गाजियाबाद फिर बना नंबर-1 स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में उत्तर प्रदेश में प्रथम और देश में 19वें स्थान पर हुआ काबिज

-नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में रंग लाई निगम अधिकारियों की मेहनत 

गाजियाबाद। स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 का केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को परिणाम जारी कर देने के बाद गाजियाबाद नगर निगम ने प्रदेश में नंबर-1 की रैंकिंग प्राप्त कर प्रदेश में नाम अव्वल कर दिया। पिछले साल भी निगम पहले स्थान पर रहा था।10 लाख से ज्यादा आबादी वाली श्रेणी में गाजियाबाद को देश में 19वां स्थान मिला है। जबकि बीते साल देश में 12वें स्थान पर रहा था। दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण का परिणाम जारी किया गया। इसमें नगर निगम के अधिकारी शामिल हुए। स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम का प्रदेश में नंबर-1 स्थान पर कब्जा बरकरार रहा। लेकिन देश की रैंकिंग में गाजियाबाद पिछड़ गया। पिछले साल 12वें स्थान हासिल किया था। इस बार सात पायदान नीचे आकर 19वें स्थान पर रहा। हालांकि नगर निगम के अधिकारी इस साल देश की रैंकिंग में सुधार होने का दावा कर रहे थे। इसका कारण नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए खुद का डंपिंग ग्राउंड नहीं होना हैं। सूखा और गीला कूड़ा अलग नहीं किया जा रहा। जो मानक हेैं।उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हो सकें। इस वजह से देश की रैंकिंग में गाजियाबाद इस साल भी पिछड़ गया।

पिछले साल के मुकाबले वह देश के स्वच्छ शहरों की रैंकिंग में सात पायदान नीचे गिरा है। इससे पहले स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग में गाजियाबाद को 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में प्रदेश में पहला और देश में 12वां स्थान प्राप्त हुआ था, जो कि अब तक की गाजियाबाद की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।उस वक्त तत्कालीन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के कार्यकाल में शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सड़कों से धूल उठाकर थैले में भरने, डलाव घरों को पूरी तरह से बंद करने का अभियान चलाया गया था।कूड़ा निस्तारण के लिए सिहानी और रेट मंडी में गार्बेज फैक्ट्री बनाई गई थी, जिसकी सराहना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी की थी। महेंद्र सिंह तंवर के तबादले के बाद नगर आयुक्त के पद पर डॉ. नितिन गौड़ और उनके बाद विक्रमादित्य सिंह मलिक की तैनाती हुई। इस दौरान शहर में सफाई व्यवस्था भी बिगड़ती गई।गार्बेज फैक्ट्री का संचालन बंद हो गया, डलाव घर पर फिर से चालू हो गए और कचरा निस्तारण न होने के कारण जगजीवनपुर और मकरैड़ा में कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए। जिसके विरोध में हाल ही में 16 गांवों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, वहां पर कूड़े की गाडिय़ों को जाने से रोक दिया था।नगर निगम के अधिकारियों ने ग्रामीणों से वार्ता कर अब तीन माह का समय वहां पर कचरा डंप करने से रोकने के लिए मांगा है, लेकिन अब तक नई जगह नहीं मिल सकी है।

IAS Vikramditya Singh Malik
विक्रमादित्य सिंह मलिक
नगर आयुक्त

प्रदेश में नंबर-1 की रैंकिंग में सभी का योगदान अमूल्य
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में नगर निगम ने प्रदेश में नंबर-1 की रैंकिंग हासिल की है। इसके लिए सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार प्रकट करते है। सफाई कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई। देश में 19वें स्थान मिला है। पहले स्थान पर आने के लिए जो मानक है, उन्हें इस साल में पूरा किया जाएगा। हालांकि निगम अधिकारियों ने खूब मेहनत की है। सड़कों के किनारे कूड़ा डलावघर खत्म किए। इस तरह से निगम का पहले स्थान पर कब्जा बरकरार रहा। जिसमें नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी, शहरवासियों के साथ-साथ विद्यार्थियों का भी योगदान रहा है। स्मार्ट ट्रांसफर स्टेशन, एमआरएफ सेंटर, कूड़ा कलेक्शन गाड़ी की बढ़ी संख्या, स्वच्छता लीग कार्यक्रम, वेस्ट टू वंडर पार्क, बेहतर प्रबंधन कार्य योजना के साथ कार्य करते हुए 10 लाख की आबादी के साथ उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद प्रथम आया है। आगे इसी प्रकार और अधिक मेहनत करके गाजियाबाद नगर निगम जन सहयोग से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ भारत में भी अच्छे अंक प्राप्त करेगा।

स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर-1 की रैंकिंग पर सभी का आभार
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में प्रदेश में नंबर-1 की रैंकिंग प्राप्त करना सभी के सहयोग से यह मुकाम हासिल हुआ। इसके लिए नगर निगम के अधिकारी व शहरवासी और पार्षद बधाई के पात्र है।यह शहर के लिए गर्व की बात है जिस रैंकिंग को पाने के लिए अन्य शहर सोचते है। उसमें गाजियाबाद नगर निगम ने अपनी पहचान बनाई हुई हैं। गाजियाबाद नगर निगम के इस सर्वेक्षण में दिन रात कार्य किया और सहयोग दिया है।इसके परिणाम सामने आए हैं। यह हर्ष और शहर के लिए गौरव की बात है।
सुनीता दयाल
महापौर, गाजियाबाद नगर निगम।