विश्व स्वास्थ्य दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने कहा स्वस्थ रहना है तो निभाना होगा कर्तव्य स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर दी महत्वपूर्ण जानकारियां

स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने कहा कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार है। लेकिन लोगों को अधिकार के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का अधिक ध्यान रखना चाहिये। लोगों को समझना होगा कि अधिकार मांग है और कर्तव्य दायित्वबोध यानि अधिकार आपके हाथ में नहीं है, लेकिन कर्तव्य आपके हाथों में है। स्वास्थ्य से बढ़कर जीवन में कुछ भी नहीं है। ऐसे में यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपने कर्तव्यों को निभायें।

उदय भूमि संवाददाता
नई दिल्ली। यदि हमें स्वस्थ रहना है तो हमें स्वास्थ्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर रविवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार है। लेकिन लोगों को अधिकार के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का अधिक ध्यान रखना चाहिये। लोगों को समझना होगा कि अधिकार मांग है और कर्तव्य दायित्वबोध यानि अधिकार आपके हाथ में नहीं है, लेकिन कर्तव्य आपके हाथों में है। स्वास्थ्य से बढ़कर जीवन में कुछ भी नहीं है। ऐसे में यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपने कर्तव्यों को निभायें।
हेल्थ केयर कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के तत्वावधान में रविवार को पूर्वी दिल्ली स्थित अशोक नगर में विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल एवं ड्रग इन्स्पेक्टर पार्थ मोरे ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर डॉ. सुशील कुमार विमल ने अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य की ओर ध्यान खींचते हुए कहा कि यदि अपनी आदतों, खान-पान और जीवनशैली को संयमित बना लें तो काफी हद तक हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। 20 से 30 साल पहले लोगों का खान-पान सात्विक और शुद्ध था, इस कारण लोग कम बीमार पड़ते थे।

हम अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच करायें यह हमारा कर्तव्य होना चाहिये। डॉ. विमल ने बताया कि हमें अपनी खान-पान को लेकर हमेशा सजग रहना चाहिये। वर्तमान में हम देखतें हैं कि जूते एसी वाले शोरूम में बिकते हैं और खाने-पीने का समान खूले में धूल मिट्टी के बीच सड़कों के किनारे बिकते हैं। कहने का मतलब यह है कि हमें खुद जागरूक होना पड़ेगा कि हम क्या खायें जिससे कि हमारा स्वास्थ्य सही रहे। सड़क किनारे खुले में बिकने वाली पिज्जा बर्गर आदि के सेवन से बचना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए हमें सदैव समाज से जुड़े रहना चाहिए। युवा शक्ति समाज से दूर होकर विकृति की ओर बढ़ रही है। इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का उद्देश्य लोगों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक करना है। सेहत को सबसे बड़ा धन माना जाता है। अगर आपकी सेहत चुस्त-दुरुस्त है, तो आप सबसे धनी हैं। आज के समय में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना जरूरी है, क्योंकि आज की पीढ़ी में मेंटल हेल्थ के मामले अधिक देखने को मिलते है। मेंटल हेल्थ में भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल हैं। यदि हम मेंटली स्ट्रेस्ड हैं, तो यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। मेंटली स्वस्थ रहना हमें तनाव को संभालने, लोगों से कनेक्ट होने में मदद करता है।

डॉ विमल ने स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि देश में पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ी हैं, लेकिन यह सभी का कर्तव्य है कि वह जीवनशैली को सुधार कर स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम करें। रोगों के लिए खराब जीवनशैली बड़ा कारण है। इसे सुधारना हमारे हाथ में है। यदि हम खराब खाने-पीने की आदत, तनाव, चिंता व अन्य से दूर रहते हैं तो शरीर में रोग की घर करने की आशंका काफी कम हो जाती है। इसके अलावा बढ़ता प्रदूषण स्तर, खराब होता वातावरण भी रोग के लिए बड़ा कारण है। इनके कारण कैंसर जैसे घातक रोग बढ़े हैं, लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं है। इन्हें रोकने के लिए केवल प्रयास कर सकते हैं। ड्रग इन्स्पेक्टर पार्थ मोरे ने बताया कि हमें बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की विभागाध्यक्ष डॉ मल्लिका कुमार ने बताया कि अच्छे स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक के साथ साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहना अति आवश्यक है। समाज से अलग थलग रहने वाला व्यक्ति नकारात्मकता की ओर बढ़ता जाता है जिसका उसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सहकारिता के माध्यम से दिल्ली हेल्थ केयर कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित मेगा हेल्थ चेकअप कैंप, चित्र कला प्रतियोगिता एवं प्राकृतिक चिकित्सा कैम्प की डॉ मल्लिका द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। कैम्प में 210 लोगों की नि:शुल्क शुगर जांच की गई। इस अवसर पर जितेन्द्र चौधरी, सोरण सिंह, डॉ अभिमन्यु सिंह, अतुल मुदगल, डॉ सुशील कुमार विमल, हरि सिंह वर्मा एवं नेत्र बैंक प्रबंधक डॉ राखी ठाकुर, डॉ मल्लिका कुमार को उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए अभिनंदन पत्र एवं शॉल भेंट किया गया।