नगर निगम को आर्थिक संकट से उबारने की योजना पर काम शुरू, फिजूलखर्ची रोकने के लिए निगरानी कमेटी गठित

डॉ. नितिन गौड़ को नगर आयुक्त के चार्ज के साथ ही आर्थिक संकट का कांटो भरा ताज मिला है। गाजियाबाद नगर निगम पर वर्तमान में 325 करोड़ रुपये की देनदारी है और एकाउंट खाली है। पूर्व में कराये गये विकास कार्यों के मद में ठेकेदारों को लगभग 157 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। ऐसे में संकट से निपटने के लिए नगर आयुक्त ने टैक्स विभाग के लूपहोल को बंद कर आमदनी बढ़ाने और निगरानी कमेटी गठित कर फिजूलखर्ची रोकने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ‘आमदनी बढ़ाओ’ और ‘फिजूलखर्ची रोको’ की नीति नगर निगम के लिए बेहद असरदार और कारगर साबित होगा।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। पुरानी कहावत है पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं। यह कहावत नव नियुक्त नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ पर सटीक बैठता है। नगर आयुक्त का चार्ज संभाले अभी दो सप्ताह भी नहीं हुआ है। लेकिन उन्होंने अपनी कार्यशैली से स्पष्ट संकेत दे दिया है कि नगर निगम का हित सर्वोपरि रहेगा। नगर निगम को आर्थिक संकट से किस तरह से उबारा जाये इस एक्शन प्लान पर काम भी शुरू हो गया है। नगर आयुक्त ने जहां अधिकारियों को अपना काम का ढ़र्रा सुधारने को लेकर सख्त चेतावनी दी है वहीं जनप्रतिनिधियों से भी अनावश्यक दवाब बनाने से परहेज करने की अपील की है। नगर आयुक्त का कहना है कि विकास कार्य को किसी हाल में नहीं रोका जाएगा लेकिन फिजूलखर्ची के लिए कोई गुंजाइश नहीं होगी। फिजूलखर्ची रोकने के लिए नगर आयुक्त ने एक कमेटी बनाई जो काम की आवश्यकता और वर्क एस्टीमेट की जांच करेगा। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आवश्यक श्रेणी के कार्य कराये जाएंगे।
विदित हो कि डॉ. नितिन गौड़ को नगर आयुक्त के चार्ज के साथ ही आर्थिक संकट का कांटो भरा ताज मिला है। गाजियाबाद नगर निगम पर वर्तमान में 325 करोड़ रुपये की देनदारी है और एकाउंट खाली है। पूर्व में कराये गये विकास कार्यों के मद में ठेकेदारों को लगभग 157 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। नगर निगम मेंटीनेंस बॉडी है और विगत कुछ वर्षों से शासन से भी कोई फंड नहीं मिल रहा है। ऐसे में यदि नगर निगम ठोस प्लानिंग के तहत काम नहीं करता है तो निगम के लिए आर्थिक संकट से निकल पाना संभव नहीं होगा।

टैक्स विभाग के लूपहोल को बंद कर आमदनी बढ़ाने का होगा काम
नगर आयुक्त ने कहा कि आर्थिक संकट की बड़ी चुनौती निगम के समक्ष है। ऐसे में संकट और अधिक ना बढ़े साथ ही देनदारी का बोझ कम हो इसको लेकर काम किया जा रहा है। नगर आयुक्त ने संकट दूर करने के लिए टैक्स विभाग के लूपहोल को बंद कर आमदनी बढ़ाने का काम कर रहे हैं, वहीं फिजूलखर्ची रोकने को लेकर निगरानी कमेटी गठित की है। कमेटी वर्क रिक्वायरमेंट और वर्क एस्टीमेट की रिपोर्ट नगर आयुक्त को देगी उसी के आधार पर काम कराये जाएंगे।

नगर निगम दबाव में नहीं करेगा कोई काम
2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कुछ जनप्रतिनिधियों ने नवनियुक्त नगर आयुक्त पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया था। दरअसल कुछ समाचार पत्रों में नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के हवाले से विकास कार्यों पर रोक लगाने से संबंधित खबरें प्रकाशित हुई थी। इन्हीं खबरों के आधार पर पार्षदों ने नगर आयुक्त को घेरने और दवाब बनाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि उन्होंने विकास कार्यों को रोकने की बात नहीं कही है। हो सकता है कि कुछ समाचार पत्रों में उनकी बातों को अर्पूण तरीके से रखा हो। मैंने कहा था कि फिजूलखर्ची पर पूर्ण विराम होगा और आज भी आप लोगों के समक्ष इस बात को दोहरा रहा हूं। नगर आयुक्त के रूप में शहरवासियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए नगर निगम को आर्थिक संकट से बचाना मेरी प्राथमिकता है। किसी तरह के दबाव में आकर नगर निगम कोई काम नहीं करेगा बल्कि आवश्यकतानुसार प्राथमिकता निर्धारित कराते हुए सभी काम कराये जाएंगे। पूर्व में जो काम स्वीकृत हैं उसे पूरा कराया जाएगा। नगर निगम को आर्थिक संकट से बचाना बेहद जरूरी है और मुझे उम्मीद है कि नगर निगम से जुड़े समस्त जनप्रतिनिधि निगम को आर्थिक संकट से उबारने में सहयोग करेंगे।