लोनी में निर्माणाधीन फैक्ट्री की शटरिंग गिरने से दो मजदूरों की मौत, 8 घायल

गाजियाबाद। लोनी कोतवाली क्षेत्र के रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे निर्माणाधीन फैक्ट्री की शटरिंग अचानक भरभरा कर गिर गई। इसके नीचे करीब 8 कामगार दब गए। पुलिस उपायुक्त ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि शटरिंग के नीचे दबने से दो कामगारों की मौके पर ही मौत हो गई। मलबा हटाकर करीब 6 घायल कामगारों को निकाला गया। उन्हें उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।जबकि कुछ को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भेजा गया। जिला प्रशासन की ओर से एक मजदूर की तलाश की जा रही हैं। लोनी के रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र में मदनपाल शर्मा 400 गज के प्लॉट में फैक्ट्री का निर्माण करा रहे हैं। इसमें सिंगल पिलरों पर रविवार को 20 फीट पर लेंटर डालने के लिए कामगार शटरिंग लगा रहे थे। दोपहर करीब तीन बजे शटरिंग अचानक गिर गई। करीब आठ कामगार उसके नीचे दब गए। चीख-पुकार मच गई।

फैक्ट्री की शटरिंग गिरने की सूचना मिलने के बाद लोनी एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय,लोनी थाना प्रभारी अजय चौधरी, अग्निशमन कर्मी, एनडीआरएफ, नगर पालिका परिषद के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। तीन जेसीबी के मदद से मलबा हटाना शुरू किया। करीब एक घंटे में पांच घायल कामगारों को बाहर निकाला गया। उनकी पहचान बलराम नगर के सन्नी, बलकेश, सुनील,शमीम व राजेश के रूप में हुई। अन्य कामगारों की तलाश की जा रही है। वहीं, मृतकों में राजेश पुत्र ठाकुरदास उम्र 32 वर्ष निवासी वेज गुजिया सिरौली बरेली की मौत हो गई। दूसरे मृतक की पहचान नहीं हो पाई।इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, पुलिस उपायुक्त ग्रामीण रवि कुमार, एसडीएम लोनी हिमांशु वर्मा सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। एनडीआरएफ  की टीम भी मौके पर पहुंची। एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाते हुए शटरिंग को कटर से काटा।

वहीं, डाग स्क्वॉयड की भी मदद ली गई।मौके पर अधिकारियों की निगरानी में बचाव कार्य किया गया। हादसे के बाद से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मौके पर भारी भीड़ जुट गई।उन्हें संभालने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।हालांकि स्थानीय लोग मदद भी कर रहे थे। जिला प्रशासन एवं पुलिस की ओर से देर रात तक बचाव कार्य जारी रहा। मलबा हटाकर छह घायल कामगारों को निकाला गया।शुरूआत में मौके पर पहुंची दमकल विभाग टीम ने तीन मजदूरों को बाहर निकाला। उसके बाद अन्य को बाहर निकाला गया। जानकारी मिली है कि निर्माणाधीन फैक्ट्री में  काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के कोई उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे। वहीं इस बात का भी अंदेशा जाता जा रहा है कि निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री की गुणवत्ता का स्तर भी उच्चतम स्तर का नहीं था।