गाजियाबाद नोएडा ग्रेटर नोएडा सहित दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हुआ खतरनाक स्थायी समाधान के उपाय तलाशने में जुटा यमुना प्राधिकरण निर्माण कार्याें पर लगाई 7 दिनों की रोक

राजधानी में निर्माण गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। दिल्ली के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी तत्काल प्रभाव से रोक लागू हो गया है। यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में चल रहे समस्त निर्माण कार्यों को अगले सात दिनों के लिए रोक दिया है। जेवर एयरपोर्ट साइट पर यह रोक रहेगी लेकिन यदि कोई ऐसा काम है जिससे प्रदूूषण नहीं फैल रहा है तो वह किया जा सकेगा। प्रदूषण रोकने के अस्थाई समाधान के साथ ही यमुना प्राधिकरण समस्या के स्थायी समाधान तलाशने में जुटा है। यमुना प्राधिकरण की योजना है कि समान्य दिनों में भी इस तरह से काम हो जिससे कि प्रदूषण ना फैले।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होती जा रही है। बृहस्पतिवार को दोपहर 1 बजे तक राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400-500 रेंज यानी अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। प्रदूषण का यह स्तर जनवरी के बाद इस वर्ष का उच्चतम स्तर है। सुबह 11 बजे कई इलाकों में पीएम 2.5 की सांद्रता 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर दर्ज की गई, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग 7 गुना अधिक है। इसके चलते राजधानी में निर्माण गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। दिल्ली के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी तत्काल प्रभाव से रोक लागू हो गया है। यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में चल रहे समस्त निर्माण कार्यों को अगले सात दिनों के लिए रोक दिया है। जेवर एयरपोर्ट साइट पर यह रोक रहेगी लेकिन यदि कोई ऐसा काम है जिससे प्रदूूषण नहीं फैल रहा है तो वह किया जा सकेगा। प्रदूषण रोकने के अस्थाई समाधान के साथ ही यमुना प्राधिकरण समस्या के स्थायी समाधान तलाशने में जुटा है। यमुना प्राधिकरण की योजना है कि समान्य दिनों में भी इस तरह से काम हो जिससे कि प्रदूषण ना फैले।
प्रदूषण के कारण निर्माण कार्यों पर रोक की समस्या हर साल नवंबर दिसंबर महीने में आती है। इससे स्थायी तौर पर कैसे निपटा जाये इसको लेकर आज कुछ लोगों को आमंत्रित किया गया था जिसमें से एक कंपनी ने बृहस्पतिवार को प्रजेंटेशन दिया। कंपनी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि यदि कंस्ट्रक्शन के दौरान मिट्टी के उपर एक केमिकल स्प्रे किया जाता है तो मिट्टी नहीं उड़ेगी और प्रदूषण का स्तर कम रहेगा। प्राधिकरण की योजना है कि इस नियम को समान्य दिनों में भी लागू किया जाये। ऐसे में जल्द ही प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्यों के टेंडर डाक्यूमेंट में इस शर्त को जोड़ा जाएगा। एक सप्ताह के भीतर इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है। डस्ट कंट्रोल एंड रोड स्वायल इंजीनियरिंग कंपनी ने प्रजेंटेशन दिया। कंपनी ने बताया कि केमिकल के छिड़काव से मिट्टी नहीं उड़ेगी। यह काफी प्रभावशाली रहता है और इससे मिट्टी खराब नहीं होती है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ते ही ग्रैप के प्रावधानों के तहत प्रतिबंध शुरू हो गए। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैयह प्रतिबंध सात दिनों का लगाया गया है। सात दिन बाद समीक्षा होगी। उसके बाद निर्माण कार्यों पर फैसला होगा।

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर
शहर – एक्यूआई लेवल
दिल्ली – 452
नोएडा (सेक्टर-62) -455
ग्रेटर नोएडा (नॉलेज पार्क)-440
गाजियाबाद- 419
फरीदाबाद- 378
हापुड़-289
मेरठ-350
गुरूग्राम-436