सियासत : राष्ट्रपति से विपक्षी दलों की मुलाकात

नए कृषि कानूनों का विरोध, रद्द करने की मांग

नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर सियासत तेज हो गई है। किसानों के बहाने विपक्ष जमकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है। इसी क्रम में विपक्षी दलों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इन दलों ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार को किसानों की बातों को समझना चाहिए। किसान आंदोलन का आज 14वां दिन था। ऐसे में किसानों के समर्थन में विपक्ष ने एकजुटता का परिचय दिया। विपक्ष के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी आदि शामिल रहे। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि किसानों ने देश की नींव रखी है। वह रात-दिन मेहनत करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा मंजूर कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है। इन विधेयकों को संसद में बिना चर्चा के असंवैधानिक तौर पर पास कराया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है। इसलिए किसानों को ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन करना पड़ रहा है। सरकार को किसान हित में तत्काल कदम उठाना चाहिए। बता दें कि आंदोलनरत किसानों ने सरकार के लिखित प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन अभी जारी रहेगा। 12 दिसंबर को देशभर के टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे। 14 दिसंबर को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। किसानों ने कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे। इससे कम किसी बात पर सहमति संभव नहीं है। उधर, किसानों द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सरकार द्वारा भेजे गए लिखित प्रस्ताव में कान्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों को सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई थी।