भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने दिया धरना

-पहलवानों को रिहा करो नहीं तो किसानों को गिरफ्तार करो: राकेश टिकैत

गाजियाबाद। देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन का रविवार को उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने नए संसद भवन तक मार्च निकालने का ऐलान किए जाने को लेकर दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर किसान भी पहलवानों के समर्थन में जुट गए। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत भी किसानों के साथ रविवार सुबह करीब 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे। इनके पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने इन्हें दिल्ली जाने से बैरिकेडिंग कर रोक दिया। पुलिस के रोके जाने के बाद चौधरी राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर धरना देकर बैठ गए। वहीं, दिल्ली पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स ने पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद थाने ले गई। इससे खफा चौधरी राकेश टिकैत ने किसानों के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर धरना देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पहलवानों को रिहा करें। अन्यथा हमे और किसानों को गिरफ्तार करो। दिल्ली में जंतर-मंतर से पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत अपनी गिरफ्तारी देने पर अड़ गए। शाम करीब सात बजे दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को रिहा कर दिया। इसके बाद किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने भी धरना समाप्त करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि यदि पहलवानों को नहीं छोड़ा जा रहा है तो वह यूपी गेट पर मौजूद तमाम किसानों के साथ अपनी गिरफ्तारी देने को तैयार हैं। किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पैरामिलिट्री फोर्स,दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग कर बॉर्डर को बंद कर दिया। किसानों ने बैरिकेडिंग हटा दी। वहीं, किसानों को कई जगह पर रोक दिया गया। देश के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत पहलवान जंतर-मंतर पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 30 दिनों से धरना दे रहे हैं। रविवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत किसानों के साथ पहलवानों को दिल्ली में समर्थन देने के लिए पहुंचे थे। मगर पुलिस ने उन्हें दिल्ली जाने से गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया। जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने वहां रहने के लिए बनाए गए तंबू को हटा दिया है। पहलवानों के समर्थन में दिल्ली जाने से पुलिस द्वारा रोकने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है, हम जंतर मंतर जाने वाले थे, वहां से पार्लियामेंट जाते, लेकिन पुलिस ने यहीं रोक दिया है।

वह शाम को सात बजे तक गाजीपुर बॉर्डर पर धरना देकर बैठ गए। वहीं, भाकियू के जिलाध्यक्ष चौधरी बिजेंद्र सिंह ने पुलिस-प्रशासन पर रात से ही नजर बंद करने का लगाया आरोप। उनका कहना है कि डीसीपी और अन्य अधिकारियों से फोन पर वार्ता करने के बावजूद भी उनको नहीं छोड़ा जा रहा है।भारतीय किसान यूनियन ने गाजीपुर बॉर्डर में पंचायत करने का ऐलान किया था। गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स सुबह से ही तैनात कर दी गई थी। गाजीपुर बॉर्डर पर धारा-144 लगाई गई है। गाडिय़ों को चेकिंग के बाद यूपी से दिल्ली में एंट्री दी गई। किसानों को दिल्ली की ओर न जाने देने को लेकर बैरिकेडिंग लगाई गई थी। किसानों के बॉर्डर पर पहुंचने के बाद रूट डायवर्जन कर दिया गया। एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने के बाद रूट डायवर्जन किया गया। ताकि लोगों को परेशानी न हो सकें। किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना देकर बैठ जाने और पंचायत का ऐलान किए जाने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के हाथ पांव फूल गए। भारी संख्या में पुलिस फोर्स बॉर्डर पर तैनात कर दी गई। शाम को करीब सात बजे पहलवानों को रिहा किए जाने के बाद किसान भी वापस लौट गए।