शिल्पकारों-कारीगरों के हुनर में सुधार कर दिलाए टूल किट-लोन: राकेश कुमार सिंह

-जिलाधिकारी ने की पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक

गाजियाबाद। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत शिल्पकारों एवं कारीगरों के हुनर में सुधार कराते हुए उन्हें टूल किट व लोन दिलाया जाए। यह बातें सोमवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में बैठक जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान आदि अधिकारियों के साथ बैठक में ग्राम पंचायतों के पीएम विश्वकर्मा योजना के पोर्टल पर ऑन बोर्ड किये जाने एवं प्राप्त आवेदन पत्रों का वेरिफिकेशन किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 तरीके के काम करने वाले कारीगरों के हुनर को और अधिक सुधार के लिए उनके हुनर को सुधार कर उन्हें टूल किट प्रदान करना है। इसके साथ ही उन्हें अपने कार्य को अच्छे स्तर पर बढ़ाने के लिए कम ब्याज दर पर बैंकों से लोन दिलवाना हैं।

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना है। जो परंपरागत कारीगरों के कौशल उन्नयन में वृद्धि करते हुऐ उनके उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से संचालित की गई है।इसके तहत सभी हस्तशिल्पियां एवं कारीगरों को विश्वकर्मा के रूप में एक अलग पहचान दिलाना। विश्वकर्माओं को उनके परंपरागत कार्य के अनुसार उनका कौशल उन्नयन कराना। इनके उत्पाद की गुणवत्ता सुधार के लिए उन्नतशील टूलकिट उपलब्ध कराना। गारंटी फ्री कोलैट्रल लोन की सुविधा उपलब्ध कराना। डिजिटल लेन देन में वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराना हैं। उत्पाद व सेवा को ब्रांड के रूप में विकसित कराना तथा बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराना हैं। इसके लिए पात्रता कोई भी परंपरागत कारीगर योजना के अंतर्गत सम्मिलित 18 परंपरागत व्यवसायों में कार्य कर रहा है।

वहीं पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकरण एवं आवेदन कर सकता है। लाभार्थी की आयु पंजीकरण की तारीख से 18 वर्ष एवं इससे अधिक हो। लाभार्थी संबंधित परंपरागत व्यवसाय से संबंध हो एवं किसी समान प्रकृति के केंद्र अथवा राज्य सरकार की योजनाओं पीएम स्वनिधि,मुद्रा आदि में लाभान्वित न हो। परिवार का एक सदस्य ही पंजीकरण एवं लाभ प्राप्त कर सकता है। परिवार में पति-पत्नी एवं अविवाहित बच्चे है। कोई भी व्यक्ति जो सरकारी सेवा में हो,उस व्यक्ति के परिवार से कोई भी सदस्य योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होगा। योजना के तहत प्रमाण-पत्र,आईडी कार्ड प्रदान कराना। जिससे उन्हें अलग पहचान मिल सकें। कौशल उन्नयन करना है तो 5 से 7 दिन(40 घंटे)की बेसिक ट्रेनिंग। इच्छुक अभ्यर्थी 15 दिन अथवा 120 घंटे की एडवांस ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। प्रशिक्षण अवधि में 500 रुपए प्रतिदिन की दर से प्रशिक्षण भत्ता।

टूलकिट इन्सेन्टिव के रूप में 15000 रुपए ई-वाउचर अनुदान। कोलेट्रल फ्री क्रेडिट सपोर्ट रुपए 1 लाख (18 माह में देय)तथा द्वितीय चरण में 2 लाख रुपए(30 माह में देय) रियायती ब्याज दर (5 प्रतिशत)पर लोन की सुविधा होगी। डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन प्रतिमाह 1 रुपए की दर से अधिकतम 100 बार लेन-देन पर ) मार्केटिंग सपोर्ट-नेशनल कमेटी फॉर मार्केटिंग (एनसीएम) द्वारा गुणवत्ता प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग एवं प्रमोशन, ई-कॉमर्स लिकेंज,ट्रेड फेयर में प्रचार, प्रकाशन एवं अन्य मार्केटिंग गतिविधियों में प्रोत्साहन शामिल हैं। विभागों में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर परंपरागत शिल्पियों का आवेदन सीएससी के माध्यम से कराना है। ग्राम प्रधानों को ऑन वोर्डिंंग कराना है। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्भियों का आवेदन पंचायती राज विभाग द्वारा कराया जाएगा। ग्राम पंचायत द्वारा सीएससी के माध्यम से आवेदन कराना है। ग्राम प्रधान द्वारा प्रथम स्तर का स्किल वेरिफिकेशन किया जाएगा।

नगरीय क्षेत्र में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत द्वारा सीएससी के माध्यम से आवेदन कराना हैं।उद्योग विभाग में प्रथम स्तर वेरिफिकेशन के बाद ही जिला स्तरीय समिति के समक्ष द्वितीय स्तर का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। कौशल विकास मिशन में चयनित विश्वकर्माओं को प्रशिक्षण प्रदान कराना तथा ई-वाउचर उपलब्ध कराना। अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक,केनरा बैंक से संबंधित बैंकों से समन्वय कराते हुए लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया जाना है। जिलाधिकारी ने पीएम योजना से संबंधित विभागों की रिपोर्ट में पाया कि उक्त मामले में कार्य के प्रति लापरवाही बरती जा रही हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के अंदर अवशेष ग्राम पंचायतों के पीएम विश्वकर्मा योजना के पोर्टल पर ऑन बोर्ड किया जाए। योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों का प्रथम स्तर पर वेरिफिकेशन किए जाए।