श्रद्धापूर्वक मनाया गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस

-छबील लगाकर लोगों को शरबत व छोलों का प्रसाद किया वितरित

गाजियाबाद। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस सोमवार को मनाया गया। शब्द कीर्तन से नगरी के गुरुद्वारे गूंज उठे। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद चखा। संगत ने छबील सेवा में योगदान दिया। गर्मी में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए शहर में जगह जगह मीठे जल की छबील लगाई गई। गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवें गुरू थे। लाहौर में मुगल बादशाह जहांगीर ने घोर शारीरिक यातनाएं देकर वर्ष 1606 ई. में रावी नदी में उन्हें बहा दिया। गुरुद्वारा जी ब्लॉक कविनगर में ठंडे व मीठे शरबत की छबील लगाकर लोगों को शरबत व छोलों का प्रसाद वितरित किया।

गुरु अर्जुन देव के संगत को ईश्वर व मानवता का संदेश देने पर उनके बढ़ते जनाधार से डरकर तत्कालीन मुगल सम्राट जहांगीर ने जून की तपती धूप में गर्म तवे पर बैठाकर शहीद किया था। गुरु अर्जुन देव द्वारा सुखमनी साहिब की रचना की गई व गुरु ग्रंथ साहिब जी का सम्पादन भी कराया गया था। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह जौली, गुरमिन्दर सिंह, देवेंद्र सिंह, जसमीत सिंह, सरदार एसपी सिंह, जसबीर सिंह सलूजा, महेंद्र सिंह, ज्ञानी राजेंद्र सिंह आदि सेवादार संगत की सेवा में रहे।