नगरीय निकाय चुनाव की सूची जारी होते ही दिग्गजों के अरमान हुए चकनाचूर

-नगर निगम व 7 निकायों में महिलाओं का होगा दबदबा
-आरक्षण सूची से बदले समीकरण, 6 अपै्रल तक दर्ज होगी आरक्षण पर आपत्तियां
-9 निकायों में नगर निगम समेत 7 में आरक्षण, दो नगर पंचायत की गई अनारक्षित

गाजियाबाद। नगरीय निकाय चुनाव में जिले इस बार महिलाओं का दबदबा होगा। प्रदेश शासन ने जारी की निकायों की आरक्षण सूची के बाद जहां नगर निगम से लेकर निकायों में सभी राजनीतिक दलों के दिग्गजों के अरमान चकनाचूर हो गए है। वहीं, नगर निगम समेत 7 निकायों में महिला शक्ति का दबदबा रहेगा। नगर निगम महापौर सीट जहां सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई है। वहीं,चारों नगर पालिका परिषद में चेयरमैन पद पर महिला के लिए आरक्षित की गई है। नगर पंचायत में चार में से दो सीट पर महिला के लिए आरक्षित की गई। इसमें एक पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। इन आरक्षण पर अब 6 अपै्रल तक आपत्तियां मांगी जाएगी। नगर निगम महापौर सीट फिर से महिला के लिए आरक्षित की गई। इसके अलावा मोदीनगर पालिका परिषद चेयरमैन सीट अनसूचित जाति, नगर पालिका परिषद मुरादनगर, लोनी नगर पालिका परिषद, खोड़ा-मकनपुर चेयरमैन सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई।

वहीं, नगर पंचायत डासना के अध्यक्ष पद पर सामान्य महिला,नगर पंचायत पतला सीट पिछड़ा वर्ग महिला, फरीदनगर व निवाड़ी नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित की गई है। आपत्तियों की सुनवाई के बाद नगर निकाय सीटों के आरक्षण पर अंतिम मुहर लग सकेगी। भाजपा में महापौर व चेयरमैन पद के लिए चुनाव लडऩे वालों की संख्या अधिक:नगरीय निकाय चुनाव से पहले सीटों के आरक्षण की सूची जारी भले ही हो गई हो। मगर फिलहाल भाजपा में महापौर से लेकर चेयरमैन पद की सीट पर चुनाव लडऩे वालों की संख्या अधिक है। लोकसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के लिए दम भरेंगे। इन सबके बीच भाजपा के लिए 9 निकायों की सीटों पर अधिक से अधिक पर जीत दर्ज कराना बड़ी चुनौती होगी। भाजपा में सबसे ज्यादा महापौर सीट को लेकर मारामारी अब मचेगी। देखना होगा कि शीर्ष नेतृत्व किस पर दांव खेलता है। फिलहाल कुछ पुराने दिग्गज अब अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने का दमखम दिखाना शुरू कर दिए हैं।

नगर निगम महापौर सीट पर भाजपा का रहा कब्जा
नगर निगम का वर्ष-1994 में गठन होने के बाद से अभी तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। एक बार फिर सामान्य महिला सीट आरक्षित की गई है।पहली बार महापौर दिनेश चंद्र गर्ग बने। वर्ष-2007 तक वह महापौर की कुर्सी  पर काबिज रहे। इसके बाद दमयंती गोयल महापौर बनीं। वर्ष-2012 में भाजपा से तेलूराम कांबोज ने जीत दर्ज की। उनका वर्ष-2016 में निधन होने के बाद रिक्त सीट पर उपचुनाव में भाजपा के आशु वर्मा ने जीत दर्ज कराई।वर्ष-2017 में महिला के लिए आरक्षित हुई सीट पर आशा शर्मा ने रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत दर्ज कराई थी। एक बार फिर महापौर सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुई है। वहीं,नगर निगम के 100 वार्डों में फिलहाल पूर्व की तरह ही आरक्षित किए गए है।इनमें आरक्षण नहीं बदला है।

नगर निकायों में वार्ड और मतदाताओं की संख्या
नगर निगम- वार्ड-100,मतदाता-15,12,887,नगर पालिका परिषद मोदीनगर- वार्ड-34, मतदाता-1,78,410, मुरादनगर-वार्ड-25, मतदाता-98,501, लोनी-वार्ड- 55, मतदाता-5,15,173, खोड़ा-मकनपुर-वार्ड-34, मतदाता-1,70,229,नगर पंचायत निवाड़ी-वार्ड-10,मतदाता-8795,पतला-वार्ड-10, मतदाता-8255, फरीदनगर-वार्ड -11, मतदाता-11,925, डासना-वार्ड-15,मतदाता-34,922 है। इनमें मतदाताओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी।

निकायों में पूर्व में हुए आरक्षण 
नगर निगम वर्ष-2017 में आरक्षण सामान्य महिला,दिसंबर-2022 अनारक्षित, मार्च-2023-सामान्य महिला। नगर पालिका परिषद खोड़ा-मकनपुर-वर्ष-2017 में ओबीसी,2022 में ओबीसी, मार्च-2023 में सामान्य महिला। मुरादनगर नगर पालिका परिषद-ओबीसी, अनारक्षित, सामान्य महिला। मोदीनगर नगर पालिका परिषद-अनारक्षित, एससी, अनसूचित जाति महिला। लोनी नगर पालिका परिषद-ओबीसी, ओबीसी, सामान्य महिला। नगर पंचायत में नगर पंचायत फरीदनगर- अनारक्षित, महिला,अनारक्षित। पतला-अनारक्षित, ओबीसी, पिछड़ा वर्ग महिला। डासना-महिला, अनारक्षित,सामान्य महिला। निवाड़ी-एससी महिला, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, अनारक्षित सीट घोषित की गई हैं। जिले में नगर निगम को मिलाकर 9 निकाय है। इनमें गाजियाबाद नगर निगम, नगर पालिका परिषद मोदीनगर, मुराद नगर, लोनी, खोड़ा-मकनपुर एवं नगर पंचायत डासना, फरीदनगर, पतला, निवाड़ी हैं।