बिगड़ी बात: किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव

केंद्रीय कृषि मंत्री ने गृह मंत्री से की मुलाकात

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। किसानों ने अब सरकार के लिखित प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग दोहराई गई है। इससे सरकार की कोशिशों को झटका लगा है। दिल्ली में छठे दौर की प्रस्तावित वार्ता से ठीक एक दिन पहले किसानों ने तीखे तेवर अपनाए हैं। छठे दौर की वार्ता से पहले किसानों ने सरकार से लिखित में प्रस्ताव मांगा था। इसके जवाब में सरकार की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव पर चर्चा के उपरांत किसानों ने बागी तेवर अपनाने जारी रखे हैं। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा कर आंदोलन जारी रखने की घोषणा कर दी है। किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन अभी जारी रहेगा। 12 दिसंबर को देशभर के टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे। 14 दिसंबर को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। किसानों ने कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे। इससे कम किसी बात पर सहमति संभव नहीं है। वहीं, किसानों द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सरकार द्वारा भेजे गए लिखित प्रस्ताव में कान्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों को सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई थी। इसके अलावा सरकार ने किसानों को छठे दौर की वार्ता के लिए निमंत्रण भी दिया था। दिल्ली में किसान आंदोलन का आज 14वां दिन था। वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने ट्वीट कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि कृषि कानून एमएसपी सिस्टम और एपीएमसी मंडियों को प्रभावित नहीं करते हैं। किसान फसल उगाने से पहले उपज के दाम निर्धारित कर सकते हैं। खरीदारों को समय पर भुगतान करना होगा। अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।