Jewar Airport : किराया होगा किफायती सुविधाएं होगी नंबर-1 लखनऊ में हुई बैठक में एसपीवी प्रस्ताव खारिज

सितंबर 2024 से जेवर एयरपोर्ट के रनवे से देश-विदेश के लिए हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। जेवर एयरपोर्ट सुविधाओं में बेहतर होने के साथ ही यात्रियों के किराये के मामले में भी सस्ता होगा। जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली हवाई जहाजों का किराया कम रहे इसको लेकर अभी से हर कदम फूंक-फूंक कर उठाया जा रहा है। लखनऊ में जेवर एयरपोर्ट को लेकर हुई बैठक में एयरपोर्ट का काम तेजी के साथ कराने के अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बैठक में एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ने एयर कार्गो के लिए अलग से एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) बनाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। इस प्रस्ताव के पास होने से यात्री किराये में बढ़ोत्तरी की संभावना होती। लेकिन प्रस्ताव के खारिज होने के बाद इस बात की संभावना अधिक है कि जेवर एयरपोर्ट से जब व्यवसायिक हवाई जहाज का परिचालन शुरू होगा तब उसका किराया दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से उड़ने वाले हवाई जहाज से कम होगा।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट से वर्ष 2024 से हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। इसको लेकर काम तेजी से चल रहा है। मार्च 2024 में ट्रायल रन शुरू हो जाएगा और पांच महीने बाद सितंबर 2024 से जेवर एयरपोर्ट के रनवे से देश-विदेश के लिए हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। जेवर एयरपोर्ट सुविधाओं में बेहतर होने के साथ ही यात्रियों के किराये के मामले में भी सस्ता होगा। जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली हवाई जहाजों का किराया कम रहे इसको लेकर अभी से हर कदम फूंक-फूंक कर उठाया जा रहा है। लखनऊ में जेवर एयरपोर्ट को लेकर हुई बैठक में एयरपोर्ट का काम तेजी के साथ कराने के अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बैठक में एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ने एयर कार्गो के लिए अलग से एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) बनाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। इस प्रस्ताव के पास होने से यात्री किराये में बढ़ोत्तरी की संभावना होती। लेकिन प्रस्ताव के खारिज होने के बाद इस बात की संभावना अधिक है कि जेवर एयरपोर्ट से जब व्यवसायिक हवाई जहाज का परिचालन शुरू होगा तब उसका किराया दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से उड़ने वाले हवाई जहाज से कम होगा। इस स्थिति में जेवर एयरपोर्ट पर ट्रैफिक लोड बढ़ेगा और अधिक संख्या में यात्री जेवर एयरपोर्ट से सफर करेंगे।
लखनऊ में हुई बैठक में एयरपोर्ट के निर्माण सहित निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले पानी की आवश्यकता और पानी की आपूति के श्रोत को लेकर भी चर्चा हुई। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में पेयजल के लिए भूमिगत जल का इस्तेमाल होगा। इसको लेकर सशर्त सहमति बनी है। लेकिन अंतिम फैसला बाद में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। कंपनी जितना भूजल का उपयोग करेगी उतना भूजल रिचार्ज करने की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी। एयरपोर्ट की निर्माणकर्ता कंपनी पेयजल के लिए यहां दो नलकूप लगाएगी। जेवर क्षेत्र भूमिगत जल के मामले में खतरनाक स्थिति में है। इसके चलते भूमिगत जल के इस्तेमाल पर को हरी झंडी नहीं दी गई थी। एयरपोर्ट की निर्माणकर्ता कंपनी के अनुरोध पर इस बैठक में भूमिगत जल के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि एयरपोर्ट को पेयजल के लिए भूमिगत जल का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाएगी। बशर्ते जितना भूमिगत जल का दोहन होगा उसकी भरपाई कर दी जाये।

सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित
एयरपोर्ट के जल प्रबंधन को लेकर शासन ने एक समिति गठित कर दी है। यह समिति नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है। इस समिति की बैठक 5 सितंबर को होगी। बैठक में विकासकर्ता कंपनी के प्रतिनिधियों के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। इसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण सेक्टर 29 में 60 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाएगा। एसटीपी के पानी को ट्रीट कर उसे एयरपोर्ट निर्माण में उपयोग किया जाएगा। एसटीपी के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है और कंपनी का भी चयन कर लिया गया है। बहुत जल्दी यह काम शुरू हो जाएगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जैसे-जैसे आबादी बढ़ेगी यहां औद्योगिक इकाइयों की संख्या में भी इजाफा होगा। ऐसे में भविष्य में एसटीपी से निकलने वाले पानी को शुद्ध करके एयरपोर्ट के अलावा औद्योगिक इकाईयों को भी दिया जा सकता है।