यमुना प्राधिकरण को नई पहचान देने वाले IAS डॉ. अरुणवीर सिंह का बढ़ा कार्यकाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट फिल्मसिटी सहित कई बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने की है जिम्मेदारी

कभी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके यमुना प्राधिकरण की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और उसे प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक विकास प्राधिकरण बनाने वाले जुनूनी आईएएस अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह को काम के लिए समर्पित अधिकारियों में गिना जाता है। सौम्य व्यवहार और कठिन समय में भी कुशाग्र विवेक से निर्णय लेने वाले डॉ. अरुणवीर सिंह ने जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मुकाम तक पहुंचाने में सबसे बड़ी भूृमिका निभाई है।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। आईएएस डॉ. अरुणवीर सिंह को सेवा विस्तार देते हुए उन्हें फिर से यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। डॉ. अरुणवीर सिंह सेवा विस्तार के लिए इच्छुक नहीं थे। वह कई बार अपनी अनिच्छा शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष जाहिर कर चुके थे और सेवा विस्तार के लिए अपनी सहमति भी नहीं दे रहे थे। लेकिन प्रदेश सरकार की कई बड़े महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरा करने के लिए डॉ. अरुणवीर सिंह की जरूरत को देखते हुए सरकार द्वारा उनके कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार ने यह सेवा विस्तार छह महीने के लिए दिया है। डॉ. अरुणवीर सिंह यमुना प्राधिकरण के साथ-साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के भी सीईओ भी बने रहेंगे। शुक्रवार को शासन ने यह आदेश जारी किया है। राज्य सरकार की ओर से औद्योगिक अवस्थापना आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने यह आदेश जारी किया है।

कभी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके यमुना प्राधिकरण की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और उसे प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक विकास प्राधिकरण बनाने वाले जुनूनी आईएएस अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह को काम के लिए समर्पित अधिकारियों में गिना जाता है। सौम्य व्यवहार और कठिन समय में भी कुशाग्र विवेक से निर्णय लेने वाले डॉ. अरुणवीर सिंह ने जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मुकाम तक पहुंचाने में सबसे बड़ी भूृमिका निभाई है। इस कारण उन्हें यूपी के एयरपोर्टमैन की भी संज्ञा दी गई है। डॉ. अरुणवीर सिंह को जुलाई 2016 में यमुना अथॉरिटी का सीईओ बनाकर भेजा गया था। जिस वक्त अरुणवीर सिंह ने प्राधिकरण की कमान संभाली थी, उस वक्त प्राधिकरण कर्ज में डूबा हुआ था। प्राधिकरण ने बैंकों से कर्ज मांगा तो किसी भी बैंक ने कर्ज नहीं दिया था। प्राधिकरण में तैनात तमाम अधिकारी और कर्मचारी यहां से तबादला लेकर जाना चाहते थे। यमुना प्राधिकरण को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में समाहित करने की चर्चाएं जोर शोर से चल रही थीं। लेकिन आज उसी प्राधिकरण को कर्ज से उबार के साथ-साथ सीएम के ड्रीम के प्रोजेक्टर को उड़ान भरने में सीईओ अरुणवीर सिंह अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।