महापौर के खिलाफ जाट समाज के नेताओं ने खोला मोर्चा

-बीजेपी पार्षद ने कहा संगठन में करुंगा शिकायत, मुख्यमंत्री तक जाएगी बात

गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक में भाजपा पार्षद सचिन डागर द्वारा पार्क की जमीन पर कब्जा कर सड़क का निर्माण करने का मुद्दा उठाए जाने पर मचे बवाल के बाद पार्षद ने विस्तार से पत्रकारों के समक्ष अपनी बात रखी। गुरूवार को नवयुग मार्केट स्थित रेस्टोरेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा पार्षद सचिन डागर ने कहा कि राजेंद्र नगर में बाबू जगजीवन राम कॉलोनी में अवैध रूप से 12 फीट रास्ते को 30 फीट चौड़ा रास्ता पार्क की जमीन पर बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व नगर आयुक्त और वर्तमान नगर आयुक्त व नगर निगम के अधिकारियों से छह माह पूर्व इसकी शिकायत की गई। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर निगम की बोर्ड बैठक में सदन में महापौर सुनीता दयाल के समक्ष यह मामला उठाया। इसमें 30 लाख रुपए की रिश्वत भी ली गई। इसके बाद सड़क बन गई। जबकि जमीन की कई लोगों को की गई रजिस्ट्री में भी पार्क की जमीन दर्शाया गया है। पार्षद सचिन डागर ने कहा कि महापौर ने सदन में बेटा गर्दन अलग कर दूंगी का बयान दिया है। इसकी भाजपा संगठन में शिकायत करूंगा। मैं भी भाजपा का कार्यकर्ता और निर्वाचित पार्षद हूं।

उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर उद्यमियों ने एक करोड़ की मांग का आरोप लगाया है। अगर मैं इसमें दोषी पाया गया तो इस्तीफा दे दंूगा। इस पूरे मामले की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह भी शिकायत करूंगा। जमीन की जांच की मांग है। 12 फीट से 30 फीट चौड़ा रास्ता बना दिया गया। महापौर का गर्दन काट दूंगी का बयान मेरे लिए कहा गया है। नगर निगम के वार्ड-60 से भाजपा पार्षद सचिन डागर ने कहा कि निगम बोर्ड बैठक में महापौर का मैने नाम नहीं लिया था। 30 लाख रुपए रिश्वत ली गई। महापौर के गर्दन अलग कर दूंगी के बयान के बाद मैं काफी सहमा हूं। सदन में ऐसा बोलकर अपमान किया गया। मैं भी निर्वाचित पार्षद हूं। महापौर ताकतवर महिला है। वह भाजपा की वरिष्ठ नेता है। जबकि मैं भी भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता हूं। महापौर सुनीता दयाल के नगर निगम सदन की बैठक में गर्दन अलग कर दूंगी के बयान पर तकरार जारी है। पार्षदों से लेकर पूर्व पार्षद व जाट समाज व अन्य समाज के लोगों ने भी इस बयान की कड़ी भत्र्सना की है।

कांग्रेस के पूर्व पार्षद मनोज चौधरी का कहना है कि महापौर शहर की प्रथम नागरिक है। सदन में ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए बयान देना चाहिए। वहीं, अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण चौधरी भुल्लन का कहना है कि पार्षद सचिन डागर जाट समाज से हैं। महापौर को गर्दन अलग कर दूंगी के बयान पर माफी मांगनी चाहिए। सदन में ऐसा बयान देना समाज पर हमला करना है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय जाट महासभा भारत के जिलाध्यक्ष आनंद चौधरी ने कहा कि महापौर को जाट समाज से माफी मांगनी चाहिए। इनके इस बयान से समाज में नाराजगी है। अगर माफी नहीं मांगी तो नगर निगम में महापौर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस पूरे मामले मेंं महापौर सुनीता दयाल का कहना है कि सदन की बैठक में जो आरोप लगाया गया। वह झूठा है। अपमान होने पर कैसे चुप रह सकती थीं। पार्क की जमीन पर कब्जा कर 30 फीट चौड़ा रास्ता बनाने वाले भू-माफिया को बख्शा नहीं जाएगा। पार्षद सचिन डागर भी हमारे सदन और परिवार का हिस्सा है। किसी जाति विशेष को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई। बयान में किसी का नाम भी नहीं लिया गया।