गाजियाबाद के 11 नवनिर्वाचित पार्षद भाजपा में आने को बेताब

-बागी नवनिर्वाचित पार्षदों की भाजपा में नही होगी एंट्री: संजीव शर्मा

गाजियाबाद। नगर निकाय चुनाव की मतगणना के बाद नगर निगम के 100 वार्डों में 67 वार्ड से भाजपा के पार्षद जीते है। यह तब हुआ जबकि 20 से ज्यादा वार्ड भाजपा के बागी हुए कार्यकर्ता चुनाव मैदान में कूद गए। इनमें से भले ही कम संख्या में पार्षद बने हो। मगर नगर निगम सदन में बहुमत से अधिक भाजपा के पार्षद निर्वाचित होकर कमान संभालेंगे। वर्ष-2017 के मुकाबले 11 पार्षद भाजपा के अधिक जीते हैं। चौकाने वाली बात यह है नवनिर्वाचित हुए निर्दलीय व अन्य 11 से अधिक पार्षद अब भाजपा में आने के लिए बेकरार है। खुद भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा भी इस बात से इंकार नहीं कर रहे है। उनका कहना है कि 11 से ज्यादा पार्षद जो चुनाव जीतकर पार्षद बने है। वह अब भाजपा में आने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल इनकी एंट्री भाजपा में नहीं होगी। इनमें भाजपा के कुछ बागी भी नवनिर्वाचित पार्षद शामिल हैं। टिकट बंटवारे से नाखुश भाजपा के कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय पार्षद पद का चुनाव लड़कर अपनी अहमियत साबित कर दी है। नगर निगम सदन में पिछले चुनाव में निर्दलीयों की संख्या 10 थीं। इस बार निर्दलीय 15 पार्षद जीतकर सदन में पहुंचे हैं। 100 वार्डों में बसपा और सपा का कोई खास जनाधार काम नहीं आ पाया। 2017 में बसपा के 12 पार्षद चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार बसपा के सिर्फ पांच पार्षद ही जीते है। सपा के सिर्फ पांच पार्षद ही जीतकर सदन में पहुंचे है। कांग्रेस की जहां पिछले चुनाव में सदन में पार्षदों की संख्या 16 थी। वहीं, इस बार सिर्फ तीन पार्षद ही कांग्रेस के नवनिर्वाचित हुए है।

कांग्रेस पिछले सदन में विपक्ष की मुख्य भूमिका में थी, मगर इस बार महज तीन पार्षदों पर सिमट कर रह गई हैं। खास बात यह है कि इस बार नगर निगम सदन में आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद और औवेशी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के दो पार्षद जीतकर सदन में पहुंचे हैं। नगर निगम सदन में अब नवनिर्वाचित पार्षदों की संख्या इस प्रकार से होगी-भाजपा-67 पार्षद,कांग्रेस-3 पार्षद,बसपा-5 पार्षद,सपा-5 पार्षद,निर्दलीय-15 पार्षद जीते है। वहीं,इस बार आम आदमी पार्टी का खाता खुलने के बाद 3 पार्षद,एआईएमआईएम-2 पार्षद शामिल हैं। वर्ष-2017 की बात करें तो भाजपा-57 पार्षद,कांग्रेस-16 पार्षद,बसपा-12 पार्षद, सपा-5 पार्षद,निर्दलीय-10 पार्षद चुने गए थे। लेकिन इस पर भाजपा और निर्दलीय पार्षदों की संख्या में इजाफा हुआ है।भाजपा को इस बार पार्षद चुनाव में बड़ा नुकसान होने का डर था। मगर भाजपा से बगावत करने वाले भी भाजपा के पार्षदों का खेल नहीं बिगाड़ पाए। भाजपा से वार्ड-39 में पूर्व पार्षद हिमांशु लव को टिकट नहीं मिला तो बेटे मनु लव को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया।

मगर यहां से भाजपा के उदित मोहन ने जीत दर्ज कराई।भाजपा हिमांशु व बेट लव को निष्कासित कर चुकी हैं। वार्ड-91 कविनगर से भाजपा के वरिष्ठ नेता बलदेव राज शर्मा के पौत्र शिवम शर्मा को टिकट दिए जाने से खफा हुए अजय गुप्ता निर्दलीय मैदान में कूद गए। मगर वह चुनाव हार गए। अजय गुप्ता को भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वार्ड-69 से भाजपा के कुलदीप त्यागी के खिलाफ बागी होकर तीन नेताओं ने चुनाव लड़ा। मगर वह तीनों हार गए। वार्ड-84 राजनगर से भाजपा के प्रवीण चौधरी के सामने बागी हुए विनीत शर्मा ने चुनाव लड़ा। मगर व 528 वोटों से हार गए। भाजपा ने इन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। ऐसे ही वार्ड-72 कौशांबी से भाजपा के बागी मनोज गोयल ने पत्नी कुसुम को चुनाव लड़ाया और वह जीत गई। मगर भाजपा ने मनोज गोयल को पार्टी से बाहर कर दिया।