महापर्व छठ : अंत:करण की शुद्धि के लिए खरना व्रत

दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं में उत्साह, शाम को लगेगा भोग

पटना। सूर्य उपासना का महापर्व छठ धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। 4 दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन वीरवार को खरना व्रत है। इसके लिए पहले से तैयारियां कर ली गई हैं। छठ व्रतियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। व्रतियों द्वारा छठ मैया को गुड़, अरवा चावल एवं दूध से तैयार रसिया का भोग लगाया जाएगा। कोरोना काल में यह पहला छठ व्रत है। कोविड-19 (कोरोना वायरस) से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। श्रद्धालुओं की मदद के लिए सरकारी तंत्र ने हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए हैं। वीरवार को खरना व्रत है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास कर पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। अंत:करण को शुद्ध करने हेतु खरना मनाया जाता है। गुड़, अरवा चावल एवं दूध से बने रसिया का शाम में छठ मैया को भोग लगाया जाएगा। खरना के दिन छठ मैया का आह्वान कर एकांत में भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि छठ मैया एकांत व शांत स्थान पर भोग ग्रहण करती हैं। छठ पर्व नदियों-तालाबों के किनारे घाट बनाकर मनाने की परंपरा है। इसके लिए नदी-घाटों पर तैयारियां की गई हैं। समूचे बिहार में महापर्व छठ की धूम देखने को मिल रही है। शुक्रवार को घाटों पर डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। इसके बाद शनिवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। बता दें कि महापर्व छह बुधवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ था। इस दरम्यान गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। छठ पर्व के मद्देनजर पटना में गंगा घाट पर चेंजिंग रूम, अस्थाई शौचालय सहित सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। छठ घाटों पर वाहनों को ले जाने की अनुमति नहीं है। पटना के दानापुर से पटना सिटी तक गंगा के घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा सुरक्षा बलों व गोताखोरों की तैनाती की गई है। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में भी यह पर्व मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में बिहार के नागरिक रहते हैं।