दीपावली पर वोकल फॉर लोकल की धूम, देश में 3.50 लाख करोड़ से ज़्यादा का हुआ कारोबार: प्रदीप गुप्ता

-चीन को 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की भारत ने दी चोट

गाजियाबाद। दीपावली के त्योहारी सीजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील, वोकल फॉर लोकल का असरदार जादू देखने को मिला है। व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का कहना है कि दीपावली पर देशभर में 3.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ है। दूसरी तरफ चीन को करीब एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान संभावित है। इसकी वजह, लोगों ने अपने त्योहारों को सेलिब्रेट करने के लिए चीन में बनी वस्तुएं खरीदने से गुरेज किया है। भारतीय बाजारों में वोकल फॉर लोकल की मुहिम सफल होती हुई नजर आई। दिवाली के बाद अभी छठ पूजा एवं तुलसी विवाह जैसे त्योहार बचे हुए हैं। एक अनुमान के मुताबिक कई हजार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है। दिवाली शुरू होने से पहले ही व्यापारी एकता समिति संस्थान ने भी आप सबसे अपील की थी कि इस बार त्यौहार के दौरान ज्यादा से ज्यादा अपने देश में बने सामानों की खरीदारी करें। और हमें इस बात की खुशी है कि उस अपील का जबरदस्त असर देखने को मिला।

पीएम मोदी ने भी वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया था। देश के कई अन्य व्यापारिक संस्थाओं ने भी इस तरह की मुहिम चलाई थी। जिसके कारण इस बार चीन को दिवाली पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के व्यापार का बड़ा नुकसान हुआ। हम आगे भी इस मुहिम को जारी रखेंगे। एक अनुमान के अनुसार 3.50 लाख करोड़ के त्यौहारों के व्यापार में लगभग 13 प्रतिशत खाद्य एवं किराना में, 9 प्रतिशत ज्वेलरी में, 12 प्रतिशत वस्त्र एवं गारमेंट, 4 प्रतिशत ड्राई फू्रट, मिठाई एवं नमकीन, 3 प्रतिशत घर की साज सज्जा, 6 प्रतिशत कास्मेटिक्स, 8 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 प्रतिशत पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 प्रतिशत बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 प्रतिशत कॉन्फेशनरी एवं बेकरी, 8 प्रतिशत गिफ्ट आइटम्स, 4 प्रतिशत फर्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20 प्रतिशत ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए।

अभी गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह आदि त्योहार बाकी हैं। इनमें भी लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। इस बार चीन को दिपावली पर्व पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया पूर्व के वर्षों में दीवाली के त्योहारी सीजन पर चीन से बनी वस्तुओं को भारत में लगभग 70 फीसदी बाजार मिल जाता था। इस बार वह प्रतिशत नीचे आ गया है। देश के व्यापारी वर्ग ने इस बार दीपावली से संबंधित वस्तुओं को चीन से आयात करने का आर्डर नहीं दिया। कैट ने इस दीवाली पर देश भर में भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद अभियान चलाया, जो बेहद सफल रहा है। इस मुहिम को देशभर के ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला है।