विश्व दृष्टि दिवस: बढ़ते स्क्रीन-टाइम से आंखें हो रही कमजोर: डॉ सुशील कुमार विमल

दिल्ली। हैल्थ केयर कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड अशोक नगर दिल्ली 93 के तत्वावधान में विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर गुरुवार को एक वैबीनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी कमिश्नर डॉ सुशील कुमार विमल द्वारा किया गया। डॉ विमल ने दिल्ली हैल्थ केयर कोआपरेटिव सोसायटी द्वारा विभिन्न अवसरों पर अति महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यक्रम आयोजन करने के लिए बधाई दी। साथ ही डिजिटल युग अपनी दृष्टि की उचित देखभाल के लिए नो स्क्रीन अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा काम या पढ़ाई के लिए पूरे दिन के एक तिहाई समय यानी करीब आठ घंटे लोग मोबाइल, लैपटॉप पर खर्च कर रहे हैं। इसकी वजह से स्कूली बच्चों में जहां मायोपिक पैरालाइसिस की दिक्कत आंखों में मिल रही है। वहीं व्यस्कों में ड्राइ आई सिंड्रॉम की वजह से देखने की क्षमता कम हो रही है। सात से आठ घंटे स्क्रीन पर काम करते समय लोग आंखें झपकाना तक भूल जाते हैं। इससे आंखें सूखने की दिक्कत बढ़ जाती है। ऐसे मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि हर 30 मिनट बाद स्क्रीन से आंखें हटाकर दूर मौजूद किसी वस्तु को देखें। इससे आंखों की मांसपेशियों की एक्सरसाइज होगी और कॉर्निया की सेहत बेहतर बनेगी। अगर सिरदर्द और आंखों में जलन की दिक्कत है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

पूर्व विज्ञान शिक्षक देवेन्द्र पाल सिंह दलाल ने अपने संबोधन में बताया कि वर्ल्ड साइट डे सन 2000 से प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2023 के लिए थीम लव योर साइट एट वर्क निर्धारित की गई है। जिसका अर्थ है कि हमें अपने कार्य को करते हुए अपनी दृष्टि को विभिन्न उपायों द्वारा तरोताजा एवं स्वस्थ बनाए रखना है। डॉ नीतू जैन जी ने नेचुरोपैथी द्वारा दृष्टि को संरक्षित रखने के उपायों पर प्रकाश डाला। पूर्व उप शिक्षा निदेशक एमपीएस दांगी ने बताया कि आज विश्व दृष्टि दिवस के साथ साथ विश्व आर्थराइटिस दिवस भी है।

उन्होंने बताया कि आंखों के व्यायाम अपनाकर अपनी दृष्टि को संरक्षित रखा जा सकता है। दिल्ली हैल्थ केयर कोआपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन गजेन्द्र पाल सिंह सारन ने अपने संबोधन में बताया कि डिजिटल युग में अपनी दृष्टि को संरक्षित रखने के लिए कंम्पयूटर विजन सिंड्रोम बचाव अति आवश्यक है। पामिंग, पलक झपकाना तथा 20-20-20 नियम का पालन करके हम डिजिटल उपकरणों के कारण आंखों में होने वाले तनाव से मुक्ति पा सकते हैं। कार्यक्रम में निर्दोष तेवतिया, सोहनपाल एवं श्राफ चैरिटी आई अस्पताल दरियागंज के आई बैंक की प्रबंधक डॉ राखी ने भाग लिया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद की।