मिलावटी एवं नकली आयुर्वेदिक दवाई की करें रोकथाम: डीएम

-मिलावटी, नकली एवं भ्रामक औषधियों की रोकथाम, जनपद स्तरीय अनुश्रवण का गौवंश संरक्षण की संयुक्त बैठक
-फार्मेसियों का निरीक्षण करते हुए हर माह 10 सेंपल एकत्र कर जांच के लिए भेंजे
-उपभोक्ता के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त
-गौशालाओं में गौवंशों के लिए किसी भी प्रकार की नहीं रहे कोई कमी

गाजियाबाद। जिले में मिलावटी, नकली एवं भ्रामक आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सख्त निर्देश दिए है। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, एडीएम सिटी गंभीर सिंह,एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी पांडेय, डॉ. अशोक राना आदि अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने नकली औषधियों की रोकथाम और अनुश्रवण का गोवंश संरक्षण के संबंध में बैठक करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.अशोक राना को निर्देश दिए कि नकली औषधि की रोकथाम के लिए कार्रवाई करें।जिले में 60 फार्मेसी हैं। इनका निरीक्षण करते हुए प्रति माह कम से कम 10 सैंपल एकत्र कर जांच के लिए लैब में भेजे जाए। निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी गंभीर सिंह,सिटी मजिस्ट्रेट शुभांगी शुक्ला,एसीएम,एसडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने कहा कि उपभोक्ता के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सैंपल की जांच में कमी पाए जाने पर संबंधित फार्मेसी पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारी ने जिले के सभी ब्लॉक रजापुर, भोजपुर, मुरादनगर, लोनी, मोदीनगर,निवाड़ी,पतला व नगर निगम में बनी गौशालाओं में गौवंशों की स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। गौशालाओं में साफ-सफाई,हरा चारा-भूसा,ठंड से बचाव के साधन,गोवंश के स्वास्थ्य सहित अन्य जानकारियां लेते हुए आदेशित किया कि गौशालाओं में गौवंशों के लिए किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।पशु चिकित्सक को आदेशित किया कि वह समय-समय पर नियमानुसार गोवंशों की जांच करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गौशालाओं में गेट कीपर होना चाहिए और रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए।मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल जल्द ही मुरादनगर सहित अन्य ब्लॉकों में जहां गोवंश की संख्या ज्यादा है,वहां का निरीक्षण करें। फरीदनगर में कोई भी गौशाला नहीं है,इसके लिए वहां जमीन चिन्हित कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाए,ताकि वहां गौशाला बनाई जा सकें। पशु चिकित्सकों द्वारा समय-समय पर जांच नहीं करने पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सभी पशु चिकित्सकों की सूची बनाकर उनकी ड्यूटी तय करें इसके बाद भी कोई पशु चिकित्सक नियमानुसार कार्य नहीं करता हैं तो उसके निलंबन के लिए पत्र लिखा जाए।