रामलीला के सफल संचालन के लिए पुलिस करेगी हर संभव सहयोग: शुभम पटेल

-रामलीला पर रहेगी सतत निगाह, आपकी सुरक्षा ही हमारा दायित्व: स्वतंत्र कुमार सिंह
-प्राचीन संकट मोचन श्री हनुमान मंदिर धार्मिक रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला का भव्य शुभारंभ

गाजियाबाद। प्राचीन संकट मोचन श्री हनुमान मंदिर धार्मिक रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला कार्यक्रम का शुक्रवार रात डीसीपी ट्रांस हिंडन शुभम पटेल, एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह, ने संयुक्त रूप से फीता काटकर और द्वीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर फॉक्स स्काई के डायरेक्टर मनीष भारद्वाज, इंदिरापुरम थाना के एसएचओ योगेंद्र कुमार सिंह और कनावनी पुलिस चौकी प्रभारी भूपेंद्र प्रताप सिंह आदि भी उपस्थित रहे।
डीएसपी शुभम पटेल ने आयोजक मंडल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप लोगों ने डीसीपी, एसीपी और स्थानीय पुलिस को इससे जोड़ा है, इसके लिए आभार प्रकट करता हूँ। सभी लोग इस रामलीला का आनंद उठाएं। इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहेगी। माताओं-बहनों के लिए भी विशेष व्यवस्था बनाई जाए। महिला पुलिस को तैनात किया जाएगा। स्थानीय चौकी प्रभारी को भी दायित्व दिया जाएगा। गाजियाबाद को सेफ सिटी बनाने के लिये पिंक बूथ बनाये गए हैं। महिला अधिकारी श्रीमती अंजू भी यहां सहयोग करेंगी। वहीं, एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि मेला को सुचारू रूप से चलवाने में हर संभव सहयोग किया जाएगा। हम लोग मेले पर सतत निगाह रखेंगे, ताकि आमलोगों को कोई परेशानी नहीं हो।

वहीं, चेयरमैन नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि यह मेला विगत 20 वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित होता आया है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ही इसका हमेशा से उद्घाटन करते आये हैं। रामलीला के सुचारू रूप से संचालन के लिए हरेक तरह ही व्यवस्था की है और पुलिस के सभी सुझावों व सहयोग का स्वागत है। आज की रामलीला में मथुरा-वृंदावन की मंडली ने नारद मोह और विश्वमोहिनी स्वयंवर का रोचक व मनमोहक मंचन किया। जिसमें ओमप्रकाश ने नारद, द्वारिकानाथ शर्मा ने भगवान विष्णु, भगत ने भगवान शंकर, उमाशंकर शर्मा ने कामदेव व अन्य पात्रों ने शीलनिधि, विश्वमोहिनी और अप्सराओं की श्रेष्ठ भूमिका का अभिनय किया। प्रसंग संवाद के मुताबिक, देवऋषि नारद ने जब कामदेव को जीत लिया तो उनको अभिमान हो गया। इसके चलते वो भगवान शंकर जी के पास पहुंचे। वहां पर जब शंकर जी ने उनसे हालचाल पूछा तो वो अपना सारा हाल बता बैठे। सब कुछ सुनकर शंकर जी उन्हें मना करते हैं कि आपको अभिमान हो गया है, इसलिए यह सब बात भगवान विष्णु से न कहना। लेकिन वो नहीं माने।

जब राजा शीलनिधि अपनी पुत्री राजकुमारी विश्वमोहिनी का स्वयंवर करते हैं, तो नारद जी भी वहां पहुंच जाते हैं। वह उस कन्या को देखकर उसपर मोहित हो जाते हैं। इसलिए उनसे विवाह करने के लिए विष्णु भगवान से हरि रूप मांगते हैं। जिसके बाद वह उन्हें बंदर बनाकर भेज देते हैं और स्वयं राजकुमार का रूप बनाकर विश्वमोहिनी से विवाह कर लेते हैं। तब वहां नारद जी की हंसी उड़ती है, उपहास होता है, निंदा होती है। इस मौके पर मेजर जनरल जैनी, संतोष भारद्वाज, अमित भारद्वाज, अमित किशोर, गिरीश शर्मा, पूर्व पार्षद महेंद्र चौधरी, सुमित भारद्वाज, प्रिंस भारद्वाज, मोहन सिंह राणा, प्रीतम कोथादिया, मोनू शर्मा, रितेश राय, निखिल शर्मा, अमित शर्मा, अश्विनी कौशिक, सचिन चौधरी, जय कुमार मास्टर, प्रमोद कौशिक, विश्वजीत शर्मा, अमित शर्मा बंटी, राजू शर्मा, आनंद कुमार, सुनील कुमार, पंडित प्रद्युम्न मिश्रा, रामवीर प्रजापति, हिमांशु कौशिक, सोनू शर्मा, सत्यम माथुर, शिवम माथुर, रिंकू त्यागी, राहुल राणा, बृजमोहन मिश्रा, विनोद एमजी, नीरज कनौजिया आदि लोग मौजूद रहे।