आपके मकान का नगर निगम करायेगा जीआईएस सर्वे

– जीआईएस सर्वे से नई संपत्तियों की जानकारी जुटाएगा निगम, लगेगा हाउस टैक्स, बढ़ेगी निगम की आमदनी

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। आपने अपने मकान का हाउस टैक्स जमा किया है कि नहीं यह जानकारी नगर निगम अधिकारी आॅफिस में बैठे-बैठे कर लेंगे। गाजियाबाद नगर निगम जीआईएस सर्वे कराएगा। सर्वे के जरिये नगर निगम ऐसी संपत्तियों को चिन्हित करेगा जिन्होंने हाउस टैक्स का भुगतान नहीं किया है। इसके अलावा मकानों की नंबरिंग भी की जाएगी। जिससे कि भविष्य में किसी तरह की परेशानी ना हो। जीआईएस सर्वे से नगर निगम की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होगी और हाउस टैक्स की चोरी पर अंकुश लगेगा। नगर निगम की योजना है कि सभी मकानों का अलग-अलग यूनिक आइंडेंटीफिकेशन नंबर हो और उसी नंबर के जरिये संपत्ति का पूरा नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज रहे।

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विद्युत विभाग भी अपने उपभोक्ताओं को इसी तरह का एक नंबर उपलब्ध कराता है। इससे भविष्य में जानकारियां जुटाने में काफी सहूलियत मिलती है।
इस योजना के लागू होने से नगर निगम की आमदनी में भी खासी बढ़ोत्तरी होगी। शासन की ओर से नियुक्त कंपनी को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। पहले यह कंपनी जोनवार सर्वे कर रही थी लेकिन अब इसे वार्डवार सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। शासन द्वारा कंपनी के साथ हुए करार के मुताबिक कंपनी को लगभग सवा 3 लाख मकानों का डिटेल देना है। लेकिन गाजियाबाद में मकानों की संख्या अधिक है। ऐसे में यहां सर्वे में मकानों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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बाबुओं की मनमानी पर लगेगी लगाम
हाउस टैक्स नगर निगम का सबसे बदनाम विभाग है। म्युनिसिपल कमिश्नर दिनेश चंद्र तंवर ने गाजियाबाद का चार्ज लेने के बाद पहले ही दिन कहा था कि टैक्स विभाग की गड़बड़िया उनके निशाने पर है और उसे हर हाल में दूर किया जाएगा। जीआईएस सर्वे को उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है। वर्तमान में नगर निगम के टैक्स विभाग में बाबू राज है। बाबूराज में लोगों को गलत बिल भेजना फिर उसे मनमाना तरीके से संशोधित करना शामिल है। म्युनिसिपल कमिश्नर ने इस परंपरा पर एक चोट की है। जिसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा।

वसुंधरा और कविनगर की हुई थी शिकायत
वसुंधरा और कविनगर जोन के सैकड़ों ऐसे आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों के बारे शिकायतें मिली थी कि उनपर संपत्ति कर अभी तक नहीं लगाया गया है। कई ऐसे मकान हैं जिनपर कम दर से टैक्स लगाया गया है। इससे निगम को हर साल करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है। जीआईएस सर्वे से इन सबका भेद खुल जाएगा। सर्वे में यह पता चल जाएगा कि कौन सा मकान कितने क्षेत्रफल में बना हुआ है और उस पर नियमानुसार कितना टैक्स लगाना चाहिये। यदि किसी मकान पर अधिक टैक्स लगा है तो उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा

वार्डवाइज होगा सर्वे
प्रत्येक वार्ड में अलग-अलग सर्वे होगा। अलग-अलग सर्वे होने से नगर निगम के पास यह रिकार्ड रहेगा कि किस वार्ड से कितने टैक्स की वसूली हुई है। इसी सर्वे के आधार पर हाउस टैक्स की रसीद दी जाएगा। नगर निगम की योजना है कि कामकाज के तरीको को कंप्यूटराइज किया जाये। जिससे कि मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो। ऐसे में गड़बड़ी की संभावनाएं कम होगी।

नगर निगम की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ शहरवासियों के लिए भी यह फायदेमंद रहेगा। यदि उनके मकान पर अधिक टैक्स लगा है तो उसे जीआईएस रिपोर्ट के आधार पर कम किया जा सकेगा। जिन मकानों पर टैक्स नहीं लगा है। उन पर टैक्स लगाया जाएगा। वार्ड-वाइज सर्वे रिपोर्ट तैयार होगा। काम शुरू हो चुका है और इसे जल्द पूरा किया जाएगा।
महेंद्र सिंह तंवर
म्युनिसिपल कमिश्नर
गाजियाबाद।