निशुल्क आईवीएफ कैंप में 52 दंपत्तियों ने लिया परामर्श

प्रजनन स्वास्थ्य समस्या को लेकर डॉ. गौरी अग्रवाल ने किया जागरूक

गाजियाबाद। उत्तर भारत की आईवीएफ और सरोगेसी सेन्टर की लीडिंग चेन ‘सीड्स ऑफ इनोसेंसÓ द्वारा रविवार को निशुल्क आईवीएफ कैंप का आयोजन किया। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नेहरू नगर के कैंप के अंदर स्थापित मेडिकल फैसिलिटी में करीब 52 दंपत्तियों ने निशुल्क परामर्श लिया।
सीड्स ऑफ इनोसेंस द्वारा आयोजित कैंप का प्रयोजन फर्टिलिटी हेल्थ (प्रजनन स्वास्थ्य) के बारे में जागरूकता लाना था। जहां की जरूरत मंद दम्पत्तियों को नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड और सीमेन एनालिसिस की सुविधा प्रदान की गई। सीड्स आफ इनोसेंस, असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज, इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी के मैनेजमेंट और जेनेटिक डायग्नोस्टिक्स में स्पेशलिस्ट है और इसे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के साथ बनाया गया है। आईवीएफ सेन्टर उत्तर प्रदेश की पहली और एकमात्र मेडिकल फैसिलिटी है जिसमें भ्रूण चिकित्सा के लिए एक डिपार्टमेंट बनाया गया है, इसके साथ ही यहां प्रीमियम ई 10 अल्ट्रासाउंड उपकरण जैसी अंतरराष्ट्रीय हॉलमार्क चिकित्सा तकनीक भी मौजूद है। जो यूनीक फेटल हार्ट टूल्स और स्पेशल जांच पेश करते हुए बेहतर इमेज क्लियर्टी और रंग के साथ गंभीर केसेस का इलाज करने में मदद करती है। थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी 400 वंशानुगत बीमारियों में से किसी भी आनुवंशिक समस्याओं को खत्म करने के लिए सेन्टर प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग (पीजीएस) और प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (पीजीडी) जैसे भ्रूणों के लिए हाई एंड जेनेटिक डायग्नोस्टिक टेस्ट की सुविधा प्रदान करता है।
सीड्स ऑफ इनोसेंस के इस मुफ्त कंसलटेशन कैंप को डॉ गौरी अग्रवाल, फाउंडर, सीड्स ऑफ इनोसेंस, एंव प्रसिद्ध डॉक्टरों और ट्रेंड स्टॉफ की टीम द्वारा संचालित किया गया। बांझपन (इनफर्टिलिटी) से संबंधित समस्याओं और स्वास्थ्य जागरूकता पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इन समस्याओं में लोवर ट्रैक्ट इन्फेक्शन, जिस ट्यूब्स के बंद होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या होती है, उस पर प्रकाश डाला गया। गर्भ निरोधक उपायों के सही उपयोग आदि के बारे में समझाया गया। डॉ गौरी अग्रवाल ने बताया कि सीड्स ऑफ इनोसेंस और मेरे मेडिकल प्रोफेशन का सफर ऐसे ही कैम्प्स से शुरू हुआ। अब इनफर्टिलिटी के बारे में जानकारी बढ़ाना अब मेरा और सीड्स ऑफ इनोसेंस में हमारी टीम का एक केंद्रित सिद्धांत बन गया है। हमने 25 -30 दम्पत्तियों को परामर्श और अल्ट्रा साउंड और सीमेन एनालिसिस जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। हमारे सेंटर की प्रसिद्ध डॉक्टरों की टीम ने सेंटर में स्वास्थ्य जागरूकता एंव बांझपन पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि माना जाता है कि बांझपन सिर्फ महिलाओं में होता है, लेकिन यह सच नहीं है। बांझपन की शिकायत किसी को भी हो सकती है। बांझपन महिला और पुरुष में भेद नहीं करता। यह सभी लोगों की आम समस्या है, और सिर्फ केवल महिलाओं से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। एक और मिथक यह है कि जिन माता-पिता के बच्चे होते हैं, उन्हें बांझपन की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं, यह भी सच नहीं है। इसलिए, जब किसी को गर्भधारण में मुश्किल आती है या फिर बांझपन की शिकायत होती है, तो भारतीय समाज में इसे एक बड़ी समस्या माना जाता है, लोग शर्म महसूस करते हैं। हालांकि, लोगों को इस बारे में जागरुक होना जरूरी है कि बांझपन एक आम समस्या है, जिससे कोई भी पीडि़त हो सकता है। आईवीएफ के बढ़ती जरूरत पर दम्पत्तियों को शिक्षित किया गया।