माम, दाउदपुर, सलेमपुर मजरा दस्तूरा, दस्तूरा, खंडपूरा, भगवानपुर, हसनपुर लडूकी, बीघेपुर, बीछट सुजानपुर, मोहम्मद पुर मजरा बीछट, अख्तियारपुर, सनोता सफीपुर, भाईपुर, लालपुर ममरेजपुर, शहजादपुर कनेनी, ताजमाबाद, सारंगपुर, नगला रूमी, आसफपुर, सिरयाल, शाहपुर कला, गोठनी, भिंडोर, फिरोजपुर, अहरौली, औरंगा, भादवा, रामगढ़ी, जाफर नगर गदाईपुर, जाहिदपुर कला, गंगथला, कलंदर गढ़ी, क्वारसी, जाहिदपुर खुर्द, सुल्तानपुर, इस्माईलपुर बुधैना, इब्राहिमपुर जुनैदपुर, समसपुर, कमालपुर मजरा भदौरा, इनायतपुर उर्फ मधुपुरा, भदौरा, खबरा, भौंरा, सलौनी उर्फ रौनी, मकरंदपुर उर्फ फतेहपुर, वैर बादशाहपुर, अरौड़ा, फतेहपुर जादौन, घनौरा, नूरपुर, निठारी, गंगरौल, कादरपुर।

स्मार्ट सिटी, कार्गो और लॉजिस्टिक हब विकसित होगा
खुर्जा और बुलंदशहर के 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल हो गए हैं। अभी तक बुलंदशहर जिले के 40 गांव यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल हैं। अब यह संख्या 95 हो गई। नये गांवों के इलाके में कार्गो-लॉजिस्टिक्स हब बनाया जाएगा। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट के आसपास स्मार्ट सिटी, कार्गो और लॉजिस्टिक्स हब, मेडिकल डिवाइस पार्क, टॉय पार्क और बड़ी औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जाने हैं। इन सब परियोजनाओं के लिए जमीन की जरूरत है।

रेलमार्ग से जुड़ेगा लॉजिस्टिक हब
यमुना प्राधिकरण लॉजिस्टिक हब को रेलमार्ग से जोड़ेगा। इसके लिए चोला रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है। यह इस इलाके से करीब 16 किलोमीटर दूर है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा ताकि यह पूरा इलाका दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ सके। इसकी योजना प्राधिकरण बना चुका है। जल्द ही इस पर अमल होगा।

बुलंदशहर जिले के खुर्जा और सिकंदराबाद क्षेत्र के 55 गांवों को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक प्राधिकरण में शामिल किये जाने का सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी हो गया है। जिन गांवों को प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल किया गया है उन गांवों में औद्योगिक विकास को लेकर भविष्य में योजनाएं तैयार की जाएगी। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तीव्र गति से औद्योगिक विकास हो यहां पर औद्योगिक निवेश अधिक से अधिक हो और अधिसंख्य लोगों को रोजगार मिले इसको लेकर योजनाएं बनाकर काम किया जा रहा है।
डॉ अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण