प्रदेश में वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट योजना के लोकल प्रोडक्ट बन रहे ग्लोबल: डॉ. पीएन अरोड़ा

-मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश डी.एस. मिश्रा ने यशोदा कौशाम्बी के सीएमडी को भेंट किया ओडीओपी उत्पाद

गाजियाबाद। राज्य के जिलों के घरेलू उत्पादों को प्रोत्साहित करने वाली ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट), उत्तर प्रदेश सरकार की एकाधिक महात्वाकांक्षी उपलब्धियों में से एक है। इसी के अंतर्गत, दिल्ली में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश डी.एस. मिश्रा द्वारा यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के सीएमडी डॉ अरोड़ा एवं डायरेक्टर डॉ उपासना अरोड़ा को ओडीओपी उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। इस अमूल्य उपहार के लिए डॉ पीएन अरोड़ा एवं डॉ उपासना अरोड़ा ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त किया।

डॉ अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक जनपद के हस्तकला ,हस्तशिल्प एवं विशिष्ट हुनर को सुरक्षित एवं विकसित किया जाए। ताकि उस जनपद में रोजगार सृजन हो और अथिक समृद्धि का लक्ष्य हासिल हो सके। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के जरिए छोटे-छोटे कारीगरों को स्थानीय स्तर पर भी अच्छा मुनाफा मिल सकेगा और उन्हें अपना घर, जिला छोड़कर दूर किसी दूसरी जगह नही भटकना पड़ेगा। एक जनपद एक उत्पाद योजना के जरिए प्रदेश के जनपदों के सभी कलाकारों को आर्थिक रूप से भी मदद करना भी एक सराहनीय कदम है। यह पहल सभी ओडीओपी उत्पाद से जुड़े कारीगरों, व्यापारियों और निर्माताओं के लिए खुली है। ओडीओपी सेल जिला उद्यम (डीआईईपीसी) कार्यालयों के माध्यम से संबंधित ओडीओपी उत्पाद कारीगरों, व्यापारियों और निर्माताओं को विभिन्न योजनाओं से जोड़ता है।

इसके लिए उन्हें विभिन्न प्रचार अभियानों के माध्यम से उन्हें ओडीओपी कार्यक्रम के बारे में सूचित किया जाता है। ओडीओपी कारीगरों/इकाइयों को प्रति यूनिट/कारीगर 20 लाख रुपये तक मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की जाती है। योजना की शुरुआत के बाद से लगभग 20,000 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए कारीगरों को ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो मार्केट में मौजूद उनसे मिलते जुलते प्रोडक्ट की बराबरी कर सके। इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में मौजूद विशिष्ट पारंपरिक उत्पाद का विस्तार करते हुए उसे ग्लोबल पहचान दिलाता है।