कोरोना काल में तकनीकी की अह्म भूमिका : मोदी

आईआईटी का 51वां दीक्षांत समारोह आयोजित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। आईआईटी के 51वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने वर्चुअल तौर पर प्रतिभाग किया। इस दरम्यान उन्होंने कोरोना काल में चुनौतियों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के दौर में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। कोरोना काल ने काफी कुछ बदला है। वर्तमान में नई सोच की आवश्यकता है। कोरोना काल के बाद दुनिया काफी अलग होने जा रही है। ऐसे में तकनीकी की काफी बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के पास आज तकनीक सीखने का अवसर है। कृषि और स्पेस क्षेत्र में भी नई संभावनाएं सामने आई हैं। आपका लक्ष्य समाज को आगे ले जाना और उसकी भलाई होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया को भूमंडलीकरण की जरूरत की सीख दी है, मगर इसके साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी जरूरी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान की कामयाबी के लिए यह बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले बीपीओ सेक्टर के व्यापार करने में आसानी के लिए भी बड़ा रिफॉर्म किया गया है। ऐसे प्रावधान, जो टेक इंडस्ट्री को वर्क फ्रॉम होम या फिर कहीं से काम करने जैसी सुविधाओं से रोकते थे, उन्हें भी हटा दिया गया है। यह देश के आईटी सेक्टर को विश्व स्तर पर प्रतियोगी बनाएगा और आप जैसी युवा प्रतिभा को और ज्यादा मौके देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सालभर पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि महत्वपूर्ण बैठकें और भव्य कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से होंगे, मगर अब इन सभी का स्वरूप बदल चुका है। कोरोना काल में तकनीकी की अह्म भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि देश आपको व्यापार करने के आसान तरीके देगा, बस आप देशवासियों की जिंदगी आसान बनाने का काम कीजिए। उन्होंने कहा कि पहली बार कृषि सेक्टर में इनोवेशन और नए स्टार्ट-अप के लिए इतनी संभावनाएं बनी हैं।