अपराधियों में पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा का खौफ कमिश्नर ने 5500 दुर्दांत अपराधियों की बनाई लिस्ट जिला छोड़कर भागेंगे या फिर जाएंगे…

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट में लुटेरों और चेन स्नेचरों के बाद अब पुलिस ने हत्या, हत्या का प्रयास, बलवे के अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इन अपराधों में लिप्त लगभग 5500 अपराधियों को चिन्हित किया हैं। जिन अपराधियों पर पिछले तीन साल के भीतर हत्या या हत्या के प्रयास, बल्वे समेत तीन या तीन से अधिक मुकदमे होंगे।उन पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर जिला बदर किया जाएगा। हालांकि पुलिस की अपराधियों पर निरोधात्मक कार्रवाई लगातार जारी है। पिछले दिनों पुलिस ने लूट और छिनैती करने वाले अपराधियों पर गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसके अलावा माफियाओं की संपत्ति कुर्क करने के साथ-साथ हिस्ट्रीशीट खोली थी। इसी क्रम में पुलिस ने अब हत्या, हत्या का प्रयास तथा बलवे के अपराधियों पर गुंडा एक्ट लगाने की कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र के निर्देश पर जिले के तीनों जोन की पुलिस ने लगभग 5500 अपराधियों को चिन्हित किया हैं। जिला अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से उन पर दर्ज अन्य मुकदमों की डिटेल निकलवाई जा रही है। जिस पर हत्या या हत्या के प्रयास,बलवा के साथ-साथ तीन या उससे अधिक मुकदमे दर्ज मिलेंगे। उनके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर जिलाबदर किया जाएगा।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी. की अदालत से हालांकि लगातार गुंडा घोषित कर जिला बदर करने की कार्रवाई की जा रही हैं। पुलिस की ओर से इसके लिए सख्ती शुरू कर दी गई हैं। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि हत्या, हत्या के प्रयास और बलवे के मुकदमों के अपराधियों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी।ऐसे करीब साढ़े पांच हजार अपराधी चिन्हित किए गए हैं। जिन अपराधियों पर तीन या इससे अधिक मकदमे दर्ज होंगे,उन पर गुंडा एक्ट का मुकदमा दर्ज कर उन्हें जिला बदर किया जाएगा। जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अपराधियों को जिला बदर करने की कार्रवाई में दोगुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष-2021 में जहां पुलिस द्वारा 35 फीसदी अपराधियों पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। वहीं, पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के दौरान वर्ष 2023 में यह दर 70 फीसदी रही। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में जिला पुलिस ने 640 अभियुक्तों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की है। जिसमें 35 फीसदी 229 अभियुक्तों को जिला बदर किया गया।

जबकि वर्ष 2022 में पुलिस ने 571 अभियुक्तों पर गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज किया है7 जिनमें से पुलिस ने 47 फीसद 270 अभियुक्तों को जिला बदर कर जिले से बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं, गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद वर्ष 2023 में पुलिस ने 732 अभियुक्तों पर गुंडा एक्ट में केस दर्ज किया और 70 फीसदी 513 अभियुक्तों पर जिला बदर करने की कार्रवाई की हैं। पुलिस कमिश्नरेट में यह कार्रवाई बीते सालों के सापेक्ष काफी ज्यादा है। पुलिस का कहना है कि इस वर्ष भी पुलिस अब तक 82 अभियुक्तों पर जिला बदर की कार्रवाई कर चुकी हैं।

गुंडा बनाने के लिए चिन्हित किए गए 5 हजार 461 अपराधियोंं में से 2918 अपराधी ग्रामीण जोन के हैं। दूसरे नंबर पर 1294 अपराधी सिटी जोन और तीसरे नंबर पर 426 अपराधी ट्रांस हिंडन जोन के हैं। इसके अलावा 813 अपराधी अन्य जनपदों के हैं। सूचीबद्ध किए गए सभी अपराधियों का अब पुलिस रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस ने जिन अपराधियों को चिन्हित किया है, उनमें 829 अपराधी हत्या के आरोपी हैं। इसके अलावा हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में शामिल 2110 अपराधी सूचीबद्ध किए गए हैं। 2522 अपराधी ऐसे हैं, जिन पर बलवे का मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें हत्या के 223 अपराधी,जानलेवा हमले के 334 अपराधी तथा बलवे के 256 अपराधी अन्य जनपदों के हैं।